नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई पूरी कर ली है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सभी पक्षों को दो से तीन दिनों में लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
आज सुनवाई के दौरान जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश सज्जन कुमार का कोर्ट में वीडियो दिखना अचानक बंद हो गया। उसके बाद कोर्ट के स्टाफ ने जेल प्रशासन से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसा तकनीकी परेशानियों की वजह से हुआ था। इससे पहले 16 दिसंबर, 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी। पिछले 4 दिसंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
यह मामला 1 नवंबर, 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने राज नगर इलाके में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला करके हत्या कर दी थी। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे।
शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया। भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया। तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाले जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
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