उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर नृशंस हत्या करने वालों को कट्टरपंथी मानसिकता वालों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। वे 22 वर्षीय हिंदू युवक गोपाल मिश्रा की हत्या को जायज ठहरा रहे हैं। उन्हें इस्लामिक झंडे से नहीं भगवा झंडा लहराने से आपत्ति है। उनके मुताबिक जो भी भगवा झंडा लगाने का प्रयास करेगा, उस पर फूल नहीं बरसाए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर अजमेर दरगाह में अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में उसे हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते और गोपाल मिश्रा की हत्या को जायज ठहराते हुए सुना जा सकता है। वह गोपाल मिश्रा की हत्या को प्रकृति का नियम बताता है और कहता है कि मुसलमानों का अपमान करने वालों, उनके घर में घुसने वालों आप उम्मीद करते हैं कि आपका स्वागत फूलों से किया जाएगा, जो होना चाहिए था वह हुआ।
सरवर चिश्ती के विवादित शब्द, ”भगवा झंडा लहराया जा रहा है, तो फिर फूल तो बरसेंगे नहीं। जो हुआ, वही होना था। हर क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। ये कुतरत का कानून का है। आप घरों में भी घुस जाओगे, डीजे पर गालियां भी बकोगे। हमारे धर्म को भी गालियां बकोगे, हमारे लोगों को भी गालियां बकोगे। मुसलमान समुदाय को गाली बकोगे। फिर ये भी कहोगे कि मुसलमान रिएक्ट भी न करें। जब मुसलमान रिएक्ट करते हैं तो फिर कहते हैं।”
अजमेर शरीफ दरगाह पर कई हिंदू चादर चढ़ाने जाते हैं और मन्नत के नाम पर पैसे भी देकर आते हैं। ऐसे में एक हिंदू युवक के हत्यारों के साथ खड़े होने वाले चिश्ती की मानसिकता और हिंदुओं के प्रति उसकी नफरत को समझा जा सकता है। वायरल वीडियो पर कई हिंदुओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि दरगाह पर चादर चढ़ाने वाले हिंदुओं को भी यह वीडियो सुनना चाहिए। अगर तुम अभी भी नहीं जागे तो तुम्हारा अंत निश्चित है।
जिगर नाम के यूजर लिखते हैं, “हे राम। जो हिंदू वहां माथा फोड़ने जाते हैं उन्हें छह महीनों के लिए अफगानिस्तान या पाकिस्तान रहने के लिए भेज देना चाहिए। अपने आप कट्टर बनकर लौटेंगे। या तो हिन्दू या तो मुसलमान।”
तरुण यादव ने लिखा, “अजमेर शरीफ का मौलाना चिश्ती बहराइच के गोपाल मिश्रा नृशंस हत्याकांड को जायज ठहरा रहा है। मौलाना चिश्ती का यह बयान अति घोर दंडनीय, निंदनीय और बेहद शर्मनाक है। चिश्ती का यह दंगाई बयान एक सभ्य मानव समाज के लिए बेहद खतरनाक है। अमजेर पुलिस प्रशासन इस जिहादी मौलाना के खिलाफ कठोर दंडनीय कार्रवाई करे, जिससे फिर कभी ये मौलना हिंदुओं के प्रति जहर उगलने की हिम्मत ना कर सके।”
एक अन्य यूजर ने लिखा कि हिंदू दरगाहों पर अपना ही पैसा चढ़ाकर अपने भविष्य के साथ ही खिलवाड़ करता है। किसी भी हिंदू को किसी भी पीर फकीर, शाह, दरगाह, मजार और मस्जिद नहीं जाना चाहिए। जरूरत हो तो अपने देवी-देवताओं के दरवाजे खटखटाओ जहां से जीवन की सभी सुख सुविधाओं के साथ शान्ति एवं शान्ति मय रास्ता मिलता है। जय श्रीराम।
बता दें कि राम गोपाल मिश्रा को गोली मारने का लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे ही वह छत से हरे रंग के झंडे को उठाते हैं, वैसे ही उनको गोली मार दी जाती है। इसके बाद वह नीचे गिर जाते हैं। हत्या के बाद जिहादियों को जश्न मनाते हुए भी देखा गया। बहराइच पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने के मुख्य आरोपी सरफराज को गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) को एनकाउंटर में ढेर कर दिया, जबकि दूसरा आरोपी तालिब गोली लगने से घायल हो गया। ये दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे।
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