भारत ने दूसरा हॉकी टेस्ट और जर्मनी ने ट्रॉफी जीती

Published by
Sudhir Kumar Pandey

भारत ने गुरुवार को दूसरे हॉकी टेस्ट मैच में जर्मनी को 5-3 से हराकर दो मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी तो हासिल कर ली, लेकिन विजेता ट्रॉफी के लिए हुए पेनाल्टी शूटआउट में जर्मनी ने 3-1 से बाजी मारी। इस मैच में दोनों टीमों ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया। इस रोमांचक मैच में उच्च स्तर की प्रतिभा, तकनीक, तेजी व रणनीति सहित हॉकी की हर उस विधा की झलक मिली, जिसके लिए कोई एक दशक बाद राजधानी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में इस संक्षिप्त सीरीज का आयोजन किया गया।

जर्मनी ने इस द्विपक्षीय सीरीज का पहला मैच बुधवार को 2-0 से जीता था। भारत ने दूसरे मैच में पलटवार करते हुए 5-3 से जीत हासिल कर हिसाब बराबर कर दिया। भारत की ओर से कप्तान हरमनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह ने दो-दो गोल दागे, जबकि अभिषेक ने एक गोल किया। पहले मैच में ऑफकलर दिखे हरमनप्रीत ने आज 42वें व 43वें मिनट में लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर पर दनदनाते ड्रैग फ्लिक के जरिए दो गोल दागकर साबित कर दिया कि क्यों उनका नाम विश्व के श्रेष्ठ गोल स्कोरर्स में लिया जाता है। पहले मैच में हरमनप्रीत ज्यादातर मौके पर जमीनी ड्रैग फ्लिक करते नजर आए थे। लेकिन आज उन्होंने हवाई फ्लिक के जरिए पहला गोल दागा, जबकि अगले ही मिनट अपने तेज जमीनी ड्रैग फ्लिक के जरिए जर्मन रक्षापंक्ति व गोलकीपर को मात देकर मनमाने ढंग से स्कोर करते दिखे। जर्मनी की ओर से एलियन मजकोर ने दो और हेनरिक मर्टगेन्स ने एक गोल किया।

भारत और जर्मनी के बीच राजनैतिक, वाणिज्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती देने के लिए इस संक्षिप्त हॉकी सीरीज का आयोजन किया गया था। इस क्रम में सीरीज 1-1 से बराबरी पर छूटी तो विजेता ट्रॉफी देने के लिए पेनाल्टी शूटआउट का फैसला किया गया। पेनाल्टी शूटआउट में भारत के कुछ युवाओं को मौके दिए गए जो जर्मनी के अनुभवी व बेहतरीन खिलाड़ियों की बराबरी न कर सके। हालांकि भारतीय टीम प्रबंधन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भविष्य की एक मजबूत टीम के निर्माण की प्रक्रिया में वह प्रयोग करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। इस क्रम में पेनाल्टी शूटआउट में पिछड़ने का दुख ज्यादातर खिलाड़ियों में नहीं दिखा।

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने मैच के बाद कहा, “मैंने कल भी कहा था कि आप या तो मैच जीतते हैं या फिर सबक सीखते हैं। पहले टेस्ट में मिली हार से हमने सबक ली और आज जोरदार वापसी करते हुए मैच जीता। हमने भविष्य के बड़े टूर्नामेंट्स को देखते हुए इस सीरीज में कुछ प्रयोग करने की रणनीति बनायी थी। उस पर अमल करते हुए हमने कई युवाओं को मौके दिए क्योंकि वो भविष्य में भारत के चमकते सितारे बनेंगे। मैच दर मैच उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का अनुभव हासिल होगा।” विजेता ट्रॉफी हाथ से फिसल जाने के बारे में पूछने पर हरमनप्रीत ज्यादा दुखी नजर नहीं आए। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा, हमारा लक्ष्य भविष्य के बड़े मुकाबले और उसके लिए एक सशक्त व संतुलित टीम तैयार करना है।

Share
Leave a Comment