महाराष्ट्र के नवी मुंबई में तलोजा इलाके की पंचानंद सोसायटी में दीपावली के मौके पर हिंदू महिलाओं को धमकाने और उनके साथ गाली-गलौच करने वाले अश्फाक सिद्दीकी और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही सोसायटी के चेयरमैन को हिरासत में लेकर वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मंगलवार (29 अक्टूबर) से सोशल मीडिया पर इस्लामवादियों द्वारा हिंदू महिलाओं को दीवाली पर रौशनी करने से रोकने, उन्हें धमकाने और गालियां देने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सोसायटी में कुछ हिंदू महिलाएं खुले स्थान पर दीये जला रही थीं, तभी कुछ मुस्लिम समूह में आए और उन्हें धमकाने लगे। इस दौरान एक मुस्लिम हिंदू महिलाओं से कह रहा है कि ‘सोसायटी में लाइट नहीं लगाई जाएंगी। मैं देखूंगा कि यहां लाइट कैसे लगती है।’ इसके बाद सोसायटी के अन्य मुस्लिम भी एकजुट हो गए और मामले को लेकर हंगामा किया। उन्होंने हिंदू महिलाओं को गालियां भी दीं, जिससे यहां का पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बकरा काटने से रोकना बना झगड़े का कारण
रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि सोसायटी में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोग रहते हैं इसलिए अगर बकरीद पर सोसायटी में बकरा काटने पर पाबंदी लगाई जा सकती है तो कॉमन एरिया में दीवाली भी नहीं मनाई जाएगी। वे हिंदुओं को न तो दिवाली मनाने देंगे, न लाइट और फूल मालाएं लगाने देंगे। हिन्दुओं ने जब इसका विरोध किया और लाइट लगाने की जिद की तो विवाद और बढ़ गया।
बकरा काटने के लिए अलग जगह है
सोसायटी में रहने वाले हिंदुओं का कहना है कि मुस्लिम परिवारों को बकरीद मनाने से किसी ने नहीं रोका था, सिर्फ सोसायटी के भीतर बकरा काटने से रोका गया था। हिन्दू परिवारों का यह भी कहना है कि सरकार ने सोसायटी में कुर्बानी पर रोक लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर कुर्बानी के लिए अलग जगह बनाई गई है, इसके बावजूद ये लोग चोरी छुपे रात में सोसायटी में बकरा लाए जो कानून के खिलाफ था, इसलिए इसका विरोध किया गया, लेकिन दिवाली पर इस तरह की कोई रोक नहीं है।
कुछ मुस्लिम परिवार बढ़ा रहे झगड़ा
वहीं, सोसायटी में रहने वाले अन्य लोगों की कहना है कि कुछ ही मुस्लिम परिवार इस झगड़े को बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि ज्यादातर दिवाली मनाने वालों के साथ हैं। पुलिस ने हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन, सवाल यह है कि आखिर कब तक हिंदुओं पर ऐसे हमले होते रहेंगे? ऐसा कोई भी हिंदू त्यौहार नहीं है जो इस्लामवादियों के निशाने पर न हो, क्या हिंदू बहुसंख्यक भारत में हिंदू अपने त्यौहार शांतिपूर्वक, बिना किसी डर के या बिना किसी सुरक्षा के नहीं मना सकते?
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