कर्नाटक में लगातार संपत्तियों पर मनमाने तरीके से दावा करते जा रहे वक्फ बोर्ड को बड़ा झटका लगा है। गडग जिले के किसानों ने लंबी लड़ाई के बाद अदालत के जरिए अपनी जमीनों के मालिकाना हक को फिर से हासिल कर लिया है। ये वक्फ बोर्ड की मनमानियों पर बड़ा हथौड़ा माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि राज्य के गडग जिले के 315 किसानों की जमीनों पर मार्च 2019 वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोंक दिया। वक्फ बोर्ड की ओर से किसानों को एक नोटिस भेजा गया कि जिस जमीन पर वो रह रहे हैं, अपनी खेती बाड़ी कर रहे हैं, वो वक्फ बोर्ड की है और उन्होंने अवैध कब्जा कर रखा है। नोटिस मिलते ही किसान परेशान हो गए कि जिस जमीन पर उनके पूर्वज खेती करते आए हैं वो वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है। जबकि इन जमीनों के दस्तावेज भी उनके पास हैं।
इसी परेशानी के बाद उन्होंने वक्फ बोर्ड की इन मनमानियों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया। इसी के तहत अगस्त 2022 में किसान कोर्ट गए। लंबी सुनवाई हुई और आखिरकार अब 315 किसानों ने अपनी जमीन के अधिकार को वापस हासिल कर लिया है। कोर्ट ने पीड़ित किसानों के कब्जे को बरकरार रखा है। हालांकि, कहा जा रहा है कि 201 किसान अभी भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। बहरहाल लंबी लड़ाई के बाद अपनी जमीन के अधिकार को वापस पाने के बाद अब ये लोग बहुत ही उत्साहित हैं। वे लोगों को इसके बारे में जागरूक कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड जमीनों पर मनमाना क्लेम करने का ये पहला मामला नहीं है। हाल ही में बीजेपी की फैक्टफाइंडिंग रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि केवल विजयपुर जिले में ही वक्फ बोर्ड 14,210 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा प्रदेश के 53 स्मारकों पर भी वक्फ बोर्ड क्लेम कर चुका है। हाल ही में उस ऐतिहासिक बीदर किले में भी 17 संपत्तियों को अपना बता दिया था। कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में वक्फ बोर्ड ने हजारों एकड़ जमीनों पर कब्जा कर रखा है।
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