गत 18 अक्तूबर को घुमंतू समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भेंट की। श्री धनखड़ ने घुमंतू समाज के प्रतिनिधियों से उनकी समस्याएं-कठिनाइयां सुनीं तथा इस पर शीघ्र कार्य करने का आश्वासन दिया। यही नहीं, उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों को साथ बैठाकर भोजन करवाया तथा बाद में सभी को नई संसद दिखाने की व्यवस्था की। गाड़िया लोहार समाज, दिल्ली के रोहतास ने बताया कि दिल्ली में 60 वर्ष पहले से उनका समाज सड़कों पर जीवन बिता रहा है।
आज तक उनको स्थाई ठिकाना नहीं मिल पाया। स्थाई आवास मिल जाए तो उनके बच्चों का अच्छा पालन-पोषण और बेहतर पढ़ाई-लिखाई हो सके। कुछ बच्चे बारहवीं पास हो गए हैं, लेकिन आगे की पढ़ाई व नौकरी में लाभ के लिए उनके पास कोई जाति प्रमाणपत्र नहीं है।
घुमंतू समाज के सुमित गेहरा ने बताया कि आज उपराष्ट्रपति जी से जो सम्मान मिला, वह अद्भुत है। उपराष्ट्रपति महोदय ने उन्हें अपने पास बैठाकर भोजन कराया व हाल-चाल पूछा। हरियाणा से आए डॉ. रामनिवास ने बताया कि पहली बार देश के उपराष्ट्रपति ने घुमंतू समाज के लोगों का हाल-चाल पूछा। अंग्रेजों के जाने के बाद भी घुमंतू समाज अभाव में रहा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के आमंत्रित सदस्य तथा अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख श्री दुगार्दास का सान्निध्य प्राप्त हुआ। दिल्ली के घुमंतू कार्य संयोजक श्री राजवीर भी उपस्थित रहे।
टिप्पणियाँ