हाल ही में पाकिस्तान के मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मुसलमानों को नाबालिग लड़कियों से शादी करने की इजाजत देने का कारण बता रहे हैं। उनके इस विवादित बयान ने न केवल धार्मिक समुदायों में बहस छेड़ दी है बल्कि यह समाज में बाल विवाह के संवेदनशील मुद्दे पर भी सवाल उठाता है।
मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद द्वारा दिए गए विवादित बयान से संबंधित वीडियो को एक्स ने @pakistan_untold पर पोस्ट किया है। वायरल क्लिप को अब तक 20 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा कि अल्लाह ने मुसलमानों को बाल विवाह की इजाजत दी है, क्योंकि उनके अनुसार, लड़कियां वैसे भी माता-पिता पर बोझ होती हैं। उनका कहना था कि यदि लड़कियों को ज्यादा शिक्षा दी जाएगी, तो भविष्य में उनके ससुराल वाले इसका फायदा उठाएंगे, और इस तरह से इस्लाम ने यह व्यवस्था बनाई कि लड़कियों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर डाली जाए, जो उनसे शादी करेगा।
उनके मुताबिक, बेटी किसी और के घर पैदा होती है और इसलिए उसकी जिम्मेदारी भी किसी और को सौंपी जा सकती है, भले ही वह छोटी उम्र में हो। इसीलिए इस्लाम में नाबालिग लड़कियों की शादी को जायज माना जाता है।
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