ईरान की मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने के कितने ही वादे मीडिया में आकर कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है। हालात ये है कि ईरान की इस्लामिक पुलिस महिलाओं के अधिकारों को कुचलने के लिए हर संभव कोशिशें कर रही है। महिलाओं पर जबरन ‘नूर’ अभियान के तहत अत्याचार किया जाता है। उन्हें हिजाब पहनने के लिए विवश किया जाता है। ऐसे ही ईरानी पुलिस ने सिर पर स्कॉर्फ नहीं पहनने के कारण मारपीट करने और कपड़े फाड़ने के बाद एक ईरानी छात्रा ने हिजाब के विरोध में अपने कपड़े उतार दिए।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि तेहरान के इस्लामिक आजाद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा ने हिजाब तो पहना हुआ था, लेकिन उसने अपने सिर पर स्कॉर्फ नहीं बांधे थे। विश्वविद्यालय में उसके सिर पर कपड़ा न मिलने पर मसूद पजेशकियान सरकार की मॉरल पुलिस ने बेशर्मी और बेहयाई की सारी हदों को पार करते हुए पहले तो छात्रा के साथ मारपीट की। इसके बाद उसके कपड़ों को भी फाड़ दिया। ईरानी सुरक्षा बलों की इस हरकत से आहत छात्रा ने विश्वविद्यालय के गेट पर ही अपने कपड़े उतार दिए और वहीं पर बैठ गई।
सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें छात्रा के साथ मारपीट करते और फिर छात्रा को अपने कपड़े उतार कर बैठे देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर छात्रा बैठी हुई है वो विश्वविद्यालय का विज्ञान और अनुसंधान शाखा का प्रांगण है। हिजाब का विरोध करने के मामले में सुरक्षा बलों ने छात्रा को गिरफ्तार कर लिया है। इस बात की पुष्टि खुद विश्वविद्यालय प्रशासन ने की है। बताया जा रहा है कि छात्रा को गिरफ्तार करने के बाद उसे खूब प्रताड़ित किया गया।
इसे भी पढ़ें: ईरान ने जर्मनी के नागरिक को दी फांसी, भड़के जर्मनी ने बंद किए वाणिज्यिक दूतावास
लड़की के सिर में चोट आई है, जिसमें उसका काफी खून बह गया है। कार का टायरों पर भी छात्रा के खून के धब्बे देखे गए थे। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2022 में हिजाब नियमों के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार की गई महसा अमीन की हिरासत में ही मौत के बाद से ही मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार ने देश में महिलाओं के सख्त ड्रेस कोड लागू करना शुरू कर दिया है।
टिप्पणियाँ