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लव जिहाद के चंगुल में सिख समाज : कहीं दुष्कर्म तो कहीं कन्वर्जन, पढिए मजहबी जाल में बर्बाद हुईं सिख लड़कियों की कहानी

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SHIVAM DIXIT

हाल के वर्षों में कुछ घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सिख पंथ की बेटियों को मजहबी पुरुषों द्वारा विवाह और प्रेम संबंध के जरिए अपना कन्वर्जन करने के लिए दबाव डालने की बातें सामने आई हैं। इन घटनाओं ने सिख समाज में गहरी चिंता उत्पन्न की है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में ऐसे कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सिख महिलाओं को छल-कपट से अपने जाल में फंसाकर कन्वर्जन करवाने का प्रयास हुआ।

सिख समाज के लोग ऐसी घटनाओं को समाज की एकता और सांस्कृतिक अखंडता के लिए एक गंभीर चुनौती मानते हैं। सिख पंथ के लोगों का मानना है कि ऐसे मामलों से सिख बेटियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लग जाता है और समाज में डर और असुरक्षा की भावना पैदा होती है। ये घटनाएं सिख समाज की धार्मिक पहचान और विश्वास पर भी आघात करती हैं, और यह चिंता जताई जा रही है कि इससे सिख पंथ की भावी पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

24 अक्टूबर 2024 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक सिख पंथ की बैठक में सिख समाज के प्रमुख नेता गुरदीप कौर ने सिख बेटियों की सुरक्षा और कन्वर्जन के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई। श्री कौर ने कहा, “सिख बेटियों का इस्लामिक धर्मांतरण रोका जाना चाहिए और इसके लिए बेटियों को सिख धर्म के संस्कार सिखाना आवश्यक है।” कौर ने इन घटनाओं को समाज के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि सिख समाज को एकजुट होकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। गुरुद्वारे में आयोजित इस बैठक में कई सिख संगठनों और वरिष्ठ सिख नेताओं ने कहा कि ऐसी घटनाओं के विरुद्ध कानून को सख्त करना और समाज में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।

इन घटनाओं से निपटने के लिए सिख पंथ से सम्बंधित संगठनों और नेताओं ने सिख परिवारों से अपील की है कि वे अपनी बेटियों को सिख पंथ के सिद्धांतों और मूल्यों की शिक्षा दें और उनके आत्मबल को मजबूत करें। सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार, सभी स्त्री-पुरुष बराबर माने जाते हैं, और समाज में स्त्रियों को सुरक्षित और स्वायत्त रखने की दिशा में एकजुटता जरूरी है।

गुरुद्वारा प्रबंधक समितियां और अन्य सिख संगठन अब यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि समाज में बेटियों के लिए सही मार्गदर्शन और सुरक्षा उपलब्ध हो। इसके लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनमें धर्म और संस्कृति से जुड़े विचारों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है।

लव जिहाद की वे घटनाएं जिन्होंने बर्बाद की सिख बेटियों की जिन्दगी 

8 जनवरी, 2024 : महाराष्ट्र के नवी मुंबई में शोएब शेख (24) ने अपनी बैंक मैनेजर तलाकशुदा सिख गर्लफ्रेंड अमित कौर (35) की शक (दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध) के आधार पर हत्या कर दी। अमित कौर, डेटिंग ऐप पर शोएब से मिली थी। पुलिस की गिरफ्त में पूछताछ के दौरान शोएब ने हत्या की बात स्वीकार की।

15 जनवरी, 2023 : महाराष्ट्र के धुले में फैज़ सैयद ने 17 साल की नाबालिग सिख लड़की को ब्रेनवाश कर घर से अपहरण किया और 15 दिन तक अपने पास रखा और प्रताड़ित किया। NCPCR द्वारा आपत्ति के बाद पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया। सिख समाज के विरोध-प्रदर्शन के बाद धुले पुलिस ने आरोपित फैज़ गिरफ्तार किया।

2 अप्रैल, 2023 : दिल्ली के लक्ष्मी नगर निवासी सिख महिला ने शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि साल 2016 में उसकी मुलाकात अजमत अली खान से फेसबुक पर हुई। दोस्ती की आड़ में अली ने शारीरिक संबंध बनाए और वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। अजमत ने पीड़िता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हुए कहा कि तुम्हें इस्लाम कबूल करना होगा, पांच बार नमाज पढ़नी होगी, अगर ऐसा नहीं करोगी तो तेजाब फेंक कर जला दूंगा। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अजमत को हिरासत में लिया।

11 अप्रैल, 2022 : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए सिख समुदाय की पीड़िता ने बताया कि शाहनवाज ने हिन्दू नाम सुमित रखकर उसे अपने प्रेमजाल में फँसाया फिर इस्लाम कबूलने (17 फरवरी 2022) के लिए दबाव बनाकर मारपीट की। शाहनवाज ने पीड़िता को प्रेमजाल में फँसाकर जबरन देह व्यापार कराने का दबाव बनाया।

12 अप्रैल, 2022 : उत्तराखंड के पंडरी में जिस सिख परिवार ने बेरोजगार इमरान को सैलून के लिए दुकान किराये पर दिया, इमरान ने उसी की बेटी को भगा ले गया। निकाह में दिक्कत हुई तो दिल्ली आर्य समाज मंदिर में इमरान ने खुद का नाम राहुल बता शादी रचा ली। सितारगंज पुलिस ने दबाव बनाया तो इमरान हाजिर हुआ, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

15 नवंबर, 2022 : दिल्ली के पटेल नगर इलाके में नूर मोहम्मद ने सिख युवक गुरप्रीत बनकर सिख लड़की को अपने जाल में फंसाया और फिर शादी कर उसका नाम पिंकी से आलिया कर दिया। पीड़िता जब शादी (2016) के बाद गर्भवती हुई, तो पता चला कि उसका पति मुस्लमान (नूर मोहम्मद) है। पीड़िता के परिजनों के शिकायत के बाद पुलिस ने नूर को हिरासत में लिया।

10 जनवरी, 2021 : जम्मू कश्मीर के बडगाम में मंज़ूर अहमद (32) ने सिख युवती विरह कौर (28) को पहले तो ब्रेनवाश किया फिर जबरन धर्म परिवर्तन करके नाम ख़दीजा रख दिया। पीड़िता के परिजनों ने जब पुलिस में शिकायत की तो मंजूर ने शातिराना तरीके से विरह से जबरन वीडियो जारी करवाया, जिसमें वह खुद से इस्लाम कबुलने की बात कहती नजर आ रही थी।

6 जून, 2021 : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के बगात में मुज़फ़्फ़र शाबान ने ‘ब्रेनवॉश’ कर दनमीत कौर (29) नाम के सिख लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया फिर जबरन जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया। मुज़फ़्फ़र ने पहले 2012 में दनमीत के इस्लाम धर्म क़ुबूल करने की ढोंग रचा, जब मामले को फंसते देखा तो घर छोड़कर भाग गया। पुलिस ने पीड़िता को उसके माता-पिता को सौंप दिया।

27 जून, 2021 : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के रैनावाड़ी इलाक़े में रहने वाली सिख लड़की मनमीत कौर (19) को ड्राइवर शाहिद नज़ीर (50+) ने ब्रेनवाश करके जबरन निकाह कर ली। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बडगाम के अध्यक्ष संतपाल सिंह व सिख संगठनों की आपत्ति के बाद अदालत ने मनमीत कौर को माता-पिता के हवाले कर दिया। मनमीत की शादी सिख धर्म के ही एक व्यक्ति सुखप्रीत सिंह से करवा दी गयी। पुलिस ने शाहिद को हिरासत लिया।

17 फरवरी, 2020 : हरियाणा के यमुनानगर में शाहरूख ने सानू बनकर सिख पीड़िता को प्रेमजाल में फंसाया। उसे शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। शाहरूख अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पोंटा साहिब के अलग-अलग होटलों में ले जाकर दुष्कर्म करता रहा। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी शाहरूख को हिरासत में लिया।

आवश्यक कदम और सिख समाज की भूमिका

सिख समाज और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां अब ‘लव जिहाद’ से जुड़े मामलों के प्रति सतर्क हैं। वे कुछ विशेष कदम उठाने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं:

धार्मिक शिक्षा का प्रचार : परिवारों को चाहिए कि वे अपनी बेटियों को सिख पंथ के बारे में शिक्षा दें ताकि वे अपनी धार्मिक पहचान को समझ सकें और किसी भी बहकावे में आने से बचें।

सामाजिक सतर्कता : समाज के हर सदस्य का यह कर्तव्य है कि वह अपने आस-पास की घटनाओं पर नजर रखें।

कानूनी सहायता : ऐसे मामलों में सिख समाज को कानूनी सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता होती है। विभिन्न सिख संगठन और कमेटियां प्रभावित परिवारों को उचित कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।

जागरूकता कार्यक्रम : गुरुद्वारों और सिख संस्थानों में ‘लव जिहाद’ से जुड़े खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

मनोरंजन और सोशल मीडिया पर निगरानी : परिवारों और सिख समुदाय को सतर्क रहना चाहिए कि उनकी बेटियां किस प्रकार के मनोरंजन और सोशल मीडिया कंटेंट का उपभोग कर रही हैं।

सिख समाज के लिए ‘लव जिहाद’ एक संवेदनशील मुद्दा है, जो उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक अस्तित्व को चुनौती देता है। सिख पंथ के लिए इस समस्या से निपटना अत्यंत आवश्यक है ताकि उनकी भावी पीढ़ी की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान सुरक्षित रह सके। समाज में एकजुटता, जागरूकता और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर ही सिख समाज ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों का सामना कर सकता है और अपनी बेटियों को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकता है।

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