उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में एटीएस ने एक लाख सत्तानवे हजार रुपये के नकली नोट के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। बिहार के वैशाली जिले के मूल निवासी मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश वाराणसी में घूम-घूम कर पांच सौ रूपये की नकली नोट से खरीदारी कर रहे थे। खास बात ये है कि इनके बांग्लादेश लिंक भी सामने आए हैं।
यह दोनों अभियुक्त वाराणसी से प्रयागराज जाने की योजना बना रहे थे। प्रयागराज में लगने वाले कुंभ में मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश भारी मात्रा में 500 रूपये की नकली नोट खपाने की योजना बना चुके थे। जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग पश्चिम बंगाल के नकली नोट तस्कर के संपर्क में हैं। यह गिरोह बांग्लादेश से नकली नोट उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहा है।
यूपी एटीएस लगातार इस प्रकार के व्यक्तियों को ट्रेस कर रही है। इसी क्रम में पता लगा कि पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोट उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पहुंचाई जा रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस ने वाराणसी में सुलेमान अंसारी और इदरीश को एक लाख सत्तानवे हजार रुपये के नकली नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, यह दोनों वाराणसी से प्रयागराज जाकर नकली नोट खपाने का एक ट्रायल करना चाहते थे। कहां-कहां पर नकली नोट खपाई जा सकती है, इसका सर्वे करने के लिए प्रयागराज जाने वाले थे।
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इसके पहले ये दोनों वाराणसी का भी बाजार घूमने के बहाने सर्वे कर रहे थे। पूछताछ में सुलेमान अंसारी ने बताया कि एक लाख रुपये के नकली नोट बाजार में खपाने के लिए 25 हजार रुपये कमीशन मिलता था। यह भी पता लगा है कि सुलेमान अंसारी बिहार पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वह 6 महीने तक जेल में बंद था। जेल से छूटने के बाद वह फिर इस धंधे में सक्रिय हो गया था। सुलेमान अंसारी और इदरीश ने बताया कि नकली नोट को खपाने के लिए मेला एवं गांव आदि की बाजार को विशेष रूप से टारगेट किया जाता है। वहां पर आसानी से नकली नोट खप जाते हैं।
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