हिंदुओं के त्यौहारों, शोभायात्रा, मूर्ति विसर्जन और छोटे से छोटे धार्मिक आयोजन में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा माहौल बिगाड़ना जारी है। बिहार के पूर्णिया में छठ महापर्व के मौके पर गुरुवार (7 नवंबर) को कट्टरपंथियों ने महिलाओं, बच्चों पर जानलेवा हमला किया और छठ घाट को पूरी तरह से तहत-नहस कर दिया। यह घटना बायसी थाना क्षेत्र के माला गांव की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इन कट्टरपंथियों के मन में हिंदुओं और उनके त्यौहारों के प्रति कितनी घृणा है। उन्होंने घाट पर लगाए गए केले के थंब, फूल पत्ती से की गई सजावट को कुछ ही समय में तोड़फोड़ दिया। पूजा सामग्री को भी फेंक दिया और घाट को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।
कट्टरपंथियों की कायराना करतूत से आक्रोशित हिंदुओं के आपत्ति जताने के बाद पुलिस ने छठ घाट पर तोड़फोड़ करने वाले आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्णिया पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने अपने अधिकारिक अकाउंट पर शुक्रवार (8 नवंबर) सुबह जानकारी दी, “दिनांक 07.11.2024 को बायसी थानान्तर्गत माला गांव में नदी किनारे बने छठ घाट को कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा नुकसान पहुंचाया गया था। इस घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक महोदय के आदेशानुसार बायसी थाना के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए छठ घाट को नुकसान पहुंचाने वाले असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। छठ घाट को पुन: सुसज्जित कर शांतिपूर्ण तरीके से छठ पर्व मनाया जा रहा है।”
घाट पर पहले से घात लगाकर बैठे थे कट्टरपंथी
बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। छठ व्रतियों ने गांव के ही रहने वाले कट्टरपंथियों पर आरोप लगाया है कि वे उन पर हमला करने के लिए घाट पर पहले से ही घात लगाकर बैठे हुए थे। वे लोग संध्या अर्घ्य के बाद अपने घर लौट रहे थे, उसी बीच रास्ते में कट्टरपंथियों ने महिलाओं और बच्चों को घेर कर जानलेवा हमला बोला दिया। उन्होंने छठ पर्व पर माहौल बिगाड़ने के लिए लाठी-डंडों, तलवारों, ईंट और पत्थरों से पूरे घाट को तहस नहस कर दिया। पैरों से और हाथों से पूरे घाट को उजाड़ दिया गया। निर्जला उपवास करने वाले श्रद्धालु छठ घाट की हालत देखकर वहीं पर रोने लगे। सूचना मिलते ही पूर्णिया डीएम कुन्दन कुमार और एसपी कार्तिकेय शर्मा घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाकर माहौल को शांत कराया।
ना कोई जुलूस, ना डीजे बजा फिर हमला क्यों किया?
वहीं वायरल वीडियो देखने के बाद से हिंदुओं में काफी आक्रोश है। एक्स पर हिंदू इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर कर रहे हैं। रिनिति पांडे ने इस वीडियो को शेयर कर तथाकथित बुद्धिजीवियों को घेरा है। उन्होंने लिखा, ”पूछो उनके पैरोकारों से, पूछो उन सेकुलर हिंदुओं से, पूछो अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी से कि छठ पूजा में ना कोई जुलूस निकलता है ना डीजे बजता है फिर बिहार के पूर्णिया में जिहादियों ने छठ व्रतियों पर हमला क्यों किया?”
नरेश सोलंकी ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए लिखा कि कुछ लोगों की मानसिकता इतनी गिर गई है कि वे केवल और केवल हिंदू धर्म के पर्व और उनके त्योहारों में ही खलल डालते हैं। ऐसे जिहादियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए। एक यूजर ने लिखा कि कोई भी हिंदू त्यौहार बिना हमलों के नहीं हो रहा। इनके त्यौहार पर भी यही हो तो इन्हें पता चले। अपर्ण शर्मा लिखते हैं कि इन जिहादियों को इनकी औकात दिखाने का समय आ गया है। संगठित रहो मजबूत बनो।
देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदुओं को निशाना बनाया
बीते कुछ दिनों में इस्लामी कट्टरपंथियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदुओं और उनके देवी-देवताओं को निशाना बनाया है। कट्टरपंथियों ने कहीं दुर्गा पंडाल पर पथराव किया तो कहीं मूर्ति विसर्जन के जुलूस पर, कहीं जुलूस के रास्तों को लेकर विवाद किया। उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल और असम तक पथराव और हिंसा हुई है। हिंदुओं से घृणा करने वालों ने उनकी आस्था को ठेस पहुंचाया। देवी की मूर्तियों को आग लगा दी और कई पंडालों को तबाह किया। यहीं नहीं मुस्लिम कट्टरपंथियों ने देवी की मूर्तियों के विसर्जन स्थल पर भी पहुंचकर पथराव किया। वहीं बहराइच में तो मासूम रामगोपाल मिश्रा को केवल हरा झंडा उतारने के कारण कट्टरपंथियों ने गोलियों से भूनकर मार डाला।
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