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PFI पर ED का बड़ा ऐक्शन : 56 करोड़ की 35 संपत्तियों को जब्त कर तोड़ी आर्थिक कमर

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एक और बड़ा एक्शन लेते हुए उसकी 35 अचल संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 56.56 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये संपत्तियां पीएफआई के विभिन्न ट्रस्ट, फर्मों और व्यक्तियों के नाम पर थीं। ईडी ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पीएफआई और उसके सदस्यों द्वारा देश और विदेशों से अवैध तरीके से धन जुटाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और उन्हें वित्तपोषित करने का षड्यंत्र रचा गया था।

संपत्तियों की जब्ती

ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में 35.43 करोड़ रुपये की 19 अचल संपत्तियां और 21.13 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियां शामिल हैं। ये संपत्तियां केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जैसे राज्यों में स्थित हैं। ईडी का दावा है कि इन संपत्तियों का इस्तेमाल संगठन के विभिन्न अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता था।

पीएफआई के खिलाफ आरोप

ईडी ने अपने बयान में यह भी बताया कि पीएफआई के अधिकारी और सदस्य अवैध रूप से भारत और विदेशों से धन जुटाने में शामिल थे। इस धन का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और उन्हें वित्तपोषित करने के लिए किया गया था। धन संग्रह का कार्य भारत के अलावा खाड़ी देशों से भी किया गया, जहां कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई में पीएफआई के लगभग 13,000 सक्रिय सदस्य थे। ईडी के अनुसार, इन सदस्यों के माध्यम से नकली दानकर्ताओं से धन एकत्र किया गया, जिसे हवाला, बैंकिंग चैनलों और नकद लेन-देन के जरिए भारत पहुंचाया गया।

विदेशों से धन जुटाने का नेटवर्क

पीएफआई ने सिंगापुर और खाड़ी देशों में मजबूत नेटवर्क स्थापित किया था, जहां से उसने बड़ी मात्रा में धन जुटाया। इन देशों में काम करने वाले प्रवासी मुस्लिम नागरिकों के लिए जिला कार्यकारी समितियों (DEC) का गठन किया गया था, जो धन संग्रहण का कार्य करती थीं। इस नेटवर्क के माध्यम से पीएफआई ने 94 करोड़ रुपये जुटाए, जिसे ईडी ने ‘अपराध की आय’ के रूप में परिभाषित किया है।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

ईडी अब तक पीएफआई के 26 सदस्यों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा, फरवरी 2021 से मई 2024 के बीच 9 अभियोजन शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। ईडी के इस एक्शन से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार आतंकवादी संगठनों और उनके वित्तपोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

बड़ा महत्वपूर्ण कदम

पीएफआई के खिलाफ यह कार्रवाई भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ईडी की जांच से यह स्पष्ट हो चुका है कि संगठन ने विदेशी नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारत में कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि सरकार आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को बंद करने के लिए सख्त कदम उठा रही है।

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