गूगल, जो कि एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी कंपनी है, ने अपनी कई सेवाओं के माध्यम से लोगों का जीवन आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, यह कंपनी कई बार विभिन्न देशों द्वारा भारी जुर्मानों का सामना कर चुकी है। हाल ही में, रूस ने गूगल पर एक ऐसा जुर्माना लगाया है, जो चौंकाने वाली मात्रा में है और इसे धरती की कुल संपत्ति से भी ज्यादा बताया जा रहा है।
यह मामला लगभग चार साल पहले शुरू हुआ जब गूगल (Google) ने अपने प्लेटफॉर्म यूट्यूब से कुछ क्रेमलिन समर्थक और सरकार नियंत्रित मीडिया चैनलों के अकाउंट हटा दिए। इन चैनलों में ज़ारग्रेड टीवी और आरआईए फैन शामिल थे। गूगल का कहना था कि इन चैनलों ने प्रतिबंधात्मक कानूनों और व्यावसायिक नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद, मॉस्को की अदालत ने गूगल को आदेश दिया कि वह इन अकाउंट्स को बहाल करे, नहीं तो प्रतिदिन 100,000 रूबल का जुर्माना लगाया जाएगा।
2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई। यूट्यूब ने अन्य रूसी सरकारी मीडिया चैनलों जैसे एनटीवी, रूस 24, आरटी और स्पुतनिक के खातों को भी ब्लॉक कर दिया। इससे नाराज होकर 17 रूसी टीवी चैनलों ने गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया, जिसके कारण जुर्माने की राशि लगातार बढ़ने लगी।
2022 में, गूगल की रूसी इकाई, गूगल एलएलसी, वित्तीय संकट के कारण दिवालियापन के लिए आवेदन कर दिया। उस समय, कंपनी पर 19 अरब रूबल का कर्ज था, जबकि उसकी कुल संपत्ति केवल 3.5 अरब रूबल थी। ऐसे में जुर्माने की बढ़ती राशि ने गूगल के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
हाल ही में, गूगल ने रूस में नए अकाउंट बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया और ऐडसेंस अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया। यदि गूगल का यह विवाद जारी रहा, तो उसे रूस से पूरी तरह बाहर निकलने का खतरा हो सकता है। इस प्रकार, रूस में गूगल पर लगाए गए जुर्माने ने तकनीकी दिग्गज के लिए एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की है, जिससे कंपनी की वैश्विक रणनीतियों पर भी असर पड़ सकता है।
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