रामगुलाम के लिए लिखे अपने बधाई संदेश में मोदी ने लिखा,”मेरे मित्र डॉ. रामगुलाम से सद्भावनापूर्ण वार्ता हुई है। मैंने उन्हें ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई दी है। मॉरीशस का नेतृत्व करने को लेकर उनकी कामयाबी की कामना करते हुए उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया है। हमारी विशेष और असाधारण भागीदारी को सुदृढ़ करने हेतु हम साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।”
समुद्र किनारे बसे मॉरीशस में चुनाव संपन्न हुए हैं और इन चुनावों ने एक नई सत्ता के लिए रास्ता साफ किया है। जनता ने प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ के गठबंधन को परास्त करके नवीन रामगुलाम को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाए जाने का जनादेश दिया है। भातर के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद संभालने जा रहे रामगुलाम को शुभकामनाएं दी हैं।
रामगुलाम पहले भी दो बार मॉरीशस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 10 नवम्बर को उस देश में संसदीय चुनाव हुए थे। उसमें प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने अपनी हार स्वीकारते हुए पद छोड़ने की तैयारी कर ली है। मतगणना के दौरान ही मीडिया से बातचीत में उनका साफ कहना था कि क्योंकि उनका गठबंधन हारने जा रहा है इसलिए वे प्रधानमंत्री पद का त्याग करते हैं। प्रविंद्र साल 2017 में देश के प्रधानमंत्री पद पर बैठे थे। प्रविंद्र ने कहा कि उनके गठबंधन को बड़ी हार का मुंह देखना पड़ रहा है। अब तक वे देश के लिए जो भी कर सकते थे वह उन्होंने किया। अब कुर्सी छोड़ने का वक्त है, क्योंकि जनादेश ने अब कमान दूसरी टीम चुनने का फैसला किया है।
इससे विपक्ष के नेता पूर्व प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के अब तीसरी बार कुर्सी संभालने का रास्ता साफ हो गया। यह तय होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की और रामगुलाम को जीत की बधाई दी।
रामगुलाम के लिए लिखे अपने बधाई संदेश में मोदी ने लिखा,”मेरे मित्र डॉ. रामगुलाम से सद्भावनापूर्ण वार्ता हुई है। मैंने उन्हें ऐतिहासिक चुनावी जीत पर बधाई दी है। मॉरीशस का नेतृत्व करने को लेकर उनकी कामयाबी की कामना करते हुए उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया है। हमारी विशेष और असाधारण भागीदारी को सुदृढ़ करने हेतु हम साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।”
समुद्रतट पर बसे मॉरीशस में संसदीय चुनावों के माध्यम से 62 सांसदों का चुनाव होता है। 10 नवम्बर को सम्पन्न चुनाव में बहुमत पाने के लिए 31 से अधिक सीटें चाहिए होती हैं। प्रविंद्र जगन्नाथ गत माह यूके गए थे। वहां उन्होंने अमेरिका के दखल की वजह से विवाद के केन्द्र में आए चागोस द्वीप समूह पर अपने देश के स्वामित्व को लेकर चर्चा की जो सफल रही थी। लेकिन इस सफलता के विपरीत देश के कुछ बड़े नेताओं, राजनयिकों तथा पत्रकारों के गुपचुप रिकॉर्ड की गई फोन वार्ता लीक होने के बाद काफी फजीहत हुई थी।
मॉरीशस में प्रविंद्र जगन्नाथ तथा नवीन रामगुलाम राजनीति में विशिष्ट माने जाते हैं। दोनों कद्दावर नेता हैं। नीवन रामगुलाम उन शिवसागर रामगुलाम के पुत्र हैं जिनकी 1968 में मॉरीशस को ब्रिटेन की दासता से मुक्त कराने में विशेष भूमिका रही थी। 1995 से 2000 के बीच शिवसागर देश के प्रधानमंत्री थे।
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