सतर्कता बरतें, झांसे में न आएं
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सतर्कता बरतें, झांसे में न आएं

अपराधी साइबर सुरक्षा जागरूकता की कमी का लाभ उठाते हैं। वे फर्जी दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो बनाने के लिए एआई और डीपफेक तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Oct 22, 2024, 03:59 pm IST
in भारत, मत अभिमत, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

‘डिजिटल गिरफ्तारी’ एक नई किस्म की आनलाइन धोखाधड़ी है। इसमें ठग शिकार को यह यकीन दिलाते हैं कि ‘उनके विरुद्ध किसी वित्तीय, कबूतरबाजी, ड्रग्स की तस्करी या ऐसे ही दूसरे गंभीर अपराध की जांच चल रही है। इसलिए जांच पूरी होने तक वे ‘डिजिटल’ या ‘वर्चुअल’ गिरफ्तारी में हैं।’ कुछ ठग किसी कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर कॉल करते हैं कि उनके नाम से जुड़ा एक संदिग्ध पैकेज जब्त किया गया है।

यानी जाने या अनजाने में उनसे कोई गंभीर अपराध हुआ है। मादक द्रव्य नियंत्रण ब्यूरो, भारतीय रिजर्व बैंक, राज्य पुलिस और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के नाम से भी लोगों को फर्जी कॉल किए जा रहे हैं। साइबर अपराधी बेहद चालाक हैं और अपनी रणनीति को लगातार बदलते रहते हैं। वे फर्जी दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस (एआई) और डीपफेक तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं।

अपराधी अपने शिकार को गिरफ्तारी का भय दिखाकर सहयोग करने और नजरबंद रहने को कहते हैं। पीड़ित को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर के जरिए लगातार उनके साथ जुड़े रहने के लिए मजबूर किया जाता है। इस दौरान वे पीड़ित से संवेदनशील जानकारी हासिल करते हैं। जैसे- पीड़ित से सत्यापन के लिए अपना आधार नंबर, जांच के लिए बैंक खातों का विवरण, ईमेल पासवर्ड, सोशल मीडिया के पासवर्ड आदि। वीडियो कॉल कर उन्हें लगातार मानसिक तनाव में रखा जाता है और निगरानी के लिए उनसे लगातार कमरे के चारों तरफ का दृश्य दिखाने के लिए भी कहा जाता है। भय और चिंता के कारण अनेक लोग टूट जाते हैं और जल्दी निर्णय लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं, बिना इस बात की पुष्टि किए कि कॉल असली है या नहीं।

हाल ही में वर्धमान समूह, जिसका कारोबार 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है, के प्रबंध निदेशक एसपी ओसवाल साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए। साइबर अपराधियों ने यह कहकर उन्हें झांसे में लिया कि उनके विरुद्ध धनशोधन के आरोपों की सीबीआई जांच चल रही है। अपराधियों ने जाली दस्तावेजों, जाली खुफिया अधिकारियों के अलावा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जाली पीठ की रचना तक कर डाली।

अदालत में सुनवाई का दृश्य निर्मित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता और डीप फेक तकनीक का प्रयोग करके फर्जी वीडियो बनाया गया। बाद में इस कथित पीठ ने ओसवाल के विरुद्ध ‘निर्णय’ भी सुना दिया, जिसके बाद वे सात करोड़ से अधिक की रकम का भुगतान करने को तैयार हो गए। जरा सोचिए कि साइबर अपराधी कितने चालाक हैं और किस हद तक जा सकते हैं!

ऐसी धोखाधड़ी रोजमर्रा की बात हो चली है और किसी के साथ भी हो सकती है। रोजाना ऐसे मामलों के खबरों में आने, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की लगातार चेतावनियों के बावजूद पढ़े-लिखे लोग साइबर ठगों के झांसे में आ रहे हैं। इनमें पद्म विभूषण से पुरस्कृत सज्जन, सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, वैज्ञानिक आदि भी शामिल हैं। अपराधी साइबर सुरक्षा जागरूकता की कमी का लाभ तो उठाते ही हैं, सुरक्षा एंजेंसियों और जांच एजेंसियों के प्रति लोगों के मन में डर, जेल जाने और बदनामी का भय दिखाकर भी पैसे ऐंठते हैं। बीते तीन माह में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में ऐसे 600 मामले पुलिस की नजर में आए हैं, जिनमें हर व्यक्ति को 20 लाख रुपये से अधिक की चपत लगी है।

इन घटनाओं से चिंतित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने परामर्श जारी किया है कि ‘‘सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, राज्य पुलिस, कस्टम विभाग या न्यायाधीश वीडियो कॉल के जरिए किसी की डिजिटल गिरफ्तारी नहीं करते। लोगों को भयभीत होने की नहीं, सतर्क  रहने की जरूरत है।’’ डिजिटल गिरफ्तारी जैसी धोखाधड़ी से बचने के लिए सबसे जरूरी है जागरूकता। किसी अनजान व्यक्ति से न निजी जानकारी साझा करें,

न अनजाने नंबर पर कॉल करें और न ही अनजान संदेश, ईमेल आदि में मौजूद लिंक को क्लिक करें। असली संस्थाएं आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगतीं। कूरियर कंपनी या कानून प्रवर्तन का दावा करने वाले कॉल को तुरंत काट दें और सीधे कंपनी के आधिकारिक माध्यमों से संपर्क  करें। कानून प्रवर्तन एजेंसियां फोन पर गिरफ्तारी की धमकी नहीं देतीं। ऐसी कॉल वाले नंबर को ब्लॉक करें और पुलिस या साइबर क्राइम शाखा को सूचित करें।

संदिग्ध गतिविधियों के लिए अपने बैंक और अन्य डिजिटल खातों की नियमित जांच करें। ऐसी सेवाओं में नामांकन करें जो आपके डेटा के खतरे में पड़ने पर आपको सूचित करती हैं। अपने डिजिटल खातों के लिए हमेशा दो-स्तरीय सत्यापन सक्षम करें।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में वरिष्ठ अधिकारी हैं)

 

Topics: भारतीय रिजर्व बैंकआर्टिफिशियल इंटेजिलेंसआनलाइन धोखाधड़ीडिजिटल गिरफ्तारीकृत्रिम बुद्धिमता और डीप फेकतकनीक का प्रयोग
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RBI repo rate cut

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत, रिजर्व बैंक ने घटाया रेपो रेट, मिलेंगे ये फायदे

अपने डिजिटल खातों के लिए हमेशा दो-स्तरीय सत्यापन करें

reserve bank report on employment

देश में वित्त वर्ष-2024 में अब तक 46.7 मिलियन नई नौकरियों का हुआ सृजन, पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी ज्यादा

पूर्व RBI गवर्नर डी सुब्बाराव की किताब में बड़ा खुलासा- ‘प्रणब और चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते समय RBI पर रहता था दबाव’

'गवर्नर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास

शक्तिकांत दास लंदन में गवर्नर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

देश में 1514 शहरी सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए चार महत्वपूर्ण पहल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies