वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर चल रही जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) की बैठकों के दौरान, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने नए संसद भवन के संबंध में एक विवादास्पद दावा किया है। उन्होंने कहा है कि नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है, और इस मुद्दे पर सरकार पर आरोप लगाया है कि वह वक्फ की संपत्तियों को हड़पने का प्रयास कर रही है।
बदरुद्दीन अजमल का यह दावा केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं है, बल्कि यह वक्फ संपत्तियों के अधिकार और उनके उपयोग पर चल रही व्यापक चर्चा का हिस्सा है। अजमल ने स्पष्ट रूप से कहा कि नई संसद वक्फ की जमीन पर स्थित है और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार वक्फ बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन को हड़पने की कोशिश कर रही है।
अजमल ने यह भी मांग की है कि वक्फ की संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय को सौंपा जाना चाहिए। उनका मानना है कि इन संपत्तियों का उचित उपयोग और प्रबंधन केवल उस समुदाय के हाथ में होना चाहिए जिसे ये संपत्तियाँ समर्पित की गई हैं। यह मांग मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
अजमल ने इस मुद्दे को और भी दिलचस्प बनाते हुए यह भी कहा कि अंबानी का घर भी वक्फ की जमीन पर स्थित है। उनका कहना है कि वक्फ की जमीनें पहले ही बंट चुकी हैं और इन्हें छीना नहीं जा सकता। साथ ही, उन्होंने यह सुझाव दिया कि यदि कोई अन्य व्यक्ति इन संपत्तियों का उपयोग कर रहा है, तो कम से कम उनसे किराया वसूला जाना चाहिए।
बदरुद्दीन अजमल ने स्पष्ट किया कि वे वक्फ विधेयक का विरोध करते हैं और यह लड़ाई जारी रहेगी। जेपीसी की बैठक के दौरान उन्होंने कहा, “आवाजें उठ रही हैं और दुनिया भर में वक्फ संपत्तियों की सूची सामने आई है।” इस संदर्भ में, विपक्षी दलों ने इस विधेयक का जमकर विरोध किया और संसदीय समिति की बैठक का बहिष्कार किया।
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