नई दिल्ली । दिल्ली के कई हिस्सों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे शहर में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 383 दर्ज किया गया, जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर से शहर के लोग बीमारियों के जोखिम में हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल इस प्रदूषण से राहत के कोई आसार नहीं हैं।
दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर स्तर : आंकड़े चौंकाने वाले
शुक्रवार को दिल्ली के बवाना क्षेत्र में AQI का स्तर 440 के पार दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसके अलावा शहर के 16 प्रमुख स्थानों पर AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के गंभीर स्तर को दर्शाता है। विभिन्न इलाकों के प्रदूषण स्तर कुछ इस प्रकार हैं :
- मंदिर मार्ग : 374
- चांदनी चौक : 280
- आईटीओ : 361
- इंडिया गेट : 388
- पूसा : 347
- शादीपुर : 377
- न्यू मोतीबाग : 415
- अशोक विहार : 401
- पटपड़गंज : 402
- आरके पुरम : 394
- नेहरू नगर : 404
- वजीरपुर : 412
- पंजाबी बाग : 409
- सोनिया विहार : 402
- आनंद विहार : 412
- विवेक विहार : 410
प्रदूषण के स्तर का असर और स्वास्थ्य संबंधी खतरे
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में वर्तमान में हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व जैसे PM2.5 और PM10 सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक हैं। इस स्तर का प्रदूषण बुजुर्गों, बच्चों और सांस संबंधी बीमारियों वाले लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग घर के अंदर रहें, बाहर के काम सीमित करें और मास्क का उपयोग करें।
एक्यूआई स्तर के मापदंड:
- 0-50 : अच्छा
- 51-100 : संतोषजनक
- 101-200 : मध्यम
- 201-300 : खराब
- 301-400 : बहुत खराब
- 401-500 : गंभीर
फिलहाल राहत के कोई आसार नहीं : मौसम विभाग
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में आगामी दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे प्रदूषण के स्तर में किसी भी तरह की कमी आने की उम्मीद नहीं है। आमतौर पर सर्दियों के मौसम में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व हवा में स्थिर रहते हैं और वायुमंडल में फैल नहीं पाते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदूषण के गंभीर स्तर पर बने रहने की संभावना है।
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार के प्रयास
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें पराली जलाने पर सख्ती, वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज को रोकना शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण की इस समस्या के समाधान के लिए दीर्घकालिक कदम उठाने होंगे, जिनमें स्थायी नीति और अन्य राज्यों के साथ सहयोग की आवश्यकता है।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर से बचने के लिए विशेषज्ञों ने दिल्ली के नागरिकों को निम्नलिखित सलाह दी है:
- मास्क का उपयोग करें : बाहर जाते समय एन95 मास्क का उपयोग करें।
- घर के अंदर रहें : घर के अंदर रहें और बाहर के कार्यों को सीमित करें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें : घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- पौधों का रोपण करें : घर में एलोवेरा, स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाएं, जो हवा को शुद्ध करने में सहायक होते हैं।
- बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें : बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें, क्योंकि वे प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
क्या कहता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) यह बताता है कि हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा कितनी है और वे स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव डाल सकते हैं। AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है। 0 से 50 तक का AQI ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 ‘गंभीर’ माना जाता है। फिलहाल दिल्ली के कई हिस्सों में AQI 400 से ऊपर होने के कारण स्थिति गंभीर है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद, प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण में हुई इस बढ़ोतरी से राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं है। आने वाले दिनों में दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाव के उपायों को अपनाते हुए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
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