मालेगांव (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत मालेगांव में समाजवादी पार्टी (सपा) की एक बड़ी चुनावी रैली का आयोजन किया गया, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी भी शामिल हुए। रैली के दौरान अबू आजमी ने एक विवादित बयान दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अबू आजमी ने अपने भाषण में कहा, “जिस दिन (महाराष्ट्र में) सपा के 6-8 विधायक हो जाएंगे तो ऐसा कोई नहीं जिसने अपनी मां का दूध पीया हो वह मुसलमानों से ज़्यादती कर सके।” इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में सियासत गरमा गई है, और इसे लेकर विपक्षी दलों द्वारा आलोचना की जा रही है।
रैली के दौरान अखिलेश यादव ने भी महाविकास अघाड़ी के साथ सीट बंटवारे से पहले ही अपने चार उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इनमें शिवाजी नगर से अबू आजमी, भिवंडी ईस्ट से रईस शेख और मालेगांव से सायने हिन्द को टिकट दिया गया है। समाजवादी पार्टी की इस चुनावी रैली में अखिलेश यादव के साथ सपा नेता इकरा हसन ने भी रैली को संबोधित किया।
अबू आजमी और विवादित बयान:
यह पहला मौका नहीं है जब अबू आजमी अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में आए हैं। इससे पहले भी महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं। उनके बयानों को लेकर कई बार राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़े हुए हैं। यहां उनके कुछ प्रमुख विवादित बयानों की सूची दी गई है:
1. लव जिहाद पर बयान (2023):
अबू आजमी ने ‘लव जिहाद’ को लेकर बयान दिया था कि हिंदू महिलाओं को भगवाधारी लोग बहका रहे हैं और यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उठाया जा रहा है। इस बयान की कड़ी आलोचना भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा की गई थी।
2. नारी की पोशाक पर टिप्पणी (2014):
निर्भया गैंगरेप के बाद जब देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा चल रही थी, तब अबू आजमी ने विवादित बयान देते हुए कहा था, “अगर महिलाएं शालीन कपड़े पहनें और इस्लामी नियमों का पालन करें, तो बलात्कार नहीं होंगे।” इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी, विशेषकर महिला संगठनों द्वारा।
3. हिंदुत्व पर विवादित बयान (2020):
अबू आजमी ने हिंदुत्व विचारधारा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “हिंदुत्व की आड़ में नफरत फैलाने वाले देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं।” इस बयान पर भाजपा नेताओं और कई धार्मिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
4. CAA और NRC के विरोध में बयान (2019):
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध के दौरान अबू आजमी ने कहा था, “अगर ये कानून लागू होते हैं, तो मुस्लिम समुदाय को सड़क पर उतरकर इसका विरोध करना होगा।” इस बयान को भड़काऊ माना गया और इसके खिलाफ कई कानूनी शिकायतें दर्ज की गईं।
5. महिला आरक्षण पर बयान (2010):
महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान अबू आजमी ने कहा था, “महिलाओं को राजनीति में सिर्फ दिखावे के लिए लाया जा रहा है।” इस बयान पर महिला नेताओं और संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था।
6. कोरोना महामारी पर बयान (2020):
कोरोना वायरस महामारी के दौरान तबलीगी जमात के समर्थन में अबू आजमी ने कहा था कि “मुस्लिम समाज को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। तबलीगी जमात के लोगों को फंसाया जा रहा है।” उनके इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ था।
अबू आजमी के इन विवादित बयानों के बावजूद, वे महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के मजबूत स्तंभ बने हुए हैं और कई चुनावों में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके ताजा बयान का चुनावी राजनीति पर क्या असर पड़ता है, खासकर जब अखिलेश यादव ने सपा को महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है।
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