उत्तराखंड

गंगा नगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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दिनेश मानसेरा

हरिद्वार: आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों लोगों ने पावन गंगा में स्नान कर अपनी आस्था प्रकट की। हिंदू धर्म ग्रंथों में इसका विशेष महत्व है। इसके पश्चात ऋतु में भी तेजी से बदलाव होगा और ठंड बढ़ेगी।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक प्रयाग में भारी तपस्या कर ब्रह्मा जी से मनुष्य और देवताओं के हाथों ना मारे जाने का वरदान हासिल किया था। इसके बाद भगवान शिव ने ही उसका वध कर संसार को उससे मुक्ति दिलाई थी। इस दिन उपवास करने से हजार अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है ऐसा कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा की रात को बछड़ा दान करने से शिव लोक की प्राप्ति होती है। जब चंद्रोदय हो रहा हो, तो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूइया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी का आशीर्वाद मिलता है क्योंकि ये स्वामी कार्तिक की माता है।

कार्तिक पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है इस दिन स्नान और दान का बड़ा महत्व है, इस दिन गंगा नदी, सरोवर आदि में स्नान करने से सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है इस दिन श्रद्धालु स्नान कर दीप, दान, हवन, यज्ञ, घी, वस्त्र, ब्राह्मण भोजन, तेल, तिल दक्षिणा दान करते हैं।

इस विशेष दिवस पर विधि-विधान से पूजा अर्चना करना ना केवल पवित्र माना जाता है। बल्कि, इससे समृद्धि भी आती है और इससे सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। इस दिन पूजा करने से श्रीलक्ष्मीनारायण, भगवान शिव और शनि देव की कृपा प्राप्त होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखों के श्रीगुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। अतः इसलिए इस दिन श्रीगुरू नानक देव जयंती भी मनाई जाती है, कार्तिक पूर्णिमा के दिन उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मेला बावा जित्तो देव स्थान झिड़ी सामाचक में लगता है, जम्मू में अधितिकर कुल देव और देवी स्थानों पर मेले लगते हैं। पूर्णिमा के दिन घर के आस पास ज़रूरत मंद लोगों को यथा शक्ति दान करें।

पौराणिक कथा के अनुसार, देवता अपनी दीवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आज हरिद्वार में वीआईपी घाट पर गंगा स्नान कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा को धार्मिक समारोहों का आयोजन करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है, डॉ अग्रवाल ने कहा कि कार्तिक माह के दौरान कार्तिक स्नान करना 100 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर है।

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कार्तिक पूर्णिमा भगवान विष्णु और देवी वृंदा के विवाह समारोह का भी प्रतीक है। इस मेले का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं के मोक्ष पाने के लिए पुष्कर झील में पवित्र डुबकी लगाने के बाद होता है। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने भगवान विष्णु जी से देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशिप्रभा अग्रवाल भी उनके साथ उपस्थित रही।

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