वक्फ बोर्ड की मनमानियों के बीच कर्नाटक भाजपा ने वक्फ के अंदर चल रही वित्तीय अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निदेशालय और सीबीसीआई से कराने की मांग की है। भाजपा विधायक सीएन अश्वत नारायण ने वित्तीय लाभ के लिए कर्नाटक वक्फ बोर्ड पर फेक रिकॉर्ड तैयार करने के मामले की जांच ईडी से कराने की मांग की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा विधायक का आरोप है कि कर्नाटक वक्फ बोर्ड बीते 50 सालों के दौरान तैयार किए गए रिकॉर्ड का इस्तेमाल करके अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और अपनी वोट बैंक की राजनीति को करने के लिए कर रहा है। ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की आवश्यकता है। भाजपा नेता का कहना है कि वक्फ अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड जिस प्रकार से अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता जा रहा है, उससे किसान, मठ और मंदिर तक चिंता में हैं।
किसानों को डर सता रहा है कि वो वक्फ के कारण कहीं अपनी जमीन न खो दें। कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड को असीमिक शक्तियां दी थीं। भाजपा विधायक ने ऐलान किया कि लोगों को उनका हक दिलाने के लिए 4 नवंबर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन करेगी और वर्ष 1974 की वक्फ अधिसूचना राजपत्र को वापस लेने की मांग करेगी।
वक्फ द्वारा क्लेम की गई जमीन पर नोटिस को वापस लेना पर्याप्त नहीं
इतना ही नहीं भाजपा नेता ने कांग्रेस शासित सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की 1500 एकड़ भूमि को खाली किए जाने के नोटिस को वापस लेना ही पर्याप्त नहीं है। भाजपा विधायक ने त्वरित तौर पर सरकार से किसानों के नामों को संपत्ति रिकॉर्ड में बहाल करके 1974 की राजपत्र अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है। खास बात ये है कि अब तो खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस की नीतियां व्यवहारिक नहीं है। हालांकि, उनकी कही बातों पर कांग्रेस के लोग अधिक ध्यान नहीं देते हैं।
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