मुस्लिम कर्मचारी ने किए तीन निकाह, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला-शौहर के बाद पेंशन की हकदार पहली बीवी ही
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मुस्लिम कर्मचारी ने किए तीन निकाह, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला-शौहर के बाद पेंशन की हकदार पहली बीवी ही

by Kuldeep Singh
Nov 18, 2024, 01:19 pm IST
in उत्तर प्रदेश
Allahabad high court
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मुस्लिमों में एक से अधिक निकाह करने की परंपरा है। अब एक से अधिक निकाह होंगे, तो संपत्तियों के बंटवारे या फिर शौहर की पेंशन पर विवाद होना तो लाजिमी है। ऐसा ही एक मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट की दहलीज पर पहुंचा। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया कि मुस्लिम व्यक्ति की भले ही तीन बीवियां हो, लेकिन अपने शौहर के बाद उसकी पेंशन की हकदार केवल पहली बीवी ही हो सकती है।

क्या है पूरा मामला

इस मामले की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से होती है, जहां पर कभी कर्मचारी रहे मोहम्मद इशाक नाम के मुस्लिम व्यक्ति की 3 बीवियां थीं। पहली बीवी के होते हुए इशाक ने दूसरा निकाह किया। हालांकि, कुछ सालों में ही उसकी दूसरी बीवी की मौत हो गई। इसके बाद उसने तीसरा निकाह शादमा नाम की मुस्लिम युवती से कर लिया। हालांकि, बाद में शौहर इशाक की भी मौत हो गई। इसके बाद एएमयू से इशाक को मिलने वाली पेंशन उसकी छोटी बीवी को मिलने लगी।

इस पर उसकी पहली बीवी सुल्ताना बेगम ने एएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर पेंशन देने की मांग की। लेकिन, जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह हाई कोर्ट चली गई। उसी मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस प्रकाश पाडिया ने फैसला सुनाया कि मुस्लिम लॉ का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन की हकदार इशाक की पहली बीवी ही है। कोर्ट ने जल्द से जल्द पेंशन इशाक की पहली बीवी को देने का आदेश दिया है।

इसे भी पढ़ें: लड़की 20 व लड़का 23 वर्ष की आयु से पहले बाल विवाह को शून्य करा सकता है : इलाहाबाद हाई कोर्ट

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुवाहाटी हाईकोर्ट के ‘मुस्त जुनुफा बीबी बनाम मुस्त पद्मा बेगम’ केस का हवाला सुल्ताना बेगम के वकीलों ने दिया, जिसमें हाई कोर्ट ने मुस्लिम लॉ के तहत पहली बीवी को ही पेंशन का हकदार माना था।

Topics: मुस्लिम कितने निकाह कर सकते हैंमुस्लिम लॉ#muslimअलीगढ़ मुस्लिम विश्विविद्यालयनिकाहHow many Nikahs can a Muslim doAligarh Muslim UniversityMuslim Lawमुस्लिमAllahabad High Courtकोर्टCourtइलाहाबाद हाई कोर्टnikah
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