विविधता में एकता ही भारतीयता की पहचान
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम मत अभिमत

विविधता में एकता ही भारतीयता की पहचान

हिंदू धर्म ने हमेशा मानवता की भलाई, सभी धर्मों के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना की और हमेशा बड़े पैमाने पर दुनिया के कल्याण को बढ़ावा दिया।

by लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास,पीवीएसएम, बार टू एसएम, वीएसएम ( सेवानिवृत)
Nov 9, 2024, 01:35 pm IST
in मत अभिमत
Unity in Diversity in India

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मुझे एक किस्सा स्पष्ट रूप से याद है जो मैंने बचपन में पढ़ा था। लगभग छह साल के छोटे बच्चे के साथ एक युवा व्यक्ति उसका पिता रहता था। रविवार को, पिता एक सप्ताह की व्यस्त दिनचर्या के बाद आराम करना चाहता था लेकिन बच्चा उसके साथ खेलने पर जोर दे रहा था। पिता बच्चे के साथ खेलने में शामिल हो गए लेकिन जल्द ही थक गए और आराम करना चाहते थे। शरारती बच्चे के और आग्रह करने पर पिता ने बच्चे को किसी कठिन पहेली में व्यस्त रखने की सोची। उन्होंने स्टडी टेबल पर पड़ी पत्रिका निकाली और उसके एक पन्ने पर भारत का नक्शा पाया। उन्होंने जल्दी से नक्शे को कागज के छोटे टुकड़ों में फाड़ दिया और अपने बच्चे को भारत के नक्शे को जोड़ने के लिए कहा। उसे यकीन था कि बच्चे को नक्शे को जोड़ने में घंटों लगेंगे और इस तरह उसके पास झपकी लेने के लिए पर्याप्त समय होगा। उसने अपनी आँखें बंद ही की थीं कि उसके बच्चे ने उसे जगाया और भारत का नक्शा उसके सामने रख दिया। वह अपने बच्चे की तेज बुद्धि पर चकित था लेकिन उसने बच्चे से पूछा कि नक्शे को इतनी जल्दी कैसे जोड़ा जा सकता है। बच्चे ने जवाब दिया कि यह आसान था। बच्चे ने दिन में पहले पत्रिका को देखा था और पृष्ठ के एक तरफ एक आदमी की एक पूर्ण आकार की तस्वीर थी और दूसरी तरफ भारत का नक्शा था। बच्चा जल्दी से परिचित मानव शरीर के अंगों को जोड़ने लगा। उसने एक बार शरीर के अंगों को सही ढंग से जोड़ने के बाद, दूसरी तरफ भारत का नक्शा सही ढंग से प्रदर्शित मिला। मैंने अक्सर युवा छात्रों के साथ अपने सार्वजनिक भाषण में इस किस्से को उद्धृत किया है कि जब मनुष्य एकजुट होते हैं, तो भारत स्वतः एकजुट हो जाता है।

कुछ दिन पहले मैं सैन्य स्टेशन के एक मंदिर में गया। आरती के बाद पंडित जी ने कहा, ” प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो”। अब तक मैं इन बातों को महज रस्म की तरह लेता रहा हूं, लेकिन अब मुझे इस तरह की बातों के महत्व का एहसास हो रहा है। हिंदू धर्म हमेशा से इतना बड़ा दिल और उदार था। हिंदू धर्म ने हमेशा मानवता की भलाई, सभी धर्मों के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना की और हमेशा बड़े पैमाने पर दुनिया के कल्याण को बढ़ावा दिया। हिंदू धर्म और हिंदुत्व की गहराई अभी मुझे समझ आ रही है। मैं हिन्दू धर्म की उदार विचार प्रक्रिया के साथ-साथ सभी मतों की आसान स्वीकार्यता पर भी चकित हूं। हिंदुओं की एकता एक स्वाभाविक प्रक्रिया होनी चाहिए, जो जातिगत विचारों से बहुत ऊपर हो।

मैं यह भी सोचता हूं कि हमें भारत में हिंदुओं की एकता के बारे में चिंतित क्यों होना चाहिए। भारत एक ऐसा देश है जहां लगभग 100 करोड़ हिंदू आबादी है। विश्व की हिन्दू जनसंख्या लगभग 1.2 बिलियन या 120 करोड़ आंकी गई है, जो विश्व जनसंख्या का लगभग 15% है। यह ईसाई मत और इस्लाम के बाद हिंदू धर्म को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बनाता है। भारत की हिंदू आबादी 1 बिलियन से अधिक या 100 करोड़ से अधिक लोगों की अनुमानित है, जो देश की आबादी का लगभग 78% है। इतनी बड़ी जनसंख्या के आधार के साथ, भारत दुनिया की 94% हिंदू आबादी का घर है। भारत में हिंदू बहुत सारी भाषाएं बोलते हैं और धर्म में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान, प्रार्थना और रीति-रिवाज होना स्वाभाविक है। फिर भी हिंदू धर्म एक ऐसी भावना है जो भारत में हिंदुओं को एकजुट करने में सक्षम होनी चाहिए। किसी भी अन्य मत के प्रति अनादर किए बिना, हिंदू धर्म को अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम होना चाहिए और हिंदू विश्वासियों को दुनिया में कहीं भी, इस धर्म का पालन करने में सुरक्षित महसूस करना चाहिए।

हिंदू महिलाएं हिंदू आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं जो एक बहुत बड़ी संख्या है। हिंदू महिलाओं का परिवार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और इस प्रकार उनका ध्यान अपने करीबी परिवार के सदस्यों तक ही सीमित रहता है। मुझे लगता है कि हिंदू महिलाओं, विशेष रूप से जिनकी बड़ी संख्या में अनुयायी हैं उनको हिंदुओं के बीच एकता के विचार का प्रचार करना चाहिए। जातिविहीन हिंदू समाज को अपनाने के लिए महिलाएं रोल मॉडल हो सकती हैं। उन क्षेत्रों में जहां स्पष्ट रूप से परिभाषित मातृसत्तात्मक समाज है, हिन्दू धर्म की एकता के प्रति परिवर्तन बहुत तेजी से हो सकता है। महिलाएं भारत और विश्व के व्यापक कल्याण के लिए हिंदुओं के एकीकरण में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं।

हम यह भी जानते हैं कि ‘एकजुट हम खड़े हैं, विभाजित हम गिरते हैं’। एकता के लिए इस तरह का आह्वान आवश्यक रूप से एक धार्मिक आह्वान नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य है। बांग्लादेश के हिंदुओं की एकता इसका अच्छा उदाहरण है। बांग्लादेश के हिंदू एकजुट हो गए हैं क्योंकि उनका अस्तित्व दांव पर है। इसलिए हिंदुओं की एकता उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक है, तत्काल और दीर्घकालिक में। इस तरह के एकीकरण का राजनीतिक संदेश भी महत्वपूर्ण है, लेकिन विचार और विवेक स्वाभाविक तरीके से आना चाहिए। भारत में किसी भी प्रशासनिक और आर्थिक निर्णय में हिंदुओं के हित निहित होने चाहिए।

विविधता में एकता भारतीय जीवन शैली है लेकिन भारत का अस्तित्व हिंदुओं की एकता से जुड़ा हुआ है। जिस तरह से अयोध्या राम मंदिर बना है, दुनिया भर के हिंदू रामलला के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े हैं। हिंदू धर्म को अयोध्या राम मंदिर जैसे कई और उत्प्रेरकों की आवश्यकता है। प्रकाशिकी के अलावा, विचार, कार्य और विश्वास में हिंदुओं का एकीकरण विकसित भारत @ 2047 की प्राप्ति के लिए आवश्यक है।

Topics: भारत की सांस्कृतिक विविधताCultural Diversity of IndiaIndiaभारतHinduismभारतीयताIndiannessहिन्दू धर्मपाञ्चजन्य विशेष
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies