RTI में चौंकाने वाला खुलासा! कर्नाटक में 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड कर रहा दावा, जबकि असली मालिक है ASI
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत कर्नाटक

RTI में चौंकाने वाला खुलासा! कर्नाटक में 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड कर रहा दावा, जबकि असली मालिक है ASI

कुल 53 स्मारकों में से 43 को तो 2005 में ही वक्फ बोर्ड ने क्लेम कर दिया था। उसका कहना था कि ये वक्फ की संपत्ति है। खास बात ये है कि उक्त सभी स्मारकों को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI)  के द्वारा संरक्षित किया गया है।

by Kuldeep Singh
Nov 2, 2024, 09:29 am IST
in कर्नाटक
Karnataka Waqf board

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वक्फ बोर्ड अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह अपनी असीमित शक्तियों के बेजा इस्तेमाल करते हुए लगातार संपत्तियों पर अपना दावा ठोंकता जा रहा है और कोई उसका कुछ नहीं कर पा रहा है। हालात तो ये हैं कि वह विश्व विरासत घोषित की जा चुके स्मारकों को भी अपना बताने से परहेज नहीं कर रहा है। इसी क्रम में कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीनों और गांवों पर अपना दावा ठोंकने के बाद अब नया खुलासा हुआ है। सूचना के अधिकार के तहत पता चला है कि वक्फ बोर्ड राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर भी अपना दावा कर रहा है।

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें RTI  के जरिए पता चला है कि कम से कम 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहा है। इन स्मारकों में कर्नाटक के प्रसिद्ध कलबुर्गी का किला, गोल गुम्बज, विजयपुरा का बड़ा कमान, बीदर का किला, इब्राहिम रौजा आदि हैं। कुल 53 स्मारकों में से 43 को तो 2005 में ही वक्फ बोर्ड ने क्लेम कर दिया था। उसका कहना था कि ये वक्फ की संपत्ति है। खास बात ये है कि उक्त सभी स्मारकों को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI)  के द्वारा संरक्षित किया गया है। बावजूद इसके खुद को मिली असीमित शक्तियों का बेजा इस्तेमाल करते हुए वक्फ बोर्ड इन सभी को अपना बता रहा है।

आरटीआई से मिली जानकारी में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि वक्फ बोर्ड ने एएसआई से चर्चा किए बिना ही इन संपत्तियों पर अपना दावा ठोंक दिया है। पता चला है कि पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित इन स्मारकों को 2005 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (चिकित्सा शिक्षा) के चीफ सेक्रेटरी और 2005 में विजयपुरा के डीसीपी व वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे मोहम्मद मोहसिन ने ही इन 43 साइटों को वक्फ की प्रॉपर्टी घोषित कर दिया था।

हैरानी की बात ये है कि जब इस मामले मोहम्मद मोहसिन से पूछा गया कि क्या आपने ऐसा किया था, तो कभी आईपीएस अधिकारी रहे मोहसिन का कहना है कि उन्हें इस बात का पता ही नहीं है कि उन्होंने कितनी संपत्तियों को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित की थी।

हालांकि, उन्हें ये जरूर पता है कि उन्होंने इसे राजस्व विभाग के द्वारा जारी किए गए गजट अधिसूचना औऱ प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर उसे ऐसा किया था।

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक BJP नेता बासनगौड़ा पाटिल ने PM मोदी को पत्र लिख वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के राष्ट्रीयकरण की मांग की

एएसआई है असली मालिक

खास बात ये है कि प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल अवशेष अधिनियम और 1958 के नियमों में इस बात का स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि इस तरह की संपत्तियों की देखरेख, उनके जीर्णोद्धार व संरक्षण का एक मात्र मालिक एएसआई ही है। एक बार कोई संपत्ति एएसआई के द्वारा संरक्षित कर ली गई तो वो उसी की हो जाती है, उन्हें गैर अधिसूचित करने का कोई प्रावधान नहीं है। एएसआई ने वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर क्लेम किए जाने को अवैध करार दिया है। पुरातत्व विभाग ने इसे अतिक्रमण करार दिया है।

एएसआई कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों, जिन्हें वक्फ के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया गया है, उनका कहना है कि एएमएएसआर अधिनियम के प्रावधान के तहत केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों की स्वामित्व स्थिति को किसी भी सूरत में बदला नहीं जा सकता है।

किसानों की जमीनों पर भी कर चुका है दावा

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के संरक्षण में वक्फ बोर्ड की मनमानी कुछ अधिक ही बढ़ी हुई है। इससे पहले उसने विजयपुरा जिले में किसानों की 1500 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया था। हाल ही में वक्फ ने हावेरी में एक गांव पर भी अपना दावा कर दिया है। इसके बाद भड़के लोगों ने मुस्लिम नेताओं पर हमला कर दिया था।

Topics: कर्नाटकवक्फ बोर्डkarnatakaएएसआईASIWakf Boardवक्फ बोर्ड ने ऐतिहासिक स्मारकों पर ठोंका दावाWakf Board stakes claim on historical monuments
Share64TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Infosys GST Tax notice

इंफोसिस के ऑफिस में महिला के साथ गंदा काम, पुलिस ने कर्मचारी को किया गिरफ्तार

Karnataka 6 yrs old girl raped inside the mosque

कर्नाटक: 6 साल की बच्ची, चाकलेट का लालच और फिर मस्जिद में रेप, 55 वर्षीय अधेड़ मुल्ला गिरफ्तार

G Parmeshwar ED Raid Cooperate

अपने शैक्षणिक संस्थानों पर ED के छापे से नरम पड़े कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर, अब कहा- हम सहयोग करेंगे

प्रतीकात्मक तस्वीर

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 की सुनवाई 20 मई तक टाली, कहा-सभी वकील तैयार होकर आएं

Colonel Sofiya Qureshi

क्या सच में कर्नल सोफिया कुरैशी के घर हमला हुआ है? जानिए सच्चाई, RSS को बदनाम करने की कोशिश

अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान, संजौली मस्जिद को बताया अवैध निर्माण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies