दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ा झटका उस समय लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने न सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि भाजपा में भी शामिल हो गए। इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है, और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आम आदमी पार्टी के भीतर कुछ बड़ा राजनीतिक बदलाव हो रहा है।
कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल
सोमवार की सुबह कैलाश गहलोत भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निर्णय किसी दबाव में नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “अगर किसी को लगता है कि मैंने किसी दबाव में पार्टी छोड़ी है तो यह गलत है।” गहलोत ने यह भी कहा कि उनका यह कदम आसान नहीं था, क्योंकि वह अन्ना हजारे के आंदोलन के समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे और पार्टी के साथ उनका एक गहरा जुड़ाव था।
कैलाश गहलोत ने बताया कि वह दिल्ली के लोगों की सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति में आए थे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि पार्टी के भीतर उन मूल्यों का पालन नहीं किया जा रहा जिनके कारण वे पार्टी में शामिल हुए थे, तो उन्हें गहरा दुख हुआ। उनका मानना था कि आम आदमी पार्टी अब अपने मूल उद्देश्यों से भटक चुकी है, और यही कारण था कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। गहलोत ने कहा, “आम आदमी से सब खास हो गए हैं,” जो उनके लिए एक गंभीर चिंता का विषय था।
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कोई भी सरकार केंद्र सरकार से टकराएगी, दिल्ली का विकास नहीं हो सकता। भाजपा में शामिल होने के बाद उनका स्पष्ट मानना था कि दिल्ली का विकास तभी संभव है जब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करें।
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