'जनता का ज्ञान' या भारतीय हितों का विरोधाभास.? : भारत में किस नैरेटिव पर काम कर रहा है Wikipedia
July 18, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘जनता का ज्ञान’ या भारतीय हितों का विरोधाभास.? : भारत में किस नैरेटिव पर काम कर रहा है Wikipedia

भारत में विकिपीडिया की जानकारी का प्रयोग करके कई बार सार्वजनिक धारणाओं को प्रभावित किया जाता है। सुनिश्चित हो कि विकिपीडिया के माध्यम से भारत के खिलाफ असत्यापित और पक्षपाती जानकारी का प्रसार न हो।

by SHIVAM DIXIT
Nov 5, 2024, 09:33 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । विकिपीडिया को एक ऐसे स्वतंत्र मंच के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जहां पर कोई भी व्यक्ति जानकारी जोड़ सकता है और इसे संपादित कर सकता है। यह ‘जनता का ज्ञानकोष’ कहे जाने वाले विकिपीडिया का उद्देश्य है। हालांकि, एक नई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि विकिपीडिया पर जानकारी का नियंत्रण कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में है, जो संपादकीय नीति, संपादन, और पृष्ठ सामग्री से संबंधित निर्णायक भूमिकाएं निभाते हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार, विकिपीडिया पर केवल 435 सक्रिय प्रशासक हैं, जो कि वैश्विक स्तर पर विकिपीडिया के अधिकांश कंटेंट को नियंत्रित करने की शक्ति रखते हैं। इसके अलावा, ArbCom (अर्बिट्रेशन कमेटी) के केवल 10 सदस्य ही ऐसे हैं, जो प्रमुख विवादों में अंतिम निर्णय लेते हैं। इसके अलावा, विकिमीडिया फाउंडेशन द्वारा कई संपादकों और प्रशासकों को “एडिटर रिटेंशन प्रोग्राम” के तहत भुगतान किया जाता है, जिससे यह एक सामान्य खुला मंच नहीं रह जाता बल्कि एक विशिष्ट संपादकीय दिशा में नियंत्रित मंच बन जाता है।

विकिपीडिया और गूगल का करीबी संबंध

विकिपीडिया और गूगल के बीच एक करीबी संबंध भी है, जहां गूगल विकिमीडिया फाउंडेशन को भारी मात्रा में अनुदान देता है और विकिपीडिया की जानकारी का प्रयोग गूगल के नॉलेज पैनल में होता है। जब विकिपीडिया पर जानकारी पक्षपातपूर्ण होती है और उसका उपयोग गूगल जैसे तकनीकी मंच करते हैं, तो यह जानकारी सीधे सत्यापित रूप में जनता तक पहुंचती है। ऐसे में विकिपीडिया पर किसी व्यक्ति, संस्था, या देश के खिलाफ उपलब्ध पक्षपातपूर्ण सामग्री जनता के बीच एक तथात्मक रूप में प्रस्तुत होती है।

भारतीय हितों के प्रति विरोधाभास

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विकिमीडिया फाउंडेशन के पास भारी अनुदान राशि है और इसका इस्तेमाल भारत में कई संगठनों को आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए होता है। इनमें से कई संगठनों पर भारत के खिलाफ भ्रामक और नकारात्मक नैरेटिव प्रस्तुत करने के आरोप हैं। विकिमीडिया फाउंडेशन का अधिकांश फंड ताइड्स फाउंडेशन के जरिए आता है। ताइड्स फाउंडेशन का संबंध कई वामपंथी और अलगाववादी संगठनों से है, जिनमें हिंदुस फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR), इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC), और ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटी राइट्स (OFMI) शामिल हैं। यह संगठन भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए चर्चित हैं।

ताइड्स फाउंडेशन और भारत में विवादित फंडिंग

ताइड्स फाउंडेशन ने एएमएएन पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट (AMAN) जैसे संगठनों को भी फंड किया है, जिनके न्यूज़क्लिक-चीन फंडिंग मामले में शामिल होने की खबरें हैं। ताइड्स फाउंडेशन ने ऐसे संगठनों को भी फंड किया है जो सीधे तौर पर नक्सलियों और अलगाववादी तत्वों के समर्थन में हैं। इसके अतिरिक्त, न्यूज़क्लिक का मामला, जिसमें चीनी कंपनियों से भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने के उद्देश्य से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के आरोप हैं, इसमें भी ताइड्स फाउंडेशन का संबंध उभर कर आया है।

विकिपीडिया का दावा है कि वह केवल एक इंटरमीडियरी है और संपादकीय भूमिका में नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स से यह पता चलता है कि संपादन का नियंत्रण कुछ चुनिंदा संपादकों के हाथ में है, जो कि विकिमीडिया फाउंडेशन से वित्त पोषित हैं। कई एनजीओ जैसे Whose Knowledge, Art+Feminism, Black Lunch Table, और Equality Labs भी विकिमीडिया से फंडिंग प्राप्त करते हैं और ये संगठन प्रायः भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, विकिमीडिया Access Now जैसे संगठनों को भी फंड करता है।

विकिपीडिया पर संगठित प्रशासकों का नियंत्रण

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विकिपीडिया पर केवल कुछ संपादकों और प्रशासकों का नियंत्रण है, जो कि विकिमीडिया फाउंडेशन से वित्तीय रूप से लाभान्वित होते हैं। ये संपादक विकिपीडिया पर जानकारी को नियंत्रित करते हैं और अपने विशेष वैचारिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं। लेकिन विकिपीडिया संपादक कोर्ट के फैसलों और पुलिस के बयान को “अमान्य स्रोत” मानते हुए, वामपंथी विचारधारा से जुड़े लेखों को प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के लिए, गोधरा ट्रेन कांड के संबंध में कोर्ट के फैसले को अनदेखा कर, विकिपीडिया पर इस मुद्दे को “विवादित” दिखाया गया है।

भारत में कानूनों से बचने का प्रयास

विकिमीडिया फाउंडेशन का दावा है कि वह भारत में केवल एक एनजीओ है और इसीलिए भारतीय कानून के अंतर्गत नहीं आता। लेकिन इस तथ्य को देखते हुए कि यह संगठन भारतीय संस्थाओं और व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, यह मुद्दा उठता है कि इसका उद्देश्य केवल जानकारी उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि एक वैचारिक अभियान को बढ़ावा देना है। इसके अलावा विकिपीडिया का संचालन प्रकाशन की तरह होता है और इसमें जानकारी का संपादकीय नियंत्रण है। इसके साथ ही, भारत में विकिमीडिया फाउंडेशन की अनुपस्थिति के बावजूद, यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।

रिपोर्ट में विकिपीडिया को एक प्रकाशक घोषित करने की मांग

  • विकिपीडिया को एक इंटरमीडियरी के बजाय एक प्रकाशक के रूप में घोषित किया जाए क्योंकि इसमें जानकारी का संपादकीय नियंत्रण है।
  • भारत में विकिमीडिया फाउंडेशन द्वारा किए गए सभी वित्तीय लेन-देन की जांच होनी चाहिए, क्योंकि इसकी उपस्थिति भारत में नहीं है लेकिन यह कई संगठनों को फंडिंग प्रदान करता है।
  • भारत सरकार को एक ब्राउज़र एक्सटेंशन विकसित करने पर विचार करना चाहिए, जो विकिपीडिया पर भारतीय संदर्भों में प्रस्तुत जानकारी में पक्षपात की पहचान कर सके।

ज्ञानकोष नहीं, पक्षपातपूर्ण सूचनाओं का अड्डा

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि विकिमीडिया फाउंडेशन ने भारतीय लोकतंत्र और न्याय प्रणाली को विकृत रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य से एक विचारधारात्मक अभियान शुरू किया है। विकिपीडिया पर मौजूद कई जानकारीयों को नियंत्रित संपादकों के वैचारिक दृष्टिकोण के अनुसार प्रस्तुत किया गया है, जो भारत के राष्ट्रीय हितों के विपरीत है।

भारत में विकिपीडिया की जानकारी का प्रयोग करके कई बार सार्वजनिक धारणाओं को प्रभावित किया जाता है। इसलिए, आवश्यक है कि विकिमीडिया फाउंडेशन को भारतीय कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि विकिपीडिया के माध्यम से भारत के खिलाफ असत्यापित और पक्षपाती जानकारी का प्रसार न हो।

Topics: ताइड्स फाउंडेशन भारत विरोधीविकिपीडिया गूगल संबंधभारत में विकिपीडिया पर पक्षपातWikipedia editorial controlविकिपीडिया संपादकीय नियंत्रणWikipedia anti-Indiaविकिपीडिया भारत विरोधीGoogle Wikipedia relationsगूगल विकिपीडिया संबंधWikimedia funding Indiaविकिमीडिया फंडिंग भारतTaides Foundation anti-Indiaविकिपीडिया पर पक्षपाती जानकारीIndian government notice to wikipediaविकिमीडिया ताइड्स फाउंडेशनnotice to wikipediaविकिमीडिया फंडिंग विवादwikipedia india
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Wikipedia दे रहा गलत जानकारी.? : भारत सरकार ने लिया एक्शन, पक्षपातपूर्ण और Misinformation को लेकर भेजा नोटिस

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कृषि : देश की अर्थव्यवस्था में तो समृद्धि के लिए ‘क्रांति’ नहीं, शांति से सोचिए

भारत ने अमेरिका-नाटो की धमकी का दिया करार जबाव, कहा- ‘दोहरा मापदंड नहीं चलेगा’

लखनऊ : 500 से ज्यादा छात्रों वाले विद्यालयों को ‘आदर्श स्कूल’ का दर्जा देगी योगी सरकार, जानिए क्या होगा लाभ..?

कट्टर मजहबी पहचान की तरफ दौड़ लगाता बांग्लादेश : 2047 तक हो जाएगा हिन्दू विहीन ?

नगर विकास विभाग की सख्ती : विजयेन्द्र आनंद की होगी जांच, वाराणसी में अनियमितताओं के गंभीर आरोप

यूपी पुलिस का अपराधियों पर प्रहार : 30,000 से ज्यादा गिरफ्तार, 9,000 घायल

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 : उत्तर प्रदेश ने मारी बाजी, लखनऊ देश में तीसरा सबसे स्वच्छ शहर

उत्तराखंड : सीएम धामी ने कांवड़ियों के पैर धोकर की सेवा, 251 फीट ऊँचे भगवा ध्वज पोल का किया शिलन्यास

Pushkar Singh Dhami in BMS

उत्तराखंड : भ्रष्टाचार पर सीएम धामी का प्रहार, रिश्वत लेने पर चीफ इंजीनियर निलंबित

Operation Kalanemi : सतीश बनकर सलीम मांगता था भिक्षा, साधू वेश में कालनेमि गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies