कश्मीर से लेकर इंग्लैंड तक, हिंदू परिवारों के पलायन की घटनाओं में एक ही पैटर्न दिखाई दे रहा है। डराने-धमकाने, संपत्तियों पर कब्जा करने और मना करने पर व्यक्तिगत हमलों तक की घटनाओं के बीच, कई हिंदू परिवार अपने घरों और पुश्तैनी जमीनों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। वर्ष 2016 से 2024 तक विभिन्न तथाकथित मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में 35 प्रमुख घटनाएँ दर्ज की गईं, जहाँ हिंदू परिवारों को मजहबी तत्वों के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। यह घटनाएँ दर्शाती हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में मजहबी कट्टरपंथी तत्वों का आतंक किस प्रकार धार्मिक और सामाजिक समरसता को चोट पहुँचा रहा है।
कैराना में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट ने पुष्टि की थी कि 400 हिंदू परिवारों ने मुसलमानों के डर से शहर छोड़ दिया। रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे आतंक के कारण हिंदू महिलाओं को आए दिन छेड़खानी और हिंसा का सामना करना पड़ता था। इन घटनाओं ने धार्मिक और सामाजिक समरसता को गंभीर चोट पहुँचाई है और इसके प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महसूस किए जा रहे हैं।
मुस्लिम दंगाइयों से तंग आकर हिंदू परिवार ने लिया पलायन का फैसला
1 नवंबर 2024 कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) : विशुनपुरा थाना के गाँव बाँसगाँव खास में पड़ोसी मुस्लिमों के आतंक से तंग आकर हिन्दू परिवार (सच्चिदानंद पांडेय) को पालयन का पोस्टर लगा पड़ा। मुस्लिम जबरन सच्चिदानंद के घर के सामने कूड़ा-करकट डाला करते थे। सच्चिदानंद को भगाने के लिए गांव के प्रधान जैनुद्दीन अंसारी भी जबरन पांडेय के दरवाजे से होकर नाली का निर्माण करवाने लगा।
दिवाली के दिन हमला, पलायन के मजबूर हिंदू परिवार
27 अक्टूबर, 2024 बल्लभगढ़ (हरियाणा) : सुभाष कॉलोनी में दिवाली केआगमन पर दीये और पटाखे जलाने से नाराज होकर आशिक, राशिद, मेवाती, सलमान, गौना सहित मुस्लिम पड़ोसियों ने लोहे का सरिया, डंडे, चाकू व पेट्रोल की बोतल से हिंदुओं के घरों पर हमला किया। दंगाइयों द्वारा हिंदू परिवारों के घरों पर ईंट-पत्थर बरसाए गए, दरवाजे तोड़ दिये गए। मुस्लिम पड़ोसियों के आतंक से तंग आकर हिंदू परिवार के लोगों ने घर के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ का नोटिस लगा दिया।
400 की भीड़ ने किया हमला! हिंदू परिवारों ने लिखा ‘ये मकान बिकाऊ है’
19 अगस्त, 2024 बिजनौर (उत्तर प्रदेश) : मोहल्ला सराय रफी में मोहम्मद मुजम्मिल नाम के मुस्लिम युवक ने हिंदू लड़की का नंबर लेकर इंस्टाग्राम पर अश्लील चैटिंग करने लगा। पीड़िता के परिजनों ने जब विरोध किया तो 300 से 400 लोगों की मुस्लिम भीड़ इकट्ठा हो कर हमला हिंदू परिवार पर बोल दिया। मुस्लिम दंगाइयों के महिलाओं से छेड़खानी और त्योहारों पर हमले की घटनाओं से तंग आकर कई हिंदू परिवारों ने अपने घरों की दीवारों पर “यह मकान बिकाऊ है” लिखवा दिया और पलायन करने का फैसला लिया।
मुसलमानों के अत्याचार से हिंदू परिवार ने चिपकाये पलायन के पोस्टर
20 अक्टूबर, 2024, अमरोहा (उत्तर प्रदेश) : मंडी धनौरा क्षेत्र के एक गांव में मुस्लिम दंगाइयों ने एक हिंदू परिवार पर लाठी डंडों से बेरहमी से पिटाई की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पड़ोस के मुस्लिम युवक ने उनकी लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गया, जब उन्होंने विरोध किया तो हमला कर दिया, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने मुस्लिम उपद्रवियों से तंग आकर पलायन करने की बात प्रशासन के सामने रखी।
पहले किया हिन्दू घरों पर कब्जा, फिर पूरी बस्ती का रख दिया मुस्लिम नाम
10 जुलाई, 2024, लाड कारंजा, (महाराष्ट्र) : वानीपुरा बस्ती में मुस्लिमों की संख्या (लगभग 70 फीसदी) अधिक होने के कारण मुस्लिम दंगाइयों के प्रताड़ना से तंग आकर हिंदू परिवार बिना घर बेचे पलायन कर गए हैं, जो गिनती के 4 हिंदू घर बचे हैं उन पर भी पलायन के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मुस्लिम उपद्रवियों ने मनमानी तरीके से हिंदुओं के घरों पर पहले तो कब्जा किया फिर वानीपुरा बस्ती का नाम बलकर मस्तान चौक कर दिया।
जयपुर में हिंदुओं को पलायन न करने की अपील, शिकायत पत्र सौंपा
13 जून, 2024, जयपुर (राजस्थान) : मुस्लिम बहुल शिवाजी कॉलोनी में हिंदू परिवारों ने पोस्टर लगाकर पलायन कर रहे हिंदुओं से घर गैर-हिंदुओं को न बेचने की अपील की। हिंदुओं ने आरोप लगाया कि मुस्लिमों ने हिंसा और लड़कियों से उत्पीड़न और छेड़छाड़ किया। इसके बाद, हिंदुओं ने भट्टा बस्ती थाने में शिकायत दी और कार्रवाई न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी।
दरभंगा में हिंदू परिवार गांव छोड़ने पर मजबूर
05 फ़रवरी, 2024, दरभंगा (बिहार) : मोहम्मद गुड्डू और उसके 5 भाइयों ने एक हिंदू परिवार को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया और घर में आपत्तिजनक सामान फेंका। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे मुस्लिम बहुल गांव में इकलौते हिंदू परिवार हैं और जिहादियो ने उन्हें लगातार प्रताड़ित किया और उन्हें गांव छोड़ने पर मजबूर किया।
वडोदरा में हमला : मुस्लिम प्रभाव और गांव छोड़ने की धमकी
05 मार्च, 2024, वडोदरा (गुजरात) : सायजीपुरा में क्रिकेट खेलने को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद अजाज पठान, मोइन पठान, सोहिल दीवान और उर्वेश पठान ने हिंदू युवकों पर जानलेवा हमला किया। आरोपितों ने शांति के नाम पर बुलाकर धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे युवकों को गंभीर चोटें आईं। पीड़ित परिवार ने गांव में बढ़ते मुस्लिम आतंक और हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर प्रशासन से गुहार लगाया। मामले में पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
हिन्दू परिवारों पर पत्थरबाजी, 5 मुस्लिम आरोपित
18 अप्रैल, 2024, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) : दिलदारनगर थाना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के 5 व्यक्तियों ने हिन्दू परिवारों के घरों पर पत्थरबाजी की। पीड़ित शिव विलास गुप्ता ने बताया कि 5 अप्रैल और 9-10 अप्रैल को उनके घर समेत अन्य हिन्दू परिवारों के घरों पर पत्थरबाजी की गई और गांव छोड़ने की धमकी दी गई। पुलिस ने FIR दर्ज कर 2 आरोपितों को गिरफ्तार किया।
हरदोई में 30 मुस्लिम हमलावरों ने हिन्दू परिवार पर किया हमला
08 फ़रवरी, 2023, हरदोई, (उत्तर प्रदेश) : मझिला थाना क्षेत्र में मशाल सिंह के घर पर 30 मुस्लिम हमलावरों ने लाठी-डंडों, पत्थरों और बंदूकों से हमला किया। इस हमले में मशाल के परिवार के 5 लोग घायल हो गए, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। मशाल सिंह ने बताया कि मुस्लिम चाहते हैं कि हम गाँव छोड़ कर चले जाएँ। आरोपितों में असीर अहमद, नबी अहमद, पप्पू खाँ, गुड्डू खाँ, पुत्तन खाँ, छुट्ट्न खाँ, अरशद और रजी अहमद शामिल। हमले के बाद पुलिस ने 8 नामजद और 25 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की।
हरियाणा के पलवल में हिंदू परिवार पर जानलेवा हमला, गाँव छोड़ने की धमकी
18 अगस्त, 2023, पलवल, (हरियाणा) : मुंडकटी थाना अंतर्गत गाँव सराय में एक हिंदू परिवार पर हमलावर दिलशाद, इरशाद, जहीर जो रोहिंग्या विरोधी पोस्ट पर गुस्से में थे लाठी, डंडा, फरसा और कट्टे से हमला किया और हिंदू परिवार को गाँव छोड़ने की धमकी दी। पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ आर्म्स एक्ट, मारपीट और जान से मारने की धमकी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया।
जयपुर में हिन्दू परिवारों के पलायन के पोस्टर, कांग्रेस पार्षद पर आरोप
21 मई, 2023, जयपुर, (राजस्थान) : पुरोहित जी मोहल्ले में हिंदू परिवारों के पलायन के पोस्टर लगे पाए गए। पोस्टरों में कांग्रेस पार्षद फरीद कुरैशी को जिम्मेदार ठहराया गया। फरीद के रिश्तेदार ने एक हिंदू ओम प्रकाश पारीक से मकान खरीदा। स्थानीय लोगो ने आरोप लागाया कि जानबूझकर मुस्लिम आबादी को बढ़ाया जा रहा है, जिससे वे सुरक्षा और सामाजिक माहौल को लेकर चिंतित हैं। वहीं कॉन्ग्रेस पार्षद फरीद पर मारपीट और गाली-गलौज के साथ लोगों पर झूठे केस लगवाने का भी आरोप है। स्थानीय लोगों ने सबसे अधिक फ़िक्र अपनी बहन-बेटियों की बताई।
झारखंड के गिरिडीह में हिंदू परिवारों के पलायन
16 जून, 2022, गिरिडीह, (झारखंड) : पचंबा थाना क्षेत्र में हटिया रोड पर मुस्लिमों के आतंक के कारण करीब 150 हिंदू मकान और दुकानों पर ‘बिक्री है’ के पोस्टर मिले। यह घटना 12 जून 2022 की पथराव की घटना के बाद की है, जिसमें दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। आरोप है कि पुलिस की एकतरफा कार्रवाई ने हिंदू समुदाय को पलायन के लिए मजबूर किया। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि FIR CCTV फुटेज के आधार पर दर्ज की गई।
मुस्लिम प्रधान पति के उत्पीड़न से हिंदू परिवारों का पलायन, ‘मकान बिकाऊ’ के पोस्टर
06 सितम्बर, 2022, कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश) : रामकोला थाना क्षेत्र स्थित सपहा दहाऊर टोला में ग्राम प्रधान के पति महफूज खान के उत्पीड़न से तंग आकर हिंदू परिवारों ने पलायन का निर्णय लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि महफूज ने खान दलितों को धमकी दिया और उनकी जमीन पर पानी टंकी बनाने का प्रस्ताव पास करवाया। महफूज खान के उत्पीड़न से मजबूर होकर 20 घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर चिपकाए गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की और पानी टंकी के लिए अन्य भूमि की तलाश शुरू की।
उत्पीड़न से पीड़ित हिन्दुओं ने लगाए ‘मकान बिकाऊ’ के पोस्टर
20 अगस्त, 2022 बरेली, (उत्तर प्रदेश) : फरीदपुर के मछुआ हेतराम गांव में मुस्लिम प्रधान प्रतिनिधि ने 15 अगस्त को झंडारोहण के चबूतरे को तोड़ने का आरोप लगाकर हिंदू परिवार के युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। 11 मई को हिंदू परिवार के घर में घुसकर महिलाओं से छेड़खानी और गाली-गलौज की थी, जिसके बाद हिंदू परिवार पलायन के लिए मजबूर हो गया और परेशान होकर परिवार ने अपने घर पर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगाए।
महाजनी टोला में हिंदू परिवार पर पत्थरबाजी, पलायन के लिए मजबूर
15 जून, 2022 नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) : महाजनी टोला में इमरत प्रजापति नामक दलित हिंदू परिवार पर 14 जून को पत्थरबाजी हुई। इमरत ने आरोप लगाया कि मुस्लिम कट्टरपंथी हिंदुओं को परेशान कर पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं। इमरत का कहना है कि इलाके में सिर्फ 4-5 हिंदू परिवार हैं, और पहले भी 2-3 परिवार पलायन कर चुके हैं।
कश्मीर में फिर हुआ कश्मीरी पंडितों का पलायन
02 जून, 2022, कश्मीर, (जम्मू-कश्मीर) : अनंतनाग के मार्तंड (मट्टन) में आतंकी हमले के बाद पंडित परिवारों ने सुरक्षा की मांग करते हुए बनिहाल जाने की कोशिश की। वैस्सू इलाके में भी पंडितों ने पलायन के लिए सामान पैक किया, लेकिन सुरक्षाबल उन्हें बाहर नहीं जाने दिया। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले कर्मचारी अमित कौल ने बताया 30-40 परिवार पहले ही शहर छोड़ चुके।
मुस्लिमों की प्रताड़ना से परेशान हिन्दू परिवार ने छोड़ दिया गांव
05 अप्रैल, 2022, गाजियाबाद, (उत्तर प्रदेश) : गाज़ियाबाद के शहीदनगर में एक हिंदू परिवार ने मुस्लिम लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिसके कारण कई हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ दिया। परिवार ने घर पर पत्थर फेंके जाने और गंदगी डालने की शिकायत की। प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे लगाए और सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की। पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई और पुनर्वास की मांग की।
मुस्लिमों ने की हिन्दू परिवारों पर पत्थरबाजी, हिन्दुओं में बैठा पलायन का डर
10 अप्रैल, 2022, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) : मुस्लिम समुदाय के 5 व्यक्तियों—मोहम्मद शहबाज, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद अली, मोहम्मद साजिद और मोहम्मद फारुक—ने हिन्दू परिवारों के घरों पर पत्थरबाजी की। यह घटना ऐसे समय में हुई जब हिन्दू परिवारों के बीच पलायन का डर बढ़ रहा था। पीड़ित शिव विलास गुप्ता ने बताया कि हमले के बाद गाँव के अन्य हिन्दू परिवारों में भी डर पैदा हुआ है। आरोपितों ने CCTV फुटेज से पहचान किए गए ।
जैसे कश्मीर से भगाया, वैसे ही लेस्टर से ‘हिंदू कुत्तों’ का सफाया करो
22 सितम्बर, 2022, लेस्टर (इंग्लैंड) : हेनरी जैक्सन रिसर्च फेलो शार्लोट लिटिलवुड ने GB News से बातचीत में बताया कि 9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया। इस्लामिक कट्टरपंथियों के आतंक के कारण घरों से हिंदू-प्रतीक तक गायब हो गए हैं। विभिन्न सोशल मीडिया अकॉउंट्स से हजारों पोस्ट किए गए थे। इनमें हिंदुओं को काटने के लिए, उनका सफाया करने के लिए कहा गया था। पोस्ट में कहा जा रहा था, ‘जैसे हमने हिंदुओं का कश्मीर से सफाया किया वैसे ही यहाँ भी करो।’ इसके अलावा पोस्ट में लिखा था, इन (हिंदू) कुत्तों को कुचलो/दबाओ, भगाओ, इनका सफाया करो।“ लेस्टर में हिंदू विरोधी हिंसा के सिलसिले में एडम यूसुफ और ऐमॉस नोरोन्हा को सजा सुनाई गई।
इस गाँव में रहना है तो मुस्लिम बनना होगा
18 अगस्त, 2022, हजारीबाग (झारखंड) : हजारीबाग जिले के सिरमा गाँव में कुछ हिंदू परिवारों को 10 अगस्त की रात को मुखिया इशरत जहां के बेटे वसीम और उनके साथियों ने नाबालिग बेटियों के साथ गाली-गलौच और अश्लीलता की, उन्हें धमकाया गया कि पूजा-पाठ बंद करना होगा। इस गाँव में रहना है तो मुस्लिम बनना होगा,इस मामले को लेकर सनातन हिंदू समाज संगठन ने अनशन शुरू किया है, और पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया।
असम में हिंदू परिवार को प्रताड़ित कर संपत्ति हड़पने की कोशिश
15 दिसंबर, 2022, मोरीगाँव (असम) : मोरीगाँव जिले के मुस्लिम बहुल गाँव में राजू रविदास का परिवार लगातार मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा प्रताड़ित किया गया। उनकी संपत्ति हड़पने के लिए उन्हें धमकियाँ दी, और एक बार उनका घर भी आग के हवाले कर दिया।
सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठियों का दबदबा, पलायन को मजबूर हुए अल्पसंख्यक हिंदू
29 दिसंबर, 2022, अररिया (बिहार) : सीमांचल में पिछले एक दशक में मुस्लिम जनसंख्या और तेज गति से बढ़ी है। जिलों के दर्जनों गांवों में हिंदू अल्पसंख्यक होकर पलायन कर गए हैं। अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के रामपुर गांव से दर्जनों लोग पलायन कर दोगच्छी गांव चले गए, जहां हिंदुओं की जनसंख्या अपेक्षाकृत अधिक है। कई जगहों पर इनकी जमीन मुस्लिमों ने खरीद ली।
असदुल्ला के अत्याचार से वंचित हिन्दू परिवार ने किय पलायन का ऐलान
15 सितम्बर, 2022, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) : मुरादाबाद जिले में एक दलित राजेन्द्र ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ग्राम प्रधान पति असदुल्ला और उनके लड़के उन्हें गाँव से निकाल देना चाहते हैं। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह बाइक से 11 सितंबर को अपने गाँव पहुँचा तो दोपहर करीब 2 बजे पुरानी रंजिश को लेकर असदुल्ला और उसके लड़कों ने मुझे पीटा और गालियाँ दीं। पीड़ित ने बताया की गांव में सभी मुस्लिम हैं उसका परिवार ही एक मात्र हिन्दू परिवार है। पीड़ित ने बताया कि इन लोगों ने 2009 में मेरी माँ की हत्या की थी। ऐसे ही ये अब हमें मारना चाहते हैं और इस गाँव से भगाना चाहते हैं। इस गाँव में हमें छोड़कर सभी मुस्लिम परिवार रहते हैं। ये हमें यहाँ नहीं रहने देंगे। थाने में भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कश्मीरी पंडितों का विस्थापन और पुनर्वास प्रयास
29 मई, 2022, कश्मीर (कश्मीर) : पाकिस्तान-प्रेरित आतंकवाद ने 1990 के दशक में 64,827 कश्मीरी पंडित परिवारों को कश्मीर छोड़ने पर मजबूर किया, जो अब जम्मू, दिल्ली, और अन्य हिस्सों में बसे हैं। गृह मंत्रालय की 2020-21 रिपोर्ट के अनुसार, पुनर्वास के लिए 6,000 नौकरियाँ और 6,000 ट्रांजिट आवास मंजूर किए गए।
मुस्लिमों ने 50 महादलित परिवारों का घर तोड़ा, पीट-पीटकर गांव से भगाया
29 मई, 2022, पलामू (झारखंड) : मुरुमातू गाँव में मुस्लिमो ने 50 से अधिक महादलित परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल करने के लिए पीटा और उनके घरों को ध्वस्त कर दिया। दबंगों का कहना है कि यह जमीन मदरसे की है, जबकि महादलित समुदाय ने 40 साल से वहाँ रहने का दावा किया है। पांडू पुलिस थाना निकट होने के बावजूद मामले में हस्तक्षेप नहीं हुआ।
हिन्दू लड़की से छेड़छाड़, विरोध पर पिता को बुरी तरह पीटा, परिवार ने की पलायन की घोषणा
29 मई, 2022, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) : अलीगढ़ के दरदुआगंज क्षेत्र के एक गाँव में मुस्लिम व्यक्ति मोहसिन ने एक दलित लड़की पर अश्लील फब्तियाँ कस दी थी। उसने जब विरोध किया तो उसे खींचकर घर ले जाने की भी कोशिश की थी। विरोध करने पर लड़की के पिता को पीटा। जब आरोपितों की तहरीर के आधार पर पीड़िता के पिता को आरोपित बनाया गया तो दलित समुदाय नाराज हो गया। 6 सितंबर 2022 को थाने पहुँचकर कर पीड़ितों ने अपनी नाराजगी जताई। इसके साथ ही उन्होंने अपने-अपने घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया।
हिंदू कर्मचारियों को जिला मुख्यालय पर स्थानांतरण
02 जून, 2022, कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-प्रशासन ने आतंकियों वारदातों को देखते हुए प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत कश्मीर में तैनात सभी हिंदू कर्मचारियों को जिला मुख्यालय पर स्थानांतरण करने का निर्णय लिया था। आदेश के मुताबिक, कश्मीर में पीएम पैकेज के तहत तैनात हिंदू समुदायों के कर्मचारियों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
हिंदू परिवारों में असुरक्षा का माहौल, पलायन की मजबूरी
04 जुलाई, 2022, टोंक (राजस्थान) : मालपुरा में हिंदू परिवार असुरक्षा की भावना से परेशान होकर पलायन कर किए। हिंदू परिवारों का कहना है कि 1992 के बाद से मुस्लिम बस्ती के पास रहने वाले परिवार असुरक्षा के कारण अपने मकान बेच रहे हैं, और ये मकान धीरे-धीरे मुस्लिम समाज के हाथों में आ गए।
मुस्लिम दबंगों के आतंक से पलायन को मजबूर हुए 150 हिंदू परिवार
26 मई, 2021, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) : टप्पल थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दो वंचित हिन्दू समाज की बेटियों की बारात अपने धार्मिक स्थल पर रोक दी, कहा कि यहां से अगर बारात लेकर जाना है तो पैदल जाना पड़ेगा। दंगाइयों के इस विवाद से बारात वापस लौट गई। मुस्लिम दंगाइयों के दबंगई से तंग आकर करीब 150 हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ने का फैसला ले लिया। लोगों ने अपने घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ का बोर्ड लगवा दिए।
81 हिंदू परिवारों ने लगाए ‘मकान बिकाऊ’ के पोस्टर
31 अगस्त, 2021, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) : कटघर इलाके के लाजपत नगर की शिव विहार कॉलोनी में कॉलोनी के हिंदू परिवारों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस कॉलोनी में जानबूझकर मुसलमान घर खरीद रहे हैं और हिंदुओं पर घर बेचने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि कॉलोनी में सभी लोग शाकाहारी खाना खाने वाले हैं, और अब यहं मुस्लिम 30 प्रतिशत मकान खरीद चुके हैं। हिंदू परिवारों ने कहा कि यदि कालोनी में मुस्लिम लोगों द्वारा खरीदे गए मकान की रजिस्ट्री कैंसिल नहीं हुई तो 81 हिंदू मकान सामूहिक रूप से मकान बेचकर पलायन करेंगे।
मुस्लिम दबंगों के आतंक से लिखना पड़ा- ‘यह मकान बिकाऊ है’
22 नवंबर, 2022, ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) : ईकोटेक तीन कोतवाली क्षेत्र स्थित हल्दौनी गांव में मु्स्लिम युवक ने रोहित नाम के हिंदू युवक के घर व महिलाओं के इतना परेशान किया परिवार पलायन को मजबूर हो गया। रोहित के परिवार ने अपने घर की दीवार पर लिखवा दिया, “यह मकान बिकाऊ है। हिंदू परिवारों का आए दिन मुस्लिम पड़ोसी किसी ना किसी वजह से परेशान करते रहते हैं। पीड़ित परिवार का कहना है, “कॉलोनी में करीब 100 से अधिक मुस्लिम परिवारों के बीच 3 से 4 हिन्दू परिवार ही रहते हैं।”
मुस्लिमों की दबंगई से परेशान हिंदू परिवार पलायन को मजबूर हुआ
7 अगस्त, 2021, फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) : जहानगंज थानाक्षेत्र के गांव पंतौजा में आशीष के दुकान पर मुस्लिम युवक ने टक्कर मार दी, आशीष ने जब विरोध किया तो मुस्लिम समुदाय के दबंगों ने उसे पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। हिंदू परिवार ने बताया कि मुस्लिम दबंग इतना परेशान करते हैं कि अब वह मजबूरन घर के बाहर ‘मकान बिकाऊ’ लिखकर पलायन कर रहे हैं।
कैराना के बाद बिजनौर में भी पलायन
15 अगस्त, 2016, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) : ढिकौला गांव में जब हिंदू परिवार ने अपने धार्मिक कार्यक्रम के लिए एक पुराने कुएं की साफ-सफाई की तो उसे मुस्लिम दबंगों ने रोक दिया। हिंदुओं ने जब विरोध किया तो प्रधान इसरार ने अपने समर्थकों के साथ हिंदू परिवारों पर हमला कर कई लोगों को अधमरा कर दिया। मुस्लिमों के दबंगई से तंग आकर 7 से 8 परिवार गांव से पलायन कर लिए जबकि बाकी बचे परिवार के लोगों ने भी अपने घरों और जमीन बेचने के लिए दीवारों पर मकान बिकाऊ है लिखवा दिया।
कैराना में 346 हिंदू परिवारों के पलायन का पूरा सच
8 जून, 2016, मुजफ्फरनगर, (उत्तर प्रदेश) : कैराना में 346 हिंदू परिवारों के पलायन ने अखिलेश सरकार और यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। कैराना में बढ़ते अपराध और रंगदारी वसूली के कारण अधिकतर हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ दिया। एनएचआरसी की रिपोर्ट ने पुष्टि की थी कि 400 हिंदू परिवार वास्तव में मुसलमानों के डर से शहर छोड़कर चले गए थे, जो “क्षेत्र में बहुसंख्यक” थे। रिपोर्ट ने यह भी पुष्टि की कि मुसलमानों के आतंक की वजह से हिंदू महिलाओं को आए दिन छेड़खानी/रेप का शिकार होना पड़ता था।
वैश्विक मुद्दा बन रहा पलायन
कैराना (उत्तर प्रदेश) से लेकर लेस्टर (इंग्लैंड) तक, ऐसी घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। भारत में एनएचआरसी की कैराना रिपोर्ट से लेकर इंग्लैंड में GB न्यूज की रिपोर्ट, हर एक ने यह साबित किया है कि हिंदू परिवार अपने ही घरों में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और पलायन का निर्णय ले रहे हैं। यह सिर्फ एक स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक मुद्दा बन चुका है, जो अंतरराष्ट्रीय समाज की जिम्मेदारी भी बनाता है कि वह इस सांस्कृतिक और धार्मिक संकट पर ध्यान दें।
सवाल उठता है कि क्या इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और हिंदू परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाया जा रहा है? क्योंकि मजहबी उत्पीड़न से हो रहे पलायन का मुद्दा एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समाज भी अछूता नहीं है।
Shivam Dixit started his career in journalism from 2015. He first worked as Special Correspondent in Mansukh Times (Weekly Newspaper) and later came to Delhi and worked as Digital Editor in Sanchar Times Media Group.
After this he joined the News Network of India (NNI) and held the post of Reporter Coordinator in India's paper here. After successfully launching India's Paper Project, Shivam Dixit started his new innings as Social Media In-charge at News1India, Dainik Hint and Niwan Times.
After working in various media organizations for many years, Shivam Dixit is currently working in the national weekly 'Panchjanya' continuously since 1948.
Talking about his achievements, he managed 500 websites of various newspapers of "India's Papers" as manager in NNI. Talking about the output of this project, this project was registered in Limca Book of Records.
टिप्पणियाँ