हरियाणा: गाँधी परिवार के कारण हुड्डा नई पार्टी बनाने की राह पर
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत हरियाणा

हरियाणा: गाँधी परिवार के कारण हुड्डा नई पार्टी बनाने की राह पर

गाँधी परिवार को वैसे नेता ही पसंद आते हैं जो पार्टी की कम वो उनके परिवार के राजनीति वो हित को आगे बढ़ाएं।

by अभय कुमार
Nov 2, 2024, 10:59 am IST
in हरियाणा
Bhupinder Hooda to form new party in haryana

भूपेंद्र हुड्डा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हरियाणा में मिली करारी हार के सदमे से कांग्रेस पार्टी निकल नहीं पा रही हैं। कांग्रेस पार्टी अभी तक अपना विधानसभा में नेता का चयन नहीं कर पा रही है। गाँधी परिवार पार्टी के इस हार को अपने परिवार के जीत के रूप में बदलना चाहती हैं। गाँधी परिवार की नजरों में लम्बे समय से भूपेंद्र हुड्डा चुभते रहे हैं। गाँधी परिवार को कभी भी कोई मजबूत राज्य स्तरीय नेता नहीं रास आया हैं। गाँधी परिवार को वैसे नेता ही पसंद आते हैं जो पार्टी की कम वो उनके परिवार के राजनीति वो हित को आगे बढ़ाएं।

जैसे असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गगोई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वो कई अन्य। स्वर्गीय तरुण गगोई के गाँधी परिवार के निष्ठा का इनाम उनकी पुत्र गौरव गगोई को भी मिल रहा है। गौरव गगोई को 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सीट बदल कर जोरहाट की सीट से चुनाव लड़ाया वो लोकसभा में उप-नेता का पद भी दिलवाया। कांग्रेस पार्टी के ही रकीबुल हुसैन असम के धुबरी सीट से ही गौरव गगोई से लगभग छह गुनी वोटो से जीत कर आये हैं मगर उन्हें कोई पद नहीं दिया गया। रकीबुल हुसैन में असम में अपना जनाधार बढ़ा कर अपनी खुद की राजनीति करने की कूबत हैं अतएव गाँधी परिवार ने उनको किनारे लगा रखा हैं।

गाँधी परिवार कांग्रेस पार्टी में कोई मजबूत वो स्थानीय मजबूत नेता बनते देखता हैं तो उसे अपनी राहों से अलग करने की तरकीब खोजने लगता हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह इसके सबसे जवलंत उदाहरण रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा को भी गाँधी परिवार की इसी राजनीति से परेशान होकर पार्टी से अलग होना पड़ा था। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी को अपनी पार्टी बनानी पड़ी, क्योंकि गाँधी परिवार उनकी राजनितिक पकड़ को दबाने का प्रयास कर रहा था। जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। जगनमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश से कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ़ कर दिया था। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी विगत दो लोकसभा वो विधानसभा में अपना खाता नहीं खोल पा रही है।

इसे भी पढ़ें: हरियाणा सरकार करेगी एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण, नई नीति से जरूरतमंदों तक पहुंचेगा आरक्षण का लाभ

पूर्व में भी कई स्थानीय नेतावो को पार्टी से अलग होकर राजनीती करने को मजबूर होना पड़ा। कुछ ऐसे नेता काफी सफल भी हुए हैं। ऐसे नेताओं में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रमुख हैं। ममता बनर्जी अगर कांग्रेस पार्टी में बनी रहती तो आज भी वो कई अन्य राज्य स्तरीय नेताओं की कतार में खड़ी मिलतीं। मगर ममता बनर्जी ने समय रहते अपने को पार्टी से अलग किया। उन्होंने खुद की राजनीति को आगे बढ़ाया। गाँधी परिवार किसी भी नेता को अपनी परिवार के द्वारा खींची गई सीमा रेखा से आगे बढ़कर राजनीति नहीं करने देने की लम्बी परम्परा से अपने को नहीं निकाल पा रहा है। ममता बनर्जी ने अपने बूते राजनीति कर न सिर्फ बंगाल में कम्युनिस्ट सरकार का खात्मा किया, बल्कि 2011 से मुख्यमंत्री भी हैं। अगर वो कांग्रेस पार्टी में होती तो उन्हें भी कैप्टेन अमरिंदर सिंह के तरह पार्टी से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया गया होता। महाराष्ट्र में शरद पवार को अपनी पार्टी बनानी पड़ी क्योंकि वो भी गाँधी परिवार की अपने को पसंद बनाने में नाकाम रहे। कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा सिंह को किनारे लगाया। गाँधी परिवार की वही रणनीति की वैसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाए जो उनके ही बनाये गए रास्ते पर चले।

भूपेंद्र हुड्डा पर है गांधी परिवार की तिरछी नजर

अब गाँधी परिवार की निगाह भूपेंदर सिंह हुड्डा पर टिकी हैं। हुड्डा का हरियाणा में अपना जनाधार है। हुड्डा गाँधी परिवार द्वारा राज्य में हस्तक्षेप से काफी परेशान हैं। वह वर्तमान समय में अपनी पार्टी बनाने के राह पर चलते दिख रहे हैं। अब अगले पांच साल तक हुड्डा को राज्य में विपक्ष की राजनीति करनी है। इस अवसर को हुड्डा अपनी पार्टी बनाकर उसको मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हुड्डा जानते हैं कि वो सक्रिय राजनीति के अंतिम दशक में हैं उसके बाद उनके बेटे दीपेंदर हुड्डा का राजनितिक जीवन अधर में ही रहेगा। इसलिए हुड्डा चौटाला परिवार की तरह अपनी पार्टी बनाकर राजनितिक विरासत को आगे बढ़ने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

अपनी पार्टी बनाने का हुड्डा के पास सबसे सुनहरा अवसर यही है, क्योंकि वर्तमान में जाट समुदाय का नेतृत्व शून्यता के दौर से गुजर रहा है। चौटाला परिवार अपने आंतरिक कलह से निकल नहीं पा रहा है। राज्य में भाजपा के विरोध में राजनीति के लिए स्थानीय दलों के लिए जगह खाली है, जिसको हुड्डा भरने का प्रयास करेंगे। इसीलिए कांग्रेस से टूट कर एक नई पार्टी का उदय होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष का नेता चुनने के लिए अपने सबसे विस्वश्त पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यसभा सांसद अजय माकन पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को भेजा मगर वो भी नाम तय करने में विफल रहे, क्योंकि गाँधी परिवार भूपेंदर हुड्डा को किनारा करना चाह रहा है। जबकि कांग्रेस के 37 विधायकों में अधिकतर हुड्डा को ही विपक्ष के नेता के तौर पर देखना चाहते हैं।

इसे भी पढ़ें: एक्शन में हरियाणा सरकार, पराली जलने पर 24 अधिकारी निलंबित, 18 किसान गिरफ्तार

भूपेंदर सिंह हुड्डा भी यह जान रहे हैं कि अभी के समय में गाँधी परिवार विधायकों के दबाव में उनको प्रतिपक्ष का नेता बना भी देती है तो भी गाँधी परिवार इसी ताक में रहेगा कि इनको कैसे इस पद से हटाकर अपने किसी पारिवारिक सिपहसालार को इस पद पर बैठाया जाए।

Topics: Haryanaभूपेंद्र सिंह हुड्डानई पार्टी बनाने की राह पर भूपेंद्र सिंह हुड्डाBhupinder Singh HoodaBhupinder Singh Hooda on the way to form a new partyCongressकांग्रेसहरियाणा
Share4TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Congress leader Anand Sharma praises Modi Government

अब आनंद शर्मा ने भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की केंद्र सरकार की तारीफ, कही ये बात

एस जयशंकर

ऑपरेशन सिंदूर पर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया: PIB ने राहुल गांधी के दावे का किया खंडन

P Chidambaram congress India allaince

कांग्रेस की मनमानी और इंडी गठबंधन का बिखराव: पी. चिदंबरम ने गांधी परिवार को दिखाया आईना

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्षी नेताओं और इन्फ्लुएंसर्स की सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणियों की बौछार

उरी और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी कांग्रेस नेता ने मांगे मोदी सरकार से सबूत

Encounter between army and terrorist

इस कांग्रेसी नेता ने कहा-युद्ध हुआ तो हार जाएगा भारत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

India has becomes fourth largest economy

जापान को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 4.18 ट्रिलियन डॉलर का आकार

PM Narendra Modi Varanasi visit

‘ऑपरेशन सिंदूर हमारे संकल्प, हमारे साहस और बदलते भारत की तस्वीर है’, मन की बात में बोले PM मोदी

CM साय का आत्मनिर्भर बस्तर विजन, 75 लाख करोड़ की इकोनॉमी का लक्ष्य, बताया क्या है ‘3T मॉडल’

dr muhammad yunus

बांग्लादेश: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काउंसिल ने कहा-‘सुधार जरूरी!’, भड़काने वाले लोग विदेशी साजिशकर्ता

Defence deal among Israel And NIBE

रक्षा क्षेत्र में भारत की छलांग: NIB लिमिटेड को मिला इजरायल से ₹150 करोड़ का यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर ऑर्डर

the Wire Omar Rashid Rape a women

‘द वायर’ के पत्रकार ओमर रशीद द्वारा बलात्कार का मामला और फिर एक बार सेक्युलर गैंग की अंतहीन चुप्पी

कार्रवाई की मांग को लेकर लोग एकत्र हुए

तिलक लगाकर आने पर मुस्लिम युवक ने हिंदू नेता को मारा चांटा, सर्व हिंदू समाज का जोरदार प्रदर्शन

By-elections

चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा, 19 जून को मतदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व थायराइड दिवस: योगासन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से थायरॉयड संतुलन

नीति आयोग बैठक : PM मोदी ने थामा विष्णुदेव साय का हाथ, बोले- ‘छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies