बक्सर । बिहार के बक्सर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ईसाई मिशनरियों पर बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं और पुरुषों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया है। घटना सिमरी प्रखंड के नागपुर गांव की है, जहां वायरल वीडियो में कथित रूप से महिलाओं को गंगा स्नान करवाकर उनकी हिंदू पहचान मिटाई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक पादरी तमिलनाडु का निवासी है।
क्या है मामला?
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पादरी महिलाओं के सिंदूर को गंगा नदी में धुलवा रहे हैं। इसके बाद उन्हें पानी में डुबकी लगवाई जा रही है और उनके माथे पर क्रॉस का निशान बनाकर गले में लॉकेट पहनाया जा रहा है। पादरी राजू राम ने स्वीकार किया कि यह प्रक्रिया बपतिस्मा के तहत की गई थी। उसने दावा किया कि यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए आयोजित किया गया था, जो बाइबल में विश्वास रखते हैं और अपने पुराने जीवन को छोड़कर नए जीवन की शुरुआत करना चाहते हैं। पादरी ने यह भी बताया कि उनके संपर्क में 60 से 70 ग्रामीण हैं, जो बाइबल के शिक्षा और रीति-रिवाजों में विश्वास करते हैं। हालांकि, उसने कन्वर्जन के आरोपों को खारिज कर दिया है।
कन्वर्जन के खिलाफ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का विरोध
इस घटना के बाद हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने तीव्र आपत्ति जताई और इसे क्षेत्र के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरियां लालच देकर ग्रामीणों का मतांतरण करवा रही हैं। स्थानीय पुलिस को शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद डुमरांव के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की।
पुलिस और प्रशासन का बयान
थाना अध्यक्ष कमलनयन पांडे ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। बक्सर एसपी शुभम आर्य ने कहा कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को थाने लाया गया है और मामले की विस्तृत जांच हो रही है।
नीरज बबलू का बयान
बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने इस घटना को चिंताजनक बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कन्वर्जन करने वालों का आरक्षण समाप्त करने की मांग की और इस मुद्दे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने उठाने की बात कही।
सांप्रदायिक सौहार्द पर असर
यह घटना न केवल बक्सर बल्कि पूरे बिहार में चर्चाओं का विषय बन गई है। हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हो सकता है। हालांकि मामले की जांच के बाद ही कन्वर्जन के इस केस में बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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