पाकिस्तान में जो भी बचे हुए हिन्दू हैं, उनमें से कुछ अपने जीवन में अच्छा कर रहे हैं। ऐसे ही एक पाकिस्तानी हिन्दू हैं दीपक परवानी, जो कि फैशन डिजाइनर हैं और ऐक्टर हैं। दीपक हर साल दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाते हैं और दीपावली पार्टी भी देते हैं। इस वर्ष भी उन्होनें अपने घर पर दीपावली की पार्टी दी और कई मुस्लिम कलाकार इस दिन का जश्न मनाने के लिए वहाँ पर गए।
इन कलाकारों में शहरयार मुनव्वर, महीन सिद्दीकी, सनम सईद, मोहिब मिर्जा, सरवत गिलानी, फहद मिर्जा, सोन्या हुसैन और तारा महमूद जैसे कलाकार शामिल थे। इन कलाकारों में से कई कलाकार ऐसे थे, जिन्होने इस पार्टी की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर साझा कीं। इनमें से कई महिला कलाकार साड़ी पहने थीं और उन्होनें लाल तिलक भी लगवाया था।
अभिनेत्री सोनिया हुसैन ने अपनी साड़ी पहनी हुई और दीपावली मनाती हुई तस्वीर साझा की। साड़ी पहने हुए वे शानदार लग रही थीं। और तिलक ने बिंदी जैसा लुक दे दिया था। इस पर कट्टरपंथी भड़क गए और उन्हें उनके इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर ही तरह तरह की बातें कहने लगे। एक यूजर ने लिखा कि इस्लामिक रीपब्लिक ऑफ पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था। जिन्ना जिंदा होता तो दोबारा मर जाता।
कई यूजर्स ने कहा कि ऐसे लोगों को अनफॉलो कर देना चाहिए। एक ने लिखा कि यह पूरी तरह से बकवास है, मैं सोनिया की फैन थी, मगर यह हमारे वैल्यू को हर्ट करता है।
एक्स पर एक यूजर ने कई कमेंट्स के स्क्रीन शॉट साझा किये, जो इस पार्टी में गए मुस्लिम कलाकारों की उपस्थिति को लेकर कट्टरपंथियों की टिप्पणी को लेकर थे।
फ़ेसबुक पर All Pakistan Drama Page नामक पेज पर भी इस पार्टी की तस्वीरें साझा की गई हैं। इसमें भी कथित सेक्युलर पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने जम-जम कर इन लोगों को कोसा गया है। इसमें लोगों ने कहा “ये सब इस्लामिक दायरे से बाहर है!”
एक ने कहा “क्या वो लोग कभी हमारी ईद मनाते है ऐसे? हमारी कौम जहनी गुलाम है आज तक, इसीके लिए इनके साथ जो हो रहा है, आज वो ठीक हो रहा है!”
एक यूजर ने लिखा कि अल्लाह ताला इनको दीन की समझ आता फरमाए और हिदायत दे आमीन!”
इसी पेज के पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा “कयामत के आसार हैं!”
एक यूजर ने लिखा कि “इस त्योहार को नॉर्मलाइज़ करना कितना अजीब है? हम क्या सेलब्रैट कर रही हैं? भगवान का जन्म या भगवान की जीत? इसका मतलब हमारे ईमान की कमी होना है। अल्लाह हमें कामिल ईमान वाली ज़िंदगी और मौत दे।“
एक यूजर ने लिखा कि “क्यों एहसास कमतरी का शिकार हैं ये लोग?”
इन सभी कलाकारों पर कट्टरपंथियों की नफरत टूट कर बरस रही है, जबकि ये लोग केवल उस त्योहार की बधाई देने गए हैं और अपने हिन्दू साथी की खुशी में शामिल होते गए हैं। वे लोग कोई पूजा नहीं कर रहे हैं और वायरल वीडियो में केवल मिठाई खाते हुए और पटाखे छुड़ाते हुए ही दिखाया जा रहा है, जो कहीं से भी अपने ईमान के साथ बेईमानी नहीं हो सकती है।
कहीं से भी उस पूरे वीडियो में धार्मिक दीपावली की झलक नहीं है, बस प्रकाशपर्व का उल्लास है। मगर कट्टरपंथियों को इससे भी ऐतराज है। शामिल लोगों को गालियां पड़ रही हैं, उनसे यह कहा जा रहा है कि वे मुसलमान नहीं हैं और किसी-किसी ने तो यह तक कहा कि ऐसा पहले होता था, जब एक देश था। जब मुसलमानों का देश पाकिस्तान हो गया है तो यह सब क्यों?
एक और अभिनेत्री सरवत गिलानी ने भी इन्क्लूसिव पाकिस्तान हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा कि “हम अपने झंडे में सफेद का जश्न मनाएं। एक इन्क्लूसिव पाकिस्तान का जश्न मनाएं। मेरे सभी उन पाकिस्तानी भाई-बहनों को दिवाली मुबारक, जो पाकिस्तान में रहते हैं और प्यार करते हैं।“
मगर इस पोस्ट पर भी कट्टरपंथी आग बबूला हो गए और सरवत को नसीहतों का अंबार लग गया। एक यूजर ने लिखा कि “इंडियन एक्टर्स और उनकी इंडस्ट्रीज़ को मक्खन लगाने का तरीका —- ओ बंदी, तू अल्लाह की है या नहीं!”
लोगों ने कहा कि कयामत के दिन केवल उसी को उठाया जाएगा जो कौम के साथ होगा। इतनी लिबरल भी न बने!”
लोगों को बिंदी लगाने से आपत्ति थी। इन सभी अभिनेत्रियों को कट्टरपंथियों की नफरत का सामना केवल बिंदी लगाने को लेकर करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि बिंदी की लगाई जा सकती है? सरवत के लिए एक यूजर ने लिखा कि हमारी प्यारी सरवत को हम बचपन से प्यार करते आ रहे हैं, अब वह हिन्दू कल्चर में चली गई है, अब उनको अनफॉलो कर दिया।
कट्टरपंथियों की यह घृणा इसलिए है क्योंकि इन अभिनेत्रियों ने बिंदी लगा ली है, और पार्टी अटेंड कर ली है। जबकि कोई भी धार्मिक गतिविधि नहीं की है। क्या एक इस्लामिक देश में अल्पसंख्यकों के पर्वों की खुशियों मे शामिल होना भी मना है?
सोशल मीडिया पर कई लोग यही प्रश्न कर रहे हैं, परंतु ऐसा नहीं है कि कट्टरपंथी केवल वहाँ की मुस्लिम अदाकाराओं के पीछे पड़े हैं। भारत में भी वे सभी सेलिब्रिटीज मजहबी कट्टरपंथियों का शिकार होते हैं, जो हिन्दू पर्वों को धूमधाम से मनाते हैं या ऐसे पर्वों में शिरकत करते हैं।
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