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दीपेश नायर को वर्ष 2024 का यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार, दिव्यांगों के लिए शिक्षा में समानता के बने प्रेरणा-स्रोत बने

शिक्षा, समाज, पर्यावरण, विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले युवाओं को दिया जाता है 'प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार'

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांग छात्रों को समान अवसर दिलाने में किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्य के लिए, इस वर्ष का प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2024 ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ (TEACH) के सह-संस्थापक श्री दीपेश नायर को प्रदान किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें गोरखपुर में 22 से 24 नवंबर के बीच आयोजित होने जा रहे #70thABVPConf के दौरान दिया जाएगा।

यह पुरस्कार वर्ष 1991 से प्रा. यशवंतराव केलकर की स्मृति में स्थापित किया गया है। प्रा. केलकर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का शिल्पकार कहा जाता है, जिन्होंने संगठन की नींव मजबूत करने में अहम योगदान दिया। यह पुरस्कार अभाविप और विद्यार्थी निधि न्यास का एक संयुक्त उपक्रम है, जो युवा सामाजिक उद्यमियों को प्रोत्साहित करता है। इस पुरस्कार के तहत विजेता को ₹1,00,000/- की राशि, एक प्रमाण पत्र, और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाते हैं।

दीपेश नायर का योगदान : श्रवण दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा का एक नया भविष्य

दीपेश नायर, TEACH के सह-संस्थापक, बधिर और कम सुनने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा में समान अवसर प्रदान करने की दिशा में अहम कार्य कर रहे हैं। उन्होंने समाज में श्रवण दिव्यांग छात्रों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का बीड़ा उठाया है, ताकि ये छात्र स्वतंत्र, सम्मानजनक और सफल जीवन जी सकें। TEACH का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को प्रेरित करना है। यह संस्थान ठाणे, पुणे, दिल्ली सहित कई प्रमुख शहरों में कार्यरत है, और इसे अन्य प्रमुख शहरों में विस्तार देने की योजना है।

दीपेश नायर ने केजे सोमैया से एमबीए करने के बाद जेपी मॉर्गन और सिटी बैंक में 12 वर्षों तक काम किया। वर्ष 2016 में उन्होंने TEACH की सह-स्थापना की, जो अब तक हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवा चुका है। TEACH का मॉडल शिक्षा और करियर में गुणवत्ता और समानता सुनिश्चित करता है। इसमें 100% शैक्षणिक परिणाम, 90% प्लेसमेंट दर, और औसतन 2.8 लाख प्रति वर्ष की सीटीसी के साथ उत्कृष्ट करियर अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

शैक्षिक समानता की दिशा में एक नई क्रांति

दीपेश नायर के नेतृत्व में TEACH ने न केवल छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान की है, बल्कि उनके लिए एक समग्र विकास का मॉडल भी प्रस्तुत किया है। यह संस्था स्कूलों के बाद की शिक्षा में बधिर और कम सुनने वाले छात्रों के लिए अवसरों की कमी को दूर करने का काम करती है। संस्था छात्रों के साथ-साथ उनके परिवारों और शिक्षण संस्थानों को भी सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करती है।

अभाविप का संदेश और सम्मान

अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान और चयन समिति के संयोजक प्रा. मिलिंद मराठे ने श्री दीपेश नायर को बधाई दी। उन्होंने नायर के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उनका प्रयास देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अभाविप के अनुसार, दीपेश नायर का यह कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और दिव्यांग छात्रों के सशक्तिकरण की दिशा में एक अद्भुत प्रयास है।

TEACH का प्रभाव और भविष्य की योजनाएँ

TEACH ने अपनी स्थापना के बाद से लगातार सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। वित्त वर्ष 23-24 में संस्था ने 40% नामांकन बढ़ोतरी और छात्रों की औसत सीटीसी में 13% वृद्धि दर्ज की है। TEACH के मॉडल में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को समग्र विकास के लिए अनुकूल माहौल दिया जाता है। श्री नायर और उनकी टीम का लक्ष्य इसे देशभर के प्रमुख शहरों में विस्तार देना है ताकि अधिक से अधिक बधिर और कम सुनने वाले छात्र शिक्षा और करियर के अवसरों का लाभ उठा सकें।

प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार का उद्देश्य

प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य समाज के युवा सामाजिक उद्यमियों के कार्य को प्रोत्साहित करना, उनके योगदान को उजागर करना और युवाओं को सामाजिक सेवा कार्यों के लिए प्रेरित करना है। इस पुरस्कार के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाता है कि युवाओं में सामाजिक बदलाव लाने की क्षमता है और यह समाज को सशक्त बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सामाजिक और शैक्षिक बदलाव की दिशा में TEACH का महत्व

TEACH के प्रयास समाज में श्रवण दिव्यांग छात्रों के प्रति सोच में बदलाव लाने के साथ-साथ शैक्षिक अवसरों को विस्तारित करने का कार्य कर रहे हैं। इस संस्थान के सह-संस्थापक दीपेश नायर और उनके सहयोगी अमन शर्मा का यह प्रयास छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों के रास्ते खोलता है और उन्हें मुख्यधारा में समाहित करने में सहायक है।

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