दीपावली विजय का उत्सव, जानिये भारतीय सेना कैसे मनाती है दिवाली और क्या हैं इस उत्सव के मायने
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

दीपावली विजय का उत्सव, जानिये भारतीय सेना कैसे मनाती है दिवाली और क्या हैं इस उत्सव के मायने

भारतीय सेना में सभी त्योहार मनाए जाते हैं परन्तु रोशनी का त्योहार दीपावली भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने में विशेष महत्व रखता है।

by लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास,पीवीएसएम, बार टू एसएम, वीएसएम ( सेवानिवृत)
Oct 31, 2024, 09:20 pm IST
in भारत
दिवाली का उत्सव मनाते सेना के जवान

दिवाली का उत्सव मनाते सेना के जवान

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारतीय सेना यूनिट और रेजिमेंट स्तर पर सभी धर्मों का सच्चा सूक्ष्म जगत है। भारतीय सेना सीमाओं, नियंत्रण रेखा (एलसी), वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), द्वीपों में और भीतरी इलाकों में तैनात है। भारतीय सेना में सभी त्योहार मनाए जाते हैं परन्तु रोशनी का त्योहार दीपावली भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने में विशेष महत्व रखता है।

दीपावली मूलतः विजय का उत्सव है। दीपावली आसुरी प्रवृत्ति के प्रतीक रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या में विजयी वापसी का उल्लास मनाती है। एक पेशेवर सेना के लिए, दुश्मन पर जीत सबसे महत्वपूर्ण अस्तित्वगत पैरामीटर है। इसलिए, भारतीय सेना जिसने हर समय विजयी रहने की कसम खाई है, दीपावली को अधिकतम उत्साह के साथ मनाती है। लेकिन यह त्योहार भारतीय सेना को गंभीर प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत की एक श्रृंखला के बाद युद्ध के लिए तैयार होने के लिए भी प्रेरित करता है।

मोटे तौर पर, भारतीय सेना को फील्ड स्टेशनों में तैनात किया जाता है, जो सीमाओं और सीमावर्ती स्थानों पर होते हैं, चाहे वह मैदान, रेगिस्तान, पहाड़, जंगल या द्वीप हों। यहां इन फील्ड स्टेशनों में, सैनिक अकेले रहते हैं और उनके परिवारों को यहां रहने की अनुमति नहीं होती है। फील्ड स्टेशनों में, सेना हर समय युद्ध के लिए तैयार रहती है। शेष सेना देश के भीतरी क्षेत्र यानि सैन्य स्टेशनों और छावनियों में रहती है। इन स्टेशनों में, सेना प्रशिक्षण लेती है और युद्ध की तैयारी करती है। हथियारों, गोलाबारूद, उपकरण, वाहन और सभी प्रकार की अवसंरचना का रख-रखाव, कमी आदि पूरा करना और उनकी युद्ध योग्यता का निरीक्षण किया जाता है। चूंकि दीपावली अक्तूबर/नवम्बर के महीने में मनाई जाती है, इसलिए सैन्य टुकड़ियों और सैनिकों को जनवरी के महीने से ही ऐसी तैयारी और जमीनी कार्य से गुजरना पड़ता है। लगभग दस महीने की कड़ी मेहनत और यथार्थवादी प्रशिक्षण के बाद, भारतीय सेना युद्ध तत्परता के अपने चरम पर दीपावली के समय पहुंचती है। सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली ऊंचाइयों पर या चेन्नई जैसे मेट्रो शहर में भारतीय सैनिकों द्वारा दीपावली का जश्न जीत के लिए अपनी प्रतिबद्धता की एक खुशी है।

फील्ड स्टेशनों में तैनात सैनिकों के लिए मुख्य ध्यान अपने बंकरों और फील्ड किलेबंदी को साफ रखना है। शांति स्टेशनों में, निवास स्थान के रखरखाव और सफाई, सभी प्रकार के आवास, रसद सुविधाओं और अस्पतालों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। शांति स्टेशनों में इमारतों की रोशनी शांत और सैनिक की तरह है। सैन्य स्टेशनों में, दीपावली मेला दीपावली से एक सप्ताह पहले आयोजित किया जाता है, ताकि यह आयोजन दीपावली से पहले धार्मिक अनुष्ठानों में खलल न डाले। दीपावली मेला एक दिन का कार्यक्रम होता है, जहां सेना की इकाइयां दीपावली के अपने स्टाल लगाती हैं, चाहे वह दीया, मोमबत्तियां, सजावट की वस्तुएं या खान पान की व्यवयस्था हो । इस किस्म के आयोजन सभी धर्मों के सैनिकों के बीच सौहार्द बनाते हैं । शाम को, एक आतिशबाजी प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है जो सैनिकों और उनके परिवारों को रोमांचित करता है।

सेना में, अधिकारी कैडर सभी समारोहों में सैनिकों में शामिल होता है। दीपावली के दौरान, अधिकारी और वरिष्ठ नेतृत्व अलग-थलग पड़ी चौकियों का दौरा करते हैं और सैनिकों के लिए मिठाइयां ले जाते हैं। सेना का नेतृत्व अपने सैनिकों की भावनाओं के प्रति सचेत है और उनके साथ विस्तारित परिवार के हिस्से के रूप में दीपावली मनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2014 से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों के साथ दीपावली मनाने की इस खूबसूरत परंपरा की शुरुआत की थी। यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि इस वर्ष रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दीपावली मना रहे हैं। मेरे पास व्यक्तिगत रूप से अपने सैन्य करियर के दौरान अग्रिम स्थानों और अलग-थलग चौकियों पर सैनिकों के साथ दीपावली मनाने की बहुत सुखद यादें हैं।

दीपावली की सुंदरता यह है कि यह सभी सैनिकों को एकजुट करती है। चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में पीछे हटना भारतीय सैनिक की देश को दीपावली पर अपनी एक छोटी भेंट है। दीपावली की भावना सैनिकों के कठिन जीवन में नई जान फूंकती है और हमारे सैनिकों के लिए बहुत खुशी और राहत लाती है। रेजिमेंट या बटालियन एक सुव्यवस्थित इकाई बन जाती है जो राष्ट्र की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए मौजूदा और उभरती चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम बनती हैं । देशवासियों को शुभ दीपावली और भारतीय सेना के सभी जवानों को मेरी ओर से दीपावली की विशेष शुभकामनाएं। जय हिंद। जय भारत।

Topics: भारतीय सेनादिवालीदीपावलीविजय का उत्सव
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान ने भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, भारत ने किया बेअसर : रक्षा मंत्रालय

जारी है ऑपरेशन सिंदूर, पूरा भारत एकजुट, सभी दल सरकार के साथ, बोले- जय हिंद, जय हिंद की सेना

पाकिस्तान ने एलओसी पर फिर की गोलाबारी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान ने एलओसी पर फिर तोप से की गोलाबारी, मोर्टार दागे, भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब

राफेल गिराने का पाकिस्तानी झूठ बेनकाब : केन्द्र ने बताया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भ्रामक प्रचार

ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम आतंकी हमले का बदला और हमारी बहनों को न्याय मिला

पाकिस्तान ने एलओसी पर फिर की गोलाबारी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान की अक्ल नहीं आई ठिकाने, एलओसी पर फिर की गोलाबारी, 3 नागरिकों की मौत, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies