महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को हराने के लिए राज्य में मुस्लिम एनजीओ और संगठनों द्वारा ‘वोट जिहाद’ अभियान का माहौल तैयार किया जा रहा है। मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में 400 से अधिक मुस्लिम स्वयंसेवी संस्थाएं सक्रिय हो गई हैं और विशेष रूप से भाजपा के खिलाफ एकजुटता की अपील कर रही हैं। इन संस्थाओं का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा के विरोध में वोट डालने के लिए प्रेरित किया जाए। इस प्रकार का अभियान भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है और इसे लेकर भाजपा और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बीच तीखी प्रतिक्रिया जारी है।
400 से अधिक एनजीओ का भाजपा विरोधी अभियान
अकेले मुंबई में ही 180 से अधिक संगठनों ने नौ लाख मुस्लिम मतदाताओं तक पहुँच बनाई है, जिससे उनका उद्देश्य भाजपा के खिलाफ मतदाताओं की लामबंदी करना है। ये एनजीओ समाज के बीच जाकर भाजपा विरोधी माहौल बनाने में जुटे हैं। ‘वोट जिहाद’ की इस मुहिम में मुस्लिम एनजीओ अपने समर्थकों को भाजपा विरोधी वोट के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसमें भाजपा पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खतरे में डालने और समुदाय पर अन्याय करने का आरोप लगाया जा रहा है।
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने एमवीए को समर्थन दिया
इस चुनावी अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभाते हुए ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने भी भाजपा के खिलाफ मुस्लिमों से एमवीए के समर्थन में वोट देने की अपील की है। बोर्ड ने कांग्रेस नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे, और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को एक पत्र लिखा, जिसमें मुस्लिम समाज की कई मांगें रखी गई हैं। इनमें वक्फ बिल का विरोध, मुस्लिम आरक्षण, पुलिस भर्ती में प्राथमिकता, और आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने जैसी माँगें शामिल हैं। महाराष्ट्र के मस्जिदों में भी मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा के विरोध में मतदान करने की अपील की जा रही है।
भाजपा का आरोप : “धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास”
भाजपा के नेताओं का मानना है कि यह अभियान धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास है, जो देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खंडित करने की साजिश का हिस्सा है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाते हुए इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सोमैया का आरोप है कि महाराष्ट्र में मराठी मुस्लिम सेवा संघ जैसे एनजीओ मुस्लिम समाज को भाजपा के खिलाफ भड़काने और धार्मिक अभियान चलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई सिटी कलेक्टर को इस मामले में शिकायत भेज दी गई है और पुलिस में भी मराठी मुस्लिम सेवा संघ और अन्य संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
मराठी मुस्लिम सेवा संघ का पत्र और भाजपा की चिंताएँ
मराठी मुस्लिम सेवा संघ द्वारा जारी पत्र में मुस्लिम मतदाताओं से अपील की गई है कि वे भाजपा को वोट न दें। पत्र में कई भावनात्मक मुद्दों का उल्लेख करते हुए भाजपा को एक मुस्लिम विरोधी पार्टी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस पत्र में सवाल किए गए हैं, “क्या आप मुस्लिमों की लिंचिंग करवाने वालों को वोट देंगे? क्या आप मदरसों को बंद करने की योजना बनाने वालों को वोट देंगे? क्या आप समान नागरिक संहिता लागू करने वालों को वोट देंगे?” इन बयानों के माध्यम से मुस्लिम मतदाताओं में भाजपा के खिलाफ गुस्से की भावना पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रियंका चतुर्वेदी का बयान
भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एमवीए सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि यदि कोई एनजीओ महाविकास अघाड़ी के समर्थन में वोट मांगता है, तो इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी पसंद का चुनाव करने का अधिकार है, और संविधान की रक्षा की दृष्टि से लोग वहीं वोट देंगे जहाँ उन्हें सुरक्षित महसूस होता है। प्रियंका ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह केवल हिंदू-मुस्लिम विभाजन को बढ़ावा देकर समाज में नफरत फैला रही है।
स्मृति ईरानी का जवाब
प्रियंका के इस बयान के बाद भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जो लोग वोट जिहाद का सहारा लेकर मुस्लिम समाज को उकसा रहे हैं, वे भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कहाँ थे जब तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं ने न्याय की मांग की? भाजपा का मानना है कि इन साजिशों का पर्दाफाश होना चाहिए ताकि देश में निष्पक्ष चुनाव संभव हो सकें।
मुस्लिम एनजीओ की योजनाएं और वोट बैंक की राजनीति
अक्सर देखा गया है कि चुनावी मौसम में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण किया जाता है। इस बार भी मुस्लिम संगठन समान नागरिक संहिता, वक्फ बोर्ड, आरएसएस के मुद्दों पर मुस्लिम समुदाय को एकजुट कर भाजपा के खिलाफ मतदान का आह्वान कर रहे हैं। इनके अलावा रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा भी सामने आया है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ये अवैध अप्रवासी भी महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर रहे हैं और स्थानीय राजनीतिक संस्थाएँ उनका उपयोग अपने वोट बैंक के लिए कर रही हैं।
सामाजिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण का खतरा
भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इस तरह का धार्मिक ध्रुवीकरण एक गंभीर मुद्दा है। यह लोकतंत्र के आधार को कमजोर करता है और समाज में विभाजन को बढ़ावा देता है। मुस्लिम संगठनों का इस प्रकार के अभियान चलाना न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि इससे सामाजिक तनाव और मतभेद भी बढ़ते हैं। इस प्रकार के ध्रुवीकरण से देश में सामाजिक सौहार्द्रता को भी खतरा है।
महाराष्ट्र चुनाव में ‘वोट जिहाद’ का यह मुद्दा भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। भाजपा का कहना है कि देश के एकजुटता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। भाजपा नेताओं का आरोप है कि मुस्लिम संगठनों के इस प्रयास में कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी की भागीदारी स्पष्ट रूप से दिख रही है और यह राष्ट्र की एकता को कमजोर करने वाला कदम है। यह स्थिति न केवल महाराष्ट्र बल्कि समूचे देश के लिए चिंता का विषय बन गई है।
Shivam Dixit started his career in journalism from 2015. He first worked as Special Correspondent in Mansukh Times (Weekly Newspaper) and later came to Delhi and worked as Digital Editor in Sanchar Times Media Group.
After this he joined the News Network of India (NNI) and held the post of Reporter Coordinator in India's paper here. After successfully launching India's Paper Project, Shivam Dixit started his new innings as Social Media In-charge at News1India, Dainik Hint and Niwan Times.
After working in various media organizations for many years, Shivam Dixit is currently working in the national weekly 'Panchjanya' continuously since 1948.
Talking about his achievements, he managed 500 websites of various newspapers of "India's Papers" as manager in NNI. Talking about the output of this project, this project was registered in Limca Book of Records.
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