मत अभिमत

प्रियंका पर होगी मुस्लिम लीग को संभालने (खुश) रखने की जिम्मेदारी

Published by
अभय कुमार

प्रियंका वाड्रा का वायनाड से उप-चुनाव लड़ने का फैसला कई राजनितिक संदेशो वो संदर्भो को लेकर आया हैं। प्रियंका वाड्रा  के इस फैसला के कारण आने  वाले  समय काल में केरल वो भारत की राजनीति  में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी का कद बढ़ने वाला हैं। कांग्रेस पार्टी केरल में जाकर मुस्लिम लीग की राजनीतिको अंगीकार कर लेती हैं वही मुस्लिम लीग दिल्ली आकर कांग्रेस पार्टी का। कांग्रेस पार्टी का ऐसा सम्बन्ध सिर्फ मुस्लिम लीग के साथ ही नहीं वरन अन्य कई दलों के साथ भी हैं। उनमे नेशनल कांफ्रेंस भी हैं जब कांग्रेस पार्टी जम्मू वो कश्मीर जाकर नेशनल कांफ्रेंस की तरह राजनीति करती हैं।

कांग्रेस पार्टी वो मुस्लिम लीग का सम्बन्ध लगभग चार दशक से भी ज्यादा पुराना  हैं। कांग्रेस पार्टी केरल की राजनीती में मुस्लिम लीग की महत्ता को समझते हुए मुस्लिम लीग को हर प्रकार से खुश रहना चाहती  हैं। कांग्रेस पार्टी को पता हैं की मुस्लिम लीग के वैशाखी के बगैर कांग्रेस पार्टी केरल में उसी हालात में आ जाएगी जैसी वो बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य कई राज्यों में हैं।

2019  में केरल से राहुल गाँधी के चुनाव लड़ने का दाव मुस्लिम लीग की बाछे  खिला दिया। अब तक  मुस्लिम लीग केवल कांग्रेस पार्टी से राजनितिक सम्बन्धो में थी मगर राहुल गाँधी के वायनाड से चुनावी मैदान में उतरने से अब मुस्लिम लीग सीधे गाँधी परिवार से राजनितिक सम्बन्धो में आ गई। इसके बाद  मुस्लिम लीग अपना दाव वो अपनी राजनितिक तोलमोल की हैसियत को काफी बढ़ा दिया। 2024  में मुल्सिम लीग ने निकटवर्ती राज्य तमिलनाडु में रामनाथपुरम लोकसभा  की सीट कांग्रेस पार्टी नीत गठबंधन से वायनाड   सीट पर अपने समर्थन के एवज में ले लिया। रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर पूर्व में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का चुनाव लड़ने का कोई भी इतिहास नहीं मिलता हैं।

अब राहुल गाँधी के बाद प्रियंका वाड्रा  को समर्थन देने के एवज में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जो पिछले केरल विधानसभा चुनाव में 25  सीटों पर चुनाव लड़ी थी वो अपने असल ताकत से काफी अधिक सीट कांग्रेस पार्टी से लेगी। इतना ही नहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग अब अन्य राज्यों जैसे तेलंगाना में भी अपने विस्तार पर कार्य कर सकती हैं।

राहुल गाँधी 2024  का लोकसभा चुनाव दो सीटों  राय  बरेली वो वायनाड से जीता था। मगर राहुल  गाँधी ने  कुछ ख़ास मकसद से ही वायनाड की सीट खाली की क्योंकि राहुल गाँधी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की बढ़ती मांगो से परेशान थे। राहुल गाँधी को जानकारी थी की आने वाले समय में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की मांग और बढ़ने वाली हैं और इस कारन उन्होंने प्रियंका  राजनीति को अब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से निपटने का जिम्मा सौंप दिया हैं।  प्रियंका गाँधी के पति रॉबर्ट वाड्रा द्वारा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करने का भी एक मकसद हैं। रॉबर्ट वाड्रा की यह इच्छा अब अमेठी के संसद किशोरीलाल शर्मा के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं हैं। किशोरीलाल शर्मा को अगले लोकसभा चुनाव में या उससे पूर्व भी रोबर्ट वाड्रा के लिए अमेठी सीट को खाली करने का आदेश सोनिया गाँधी के द्वारा हो सकता हैं।

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