हाल ही में इजरायल सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हिजबुल्लाह की हवाई इकाई के प्रमुख आतंकवादी अली बरकत को मार गिराया। अली बरकत न केवल हिजबुल्लाह के उन चुनिंदा नेताओं में से एक था, जो संगठन के हवाई अभियानों की रणनीति और संचालन में प्रमुख भूमिका निभाता था, बल्कि हिजबुल्लाह के ड्रोन और मिसाइल क्षमताओं को भी नियंत्रित करता था। उसके मारे जाने से हिजबुल्लाह के हवाई अभियानों पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।
अली बरकत हिजबुल्लाह के सैन्य ढांचे में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता था। वह हिज़्बुल्लाह की हवाई इकाई के उन चुनिंदा आतंकवादियों में से था, जो संगठन की ड्रोन और हवाई गतिविधियों का संचालन करते थे। बरकत की देखरेख में हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ कई जासूसी और हमलावर अभियानों को अंजाम दिया, जिसके कारण क्षेत्र में हिजबुल्लाह का आतंक बढ़ता गया। उसकी गतिविधियों के कारण सुरक्षा बलों ने उसे एक प्रमुख खतरे के रूप में देखा और उसकी मृत्यु से हिजबुल्लाह की हवाई इकाई को एक बड़ा झटका लगा है।
इजरायल की ओर से लगातार होने वाले हवाई हमलों ने हिजबुल्लाह के नेतृत्व में हलचल मचा दी है। हाल ही में हुए हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और उनके चचेरे भाई हाशिम सफीउद्दीन की मौत हो गई। जिससे लेबनान में दहशत का माहौल है। इसके बाद, संगठन ने अपने नए प्रमुख के नाम की घोषणा करने का फैसला किया लेकिन ताजपोशी से पहले ही कासिम गायब हो गए हैं और संभवतः ईरान में जाकर छिप गए हैं।
नईम कासिम का जन्म 1953 में दक्षिणी लेबनान के काफ़र किला नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने 1970 के दशक में लेबनान में शिया अधिकारों के लिए काम करने वाले अमल आंदोलन में भाग लिया। 1977 में उन्होंने लेबनानी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद छह साल तक उच्च विद्यालय में रसायन शास्त्र पढ़ाया। वे दशकों से धार्मिक शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे हैं।
कासिम 1980 के दशक के प्रारंभ में हिज़्बुल्लाह आंदोलन में शामिल हुए और वे इसके संस्थापक सदस्यों में से एक बने। 1991 में उन्हें संगठन का उप महासचिव बनाया गया। इसके अलावा, वे हिजबुल्लाह की शूरा परिषद के सदस्य भी हैं। धार्मिक और संगठनात्मक दृष्टिकोण से कासिम को एक प्रभावशाली नेता माना जाता है, जिनका प्रभाव हिजबुल्लाह के उच्च नेतृत्व तक है। कासिम छह बच्चों के पिता हैं।
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