नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( JNU) के साबरमती लॉन में यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (UGBM) बुलाई गी थी। इस पर इंटरनल कमिटी (IC) के चुनावों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों पर चर्चा होनी थी, लेकिन इसमें एक बार फिर वामपंथी विचारधारा के तहत अभद्र घटनाएं देखने को मिलीं। बैठक में, लेफ्ट समर्थित JNUSU ने न केवल किसी महिला प्रतिनिधि को मंच देने से इंकार किया, बल्कि चुने हुए काउंसलर्स को भी आवाज़ उठाने का मौका नहीं दिया। एक वामपंथी कार्यकर्ता ने मंच से भगवान श्रीराम के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की, जिससे आहत होकर छात्रों ने जमकर विरोध किया और माफी की मांग की। लेकिन जेएनयूएसयू के लेफ्ट समर्थित नेता छात्रों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए UGBM को बीच में ही रोक कर चले गए और विरोध करने वाले छात्रों को धमकाने का भी प्रयास किया गया।
ABVP JNU इकाई के अध्यक्ष राजेश्वरकांत दुबे ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “लेफ्ट ने योजनाबद्ध तरीके से भगवान श्रीराम का अपमान किया है और यह पहली बार नहीं है। हर GBM को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मंच के रूप में उपयोग किया जाता है। JNU प्रशासन को इस तरह के आपत्तिजनक व्यवहार के लिए जिम्मेदार छात्रों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय की छवि को बदनामी से बचाया जा सके।”
ABVP NU इकाई की मंत्री शिखा स्वराज ने कहा, “महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा के बावजूद एक भी महिला प्रतिनिधि को मंच न देना लेफ्ट की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। यह कोई संयोग नहीं है; कुछ ही दिन पहले जामिया यूनिवर्सिटी में दीपावली के दौरान छात्रों पर हमला और आपत्तिजनक नारे लगाने की घटना भी इसी सोच का उदाहरण है। आज JNU में भी उसी विचारधारा के तहत श्रीराम का अपमान करने का प्रयास हुआ। ABVP भगवान श्रीराम के सम्मान की रक्षा के लिए अंत तक खड़ा रहेगा और किसी भी तरह के अपमान का कड़ा जवाब देगा।”
टिप्पणियाँ