इस्राएल-हमास युद्ध को अब साल से ज्यादा वक्त हो चला है। इधर गाजा तथा लेबनान में संकट कम होने की बजाय बढ़ता ही गया है। कल इसी मुद्दे पर अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन बुलाया गया था। इसमें अरब के नेता शामिल थे तो अन्य लगभग सभी इस्लामी देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन में अपनी बात रखी। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान की जगह उनके उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा जाएंगे।
इस्राएल के हमास को जड़ से मिटाने की मुहिम में गाजा पर पड़ रही जबरदस्त मार के विरुद्ध सऊदी अरब ने अपने यहां दुनिया के तमाम मुस्लिम देशों की बैठक बुलाई। सभी इस्लामी देश गाजा को लेकर अफसोस जताने और इस्राएल को कोसने के लिए एक साथ आए थे, लेकिन पूर्व सूचना के बावजूद इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति का न आना सबको हैरान कर गया है।
ईरानी राष्ट्रपति का कार्यालय भले कितनी भी सफाई दे कि सऊदी अरब के युवराज से फोन पर बात करके राष्ट्रपति के न आने के पीछे समय की कमी बता दी गई थी, लेकिन वह बैठक इतनी महत्वपूर्ण थी कि यह दलील किसी के गले नहीं उतर रही है।
दरअसल सऊदी अरब के युवराज इस्राएल—हमास संघर्ष के मुद्दे पर अगुआई करने की चाहत रखते हैं और इसी दृष्टि से वह बैठक भी रखी गई थी, लेकिन ईरान के राष्ट्रपति का उसमें न आना और उपराष्ट्रपति को भेजने की बात करना शायद सऊदी अरब के युवराज को भाया नहीं है। उस बैठक में गाजा तथा लेबनान को लेकर बात हुई।
दुनिया के अनेक देशों के नेताओं की बैठक में ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान की अनुपस्थिति को लेकर विश्लेषक तरह तरह के निष्कर्ष निकाल रहे हैं। क्या ईरान के राष्ट्रपति को इस्राएल और अपने देश के बीच तकरार से ही सरोकार है? क्या ईरान को गाजा के दर्द से कोई मतलब नहीं है? क्या ईरान, समाचारों के अनुसार, इस्राएल पर किसी बड़े हमले की तैयारी में लगा है इसलिए पेजेशकियान सऊदी अरब नहीं जा पाए? आदि।
इस्राएल-हमास युद्ध को अब साल से ज्यादा वक्त हो चला है। इधर गाजा तथा लेबनान में संकट कम होने की बजाय बढ़ता ही गया है। कल इसी मुद्दे पर अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन बुलाया गया था। इसमें अरब के नेता शामिल थे तो अन्य लगभग सभी इस्लामी देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन में अपनी बात रखी। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान की जगह उनके उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा जाएंगे।
बताया जा रहा है कि ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान ने सऊदी युवराज से ईरान और सऊदी अरब के बीच मौजूदा संबंधों को लेकर फोन पर बात की है। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता 10 नवम्बर की शाम को हुई। इसी चर्चा में ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वह कल यानी 11 नवंबर को होने वाले अरब लीग तथा इस्लामिक सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में इसलिए नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि उनके पहले से कुछ कार्यक्रम तय हैं।
लेकिन विषय के महत्व को देखते हुए ईरानी राष्ट्रपति की ‘व्यस्तता’ वाली बात किसी को समझ नहीं आ रही है। एक वर्ग ऐसा भी मान रहा है कि ईरान की ओर से संकेत दिया गया था कि उसके राष्ट्रपति सिर्फ ऐसी बैठक में शामिल होंगे जिसमें इस्राएल के विरुद्ध सब ईरान के समर्थन की बात करें। लेकिन सऊदी अरब के शिखर सम्मेलन का केन्द्रीय विषय गाजा व लेबनान था इसलिए पेजेशकियान को इसमें कोई रुचि नहीं हुई।
ईरान मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पेजेशकिया ने उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा को बैठक में भाग लेने को कहा है। इस मुद्दे पर सऊदी अरब के युवराज सलमान ने भी टिप्पणी करते हुए इतना ही कहा कि ईरानी राष्ट्रपति के सऊदी अरब न आने की बाबत वे जानते हैं। उन्होंने शायद चुटकी लेने के अंदाज में कहा कि वे ईरान की सफलता के लिए ‘कामना’ करते हैं।
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