भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती को पाकिस्तान के एक गैंगस्टर शहजादा भट्टी ने जान से मारने की धमकी दी है। भट्टी ने वीडियो संदेश में दावा किया कि मिथुन के हालिया बयान ने मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है और इसे लेकर वह उनसे नाराज़ है। वीडियो में 15 दिनों के अंदर माफी मांगने की चेतावनी दी गई है, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।
धमकी का कारण और मिथुन का बयान
पिछले दिनों मिथुन चक्रवर्ती, भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान कोलकाता में एक कार्यक्रम में मौजूद थे, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे। इस दौरान, मिथुन ने तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर के बयान का हवाला देते हुए कहा था, “हमारी मां भागीरथी पर कोई गलत बयानबाजी नहीं बर्दाश्त करेंगे। जो भी गलत करेगा, उसे मिट्टी में मिला देंगे।” इसके बाद, मिथुन के खिलाफ कई थानों में शिकायतें दर्ज करवाई गईं।
एफआईआर और मिथुन पर केस दर्ज
मिथुन के बयान के बाद कोलकाता के जोड़ासांको, बउबाजार और विधाननगर दक्षिण थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। कुछ स्थानीय समूहों ने आरोप लगाया कि उनके बयान से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इससे पहले भी अभिनेता सलमान खान और शाहरुख खान को भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं, जिनके पीछे लॉरेंस का नाम सामने आया था।
गृह मंत्रालय और पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
अब तक गृह मंत्रालय या किसी भी पुलिस अधिकारी ने इस धमकी के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पुलिस प्रशासन इस मामले की जांच में जुटा है और यह समझने की कोशिश कर रही है कि ये धमकी केवल मिथुन तक ही सीमित है या इसमें किसी संगठित नेटवर्क की भूमिका है।
बॉलीवुड और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
मिथुन चक्रवर्ती को धमकी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर उनके फैंस और बॉलीवुड के कई सितारे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। कई बड़े अभिनेता और फिल्म निर्माता उनके समर्थन में सामने आए हैं और सोशल मीडिया पर लगातार उनके लिए समर्थन व्यक्त कर रहे हैं।
समर्थन में अभियान और राजनीतिक संगठनों की प्रतिक्रिया
मिथुन के समर्थन में अभियान शुरू हो गया है। भाजपा और अन्य संगठन इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं। कुछ संगठनों ने पाकिस्तान में बैठे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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