तुर्की, जो यूरेशिया में स्थित एक धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम बहुल देश है, वर्तमान में अपनी बढ़ती तलाक दर को लेकर चर्चा में है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, मुस्लिम बहुल देशों में सबसे अधिक तलाक दर तुर्की में देखी गई है। तुर्की की राजधानी अंकारा है, और वर्ल्ड मीटर के अनुसार 2024 में यहां की कुल जनसंख्या 87,545,767 है।
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में तलाक का प्रतिशत 2024 में 25% तक पहुंच गया है, जो मुस्लिम देशों में सबसे अधिक है। स्टैटिस्टा के आंकड़े बताते हैं कि 2023 में यह दर 21.7% थी, जो 2024 में बढ़कर 25% हो गई है। इस दर में वृद्धि एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाती है और देश में सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का संकेत देती है।
तुर्की एक ऐसा देश है जहां धर्मनिरपेक्षता का पालन किया जाता है, लेकिन यहाँ अधिकतर लोग इस्लाम का पालन करते हैं। फिर भी, तलाक की बढ़ती दर ने समाज में पारिवारिक संबंधों पर गहरी छाप छोड़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तलाक दर में वृद्धि का कारण आधुनिक जीवनशैली, परिवारिक जिम्मेदारियों में बदलाव, और महिला सशक्तिकरण के साथ बढ़ते स्वतंत्रता के दृष्टिकोण हो सकते हैं।
तलाक दर में वृद्धि का प्रभाव तुर्की के समाज और संस्कृति पर भी पड़ा है। तलाक की बढ़ती दर ने बच्चों पर नकारात्मक असर डाला है, साथ ही सामाजिक अस्थिरता को भी बढ़ावा दिया है। परिवार के विघटन के चलते बच्चे मानसिक रूप से प्रभावित होते हैं और समाज में उनके भविष्य पर इसका असर पड़ सकता है।
तुर्की में तलाक की बढ़ती दर ने सरकार और समाज के लिए एक गंभीर चुनौती उत्पन्न कर दी है। इस बढ़ती दर को नियंत्रित करने के लिए न केवल कानून में बदलाव की जरूरत है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी आवश्यक है।
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