कर्नाटक

कर्नाटक BJP नेता बासनगौड़ा पाटिल ने PM मोदी को पत्र लिख वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के राष्ट्रीयकरण की मांग की

Published by
Kuldeep singh

केंद्र सरकार के द्वारा वक्फ बोर्ड द्वारा शक्तियों के मनमाना इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के बाद से वह लगातार संपत्तियों पर अपना हक जताता जा रहा है। इस बीच कर्नाटक भाजपा के विधायक बासनगौड़ा आर पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे देशभर में वक्फ की संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने की अपील की है।

अपने पत्र में भाजपा विधायक ने हाल ही में कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीनों पर किए गए मनमाने दावे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ने किसानों की जमीनों, मठों और मंदिरों पर दावा करके समानता के अधिकार का उल्लंघन किया है। पाटिल ने कहा कि मौजूदा वक्फ कानून, जिसके तहत वक्फ बोर्ड कार्य करता है, उसका दुरुपयोग करते लोगों की अनधिकृत तरीके से कब्जा किया जा रहा है।

भाजपा विधायक ने लिखा, “मैं विनम्रतापूर्वक आपके माननीय कार्यालय से अनुरोध करता हूं कि निष्पक्ष प्रशासन सुनिश्चित करने और आगे अन्याय को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने पर विचार करें। मौजूदा कानूनों द्वारा सशक्त वक्फ बोर्ड कथित तौर पर व्यक्तियों, किसानों और लंबे समय से चली आ रही धार्मिक संस्थाओं, जिनमें वक्फ से संबद्ध नहीं हैं, के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।”

वर्तमान कानून के कारण ताकतवर है वक्फ बोर्ड

बासनगौड़ा पाटिल के मुताबिक, मौजूदा वक्फ कानूनों के कारण ही वक्फ बोर्ड शक्तिशाली बना हुआ है। इन्हीं शक्तियों का इस्तेमाल करके वह धार्मिक संस्थाओं, किसानों और उन सभी, जो कि वक्फ से जुड़े हुए नहीं हैं उनकी संपत्तियों पर अतिक्रमण करता जा रहा है। भाजपा विधायक का कहना है कि वक्फ की संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने से न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि सही लोगों की संपत्तियां भी सुरक्षित रहेंगी। वक्फ का राष्ट्रीयकरण किसी भी संस्था अथवा बोर्ड को किसी निजी या सार्वजनिक स्थानों पर अपनी ताकत दिखाने से रोकेगा। इसके अलावा यह मूलभूत अधिकारों और समानता के अधिकार को भी संरक्षित करता है।

गौरतलब है कि हाल ही में कर्नाटक के विजयनगर में वक्फ बोर्ड ने किसानों की 1500 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया था। हालांकि, लोगों के विरोध के बाद सिद्धारमैया सरकार ने लोगों की जमीन उन्हें वापस करने का फैसला किया था।

 

 

 

 

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