कमला हैरिस को लेखिका कारा डांस्की का खुला पत्र: अमेरिका का मुख्यधारा का मीडिया रहा मौन, ट्रम्प ने उठाए मुद्दे
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

कमला हैरिस को लेखिका कारा डांस्की का खुला पत्र: अमेरिका का मुख्यधारा का मीडिया रहा मौन, ट्रम्प ने उठाए मुद्दे

अमेरिका में चुनाव परिणाम आ चुके हैं और जैसा कि अपेक्षा की जा रही थी, वहां सत्ता परिवर्तन हुआ है और डोनाल्ड ट्रम्प जीतकर आ गए हैं।

by सोनाली मिश्रा
Nov 10, 2024, 01:29 pm IST
in विश्व
us presidential election

us presidential election

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अमेरिका में चुनाव परिणाम आ चुके हैं और जैसा कि अपेक्षा की जा रही थी, वहां सत्ता परिवर्तन हुआ है और डोनाल्ड ट्रम्प जीतकर आ गए हैं। जैसे भारत में एक बहुत बड़ा वर्ग है, जो यह मानकर चल रहा था कि भारत में इस बार चुनावों में राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने ही वाले हैं। वे यह भी कह रहे थे कि भारत में लोकतंत्र समाप्त है। यदि राहुल गांधी जीतते हैं, तो ही लोकतंत्र बचेगा। इसी तर्ज पर अमेरिका में भी चुनाव हुए थे।

अमेरिका में मीडिया की तमाम कोशिशों और प्रपंचों के बावजूद ट्रम्प जीत चुके हैं। कमला हैरिस हार चुकी हैं। कमला हैरिस की हार को लेकर एक लेखिका और कभी एक कट्टरपंथी फेमिनिस्ट और डेमोक्रेट रही कारा डांस्की (Kara Dansky) ने एक खुला पत्र लिखा था। उन्होंने उन मुद्दों पर कमला हैरिस का ध्यान आकर्षित किया था, जो जनता की दृष्टि में महत्वपूर्ण थे, मगर वोक और फेमिनिस्ट कमला हैरिस और उनकी पार्टी की दृष्टि में तनिक भी महत्वपूर्ण नहीं थे।

यह पत्र उन्होंने अगस्त 2024 में लिखा था। Kara Dansky उन मुद्दों को देख और समझ पा रही थीं, जो मीडिया समझकर भी नादान बन रहा था। उन्होंने लिखा था कि वे तीन बार कमला हैरिस से मिलीं और तीनों ही मुलाकात बहुत संक्षिप्त थी। उन्हें नहीं लगता कि कमला को यह याद रहा होगा। वे लिखती हैं कि आपसे इतने वर्षों से परिचित हूं और उस आधार पर मैं यह जानती हूँ कि वह यह जानती हैं कि महिलाएं ही महिलाएं हैं और कोई भी पुरुष-महिला नहीं है। कारा डांस्की जेंडर की पहचान पर प्रश्न उठाती हैं। वह लिखती हैं कि बहुसंख्यक अमेरिकी नागरिकों की तरह आप भी यह जानती हैं कि “महिला” शब्द का अर्थ उन वयस्क इंसानों से है, जो महिला हैं और आप खुद यह जानती हैं कि महिला और पुरुष में क्या अंतर होता है।

अमेरिका में पिछले दो-तीन वर्षों से लैंगिक और यौनिक पहचान को लेकर भ्रम उत्पन्न करने का बहुत प्रयास किया गया था। महिलाओं की जेल में उन कथित महिलाओं को भी भेज दिया गया था, जो जैविक रूप से पुरुष थे, मगर खुद को महिला मानते थे। लेखिका इन मामलों पर चुप्पी पर प्रश्न उठाती हैं। लेखिका ने एक पुस्तक भी इसी विषय पर लिखी है और अपनी पुस्तक का हवाला भी देती हैं। उन्होंने लिखा कि जैसे जैसे कमला डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति नामांकन के पथ पर आगे बढ़ीं तो उन्होंने कमला से अनुरोध किया कि लिंग पहचान” (या “ट्रांस” या “ट्रांसजेंडर” विचारधारा) की वामपंथी, कट्टरपंथी नारीवादी आलोचना पर विचार करें। कमला ऐसा नहीं कर रही हैं। मेरे जैसे डेमोक्रेट पार्टी नेतृत्व को सालों से यह समझाने की कोशिश करते रहे। हर दिन, मैं आम डेमोक्रेट (और, सबसे महत्वपूर्ण, पूर्व डेमोक्रेट) से सुनती हूं कि वे पार्टी द्वारा महिलाओं और लड़कियों (समलैंगिकों सहित) को “लिंग पहचान” के लिंगवादी, प्रतिगामी, सत्तावादी, समलैंगिकता विरोधी मुद्दे पर पूरी तरह से छोड़ दिए जाने से कितने निराश हैं। हम आपसे अपना रास्ता बदलने की भीख मांग रहे हैं। हम नवंबर में डेमोक्रेट के लिए वोट करना चाहते हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा था कि लोग इस बात से नाराज हैं कि जेंडर आइडेंटिटी दरअसल महिलाओं और लड़कियों को खत्म कर रही है। वह ऐसे कई उदाहरण देती हैं, जिनके माध्यम से संदेश पहुंचाने का काम किया गया, मगर दुर्भाग्य से उनकी बात नहीं सुनी गई। जेंडर संबंधित पहचान आम नागरिकों में बहुत बड़ा मुद्दा थी। जो जैविक महिला है, उसका अधिकार छीनकर ट्रांस-महिलाओं के पास जाना आम लोगों को प्रभावित कर रहा था। और जिस प्रकार महिला खिलाड़ियों के साथ अन्याय हो रहा था, उसे लेकर आम जन कुपित था और जिस प्रकार बच्चों के अभिभावकों को उनके बच्चों के इतने बड़े विषय को लेकर अपराधी ठहराया जा रहा था, वह भीतर-ही-भीतर लोगों को मथ रहा था, जैसा सोशल मीडिया और नेट पर तमाम लेखों आदि से प्रतीत हो रहा था, मगर लेखिका Kara Dansky के इस पत्र के अनुसार कमला हैरिस और उनकी पार्टी इस तरफ ध्यान नहीं दे रही थीं।

यहाँ तक कि उनकी तरफ से एक पत्र एक ट्रांस जेंडर एक्टिविस्ट Dylan Mulvaney को भेजा गया था, जिसमें उन्होनें “लड़कीपन के 365 दिनों का जश्न” मनाने की बधाई भेजी थी।
लेखिका ने पत्र में कमला हैरिस से यह आशा व्यक्त की थी कि वे महिलाओं और लड़कियों की मसीहा होने का दावा करती हैं, तो अब कमला को उनकी बात सुननी चाहिए। वे लिखती हैं कि आप अमेरिकी महिलाओं और लड़कियों की परवाह करने का दावा करती हैं। अब समय आ गया है कि आप अपनी बात पर अमल करें। हममें से कई लोग आपकी बात पर नज़र रखेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप सही काम करेंगे।

इस पत्र से यह स्पष्ट है कि अगस्त में जब अमेरिका का मुख्यधारा मीडिया लगातार कमला को सकारात्मक रेटिंग दे रहा था, और ट्रम्प को नकारात्मक दिखा रहा था, उस समय ट्रम्प और उनकी पार्टी के लोग उन मुद्दों पर जनता से संवाद कर रहे थे, जो वास्तव में जनता के मुद्दे थे और जिन्हें लेकर जनता सबसे अधिक परेशान थी।

 

Topics: डोनाल्ड ट्रंपUS Presidentअमेरिकी राष्ट्रपति चुनावUS presidential electionAmerican mediadonald trumpकमला हैरिसKamala Harris
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

BRICS trump tarrif threat

BRICS-2025: कौन हैं वो 11 देश जिन्हें ट्रंप ने दी 10% एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी

Texas Flood death toll rises

टेक्सास में भीषण बाढ़: 80 की मौत, 28 बच्चे शामिल, 41 लोग लापता

Russia ukraine War

रूस-यूक्रेन युद्ध: चार साल बाद भी नहीं थम रही जंग, ट्रंप ने पुतिन को ठहराया जिम्मेदार

Naser makarem Shirazi

ईरान के मौलाना का ट्रंप और नेतन्याहू के खिलाफ फतवा, कहा-अल्लाह का दुश्मन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

बड़बोले ट्रंप

Israel strike kills new iranian commander

इजरायल का ईरान पर ताबड़तोड़ हमला: इविन जेल में 71 की मौत, कहा-ट्रंप और नेतन्याहू को जीने का हक नहीं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies