भारत का भगोड़ा चरमपंथी जाकिर नाइक एक अक्तूबर से लेकर 25 अक्तूबर तक पाकिस्तान के दौरे पर है। वह पाकिस्तान के विभिन्न शहरों के मदरसों के कार्यक्रमों में शामिल हो रहा है। जाकिर नाइक का पाकिस्तान दौरान विवादों में है। उसकी उलटी-सीधी दलीलें सुनकर पाकिस्तानियों का एक वर्ग भड़का हुआ है। हालांकि नाइक सरकार के बुलावे पर वहां गया है। उसके दौरे के संबंध में वहां के मीडिया ने भी तीखी टिप्पणियां की हैं। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार बिलाल फारुकी ने एक्स पर लिखा है, ‘‘लोग बेकार में ही जाकिर नाइक को महत्व दे रहे हैं, वह न पहला और न ही आखिरी धोखेबाज है जो अज्ञानता फैलाने के लिए पाकिस्तान आया है।’’ एक्शन फॉर ह्यूमेनटेरियन डेवलपमेंट के सीईओ और कराची निवासी यासीन रिंद ने एक्स पर लिखा है, ‘‘जब कोई औद्योगिक पैदावार बढ़ाने, आयात-निर्यात बढ़ाने में मदद करने वाला, योजना लेकर दुनिया से कोई पूंजीपति-उद्योगपति पाकिस्तान नहीं आया, तो सोचा एक मजहबी ठेकेदार को ही मंगा लो। आखिर धंधा ही तो करना है।’’
दरअसल फारुकी जैसे लोग इसलिए भड़के हुए हैं क्योंकि जाकिर नाइक ने एक कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं को लेकर अपशब्द कहे। उसने कहा, ‘‘मुस्लिम औरतों को बिना शादी के नहीं रहना चाहिए। अगर कोई कुंआरा आदमी नहीं है तो वह या तो किसी शादीशुदा आदमी से शादी कर ले या फिर बाजार में बैठ जाए।’’
युवती के सवाल पर भड़का नाइक
ऐसे ही एक कार्यक्रम में जाकिर नाइक एक मुस्लिम युवती के तार्किक सवाल पर भड़क गया। दरअसल कराची में हुए एक कार्यक्रम में एक पश्तून लड़की ने नाइक से पूछा, ‘‘मैं जहां रहती हूं, वहां बाल यौन शोषण, व्यभिचार और नशीली दवाओं की लत जैसी इतनी सारी बुराइयां क्यों हैं, जबकि वहां के लोग कट्टरता से इस्लाम का पालन करते हैं? मगर उलेमा इन पर नहीं बोलते, क्यों?’’
नाइक ने पहले तो सवाल को टालने की कोशिश की, फिर बेतुका तर्क दिया। इस पर भी वह लड़की संतुष्ट नहीं हुई। फिर नाइक ने कहा, ‘‘तुम जो कह रही हो, उसमें विरोधाभास है। कुरान या किसी भी इस्लामी किताब में बाल यौन शोषण का कोई जिक्र नहीं है। कोई भी मुसलमान बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार नहीं कर सकता। किसी दूसरे पर आरोप लगाने से पहले आपको दस बार सोचना चाहिए।’’ जब लड़की ने फिर से सवाल दागा तो जाकिर नाइक ने झल्लाकर कहा, ‘‘तुम गलत हो और अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगो। उसने आयोजकों से कहा कि लड़की को यहां से हटाया जाए।’’
हिंदू विद्वान के सामने बोलती बंद
एक कार्यक्रम में जब एक पाकिस्तानी हिन्दू विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान से जाकिर नाइक का सामना हुआ तो उसे बगलें झांकनी पड़ी। प्रोफेसर ने पहले तो जाकिर नाइक के सामने संस्कृत में श्लोक पढ़कर अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि मनुष्य को उसके कर्मों से आंका जाता है। कर्म ही कर्तव्य है और कर्तव्य ही धर्म है। धर्म केवल अपने स्वार्थ के लिए हो, तो वह पाप की ओर ले जाता है। हमें अपने कर्म समाज के लिए करने चाहिए, जो मोक्ष का मार्ग है।’’ फिर प्रोफेसर ने नाइक से सवाल किया कि ‘मुस्लिम बहुल देशों में मजहब के नाम पर जो हिंसा और अलगाववाद फैला है, उसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?’ पर नाइक इस सवाल का कोई ठोस जवाब नहीं दे पाया।
कई देशों में है प्रतिबंध
जाकिर नाइक की तकरीरें वैमनस्य फैलाने वाली होती हैं। भारत से भागने के बाद कई देशों ने उसके अपने यहां आने पर प्रतिबंध लगा रखा है। पाकिस्तान यात्रा से पहले उसने एक पाकिस्तानी यूट्यूब नादिर अली के पॉडकास्ट में भारत के मुसलमानों को यह कहकर उकसाने की कोशिश की थी कि मुकेश अंबानी का मुंबई स्थित विला ‘एंटीलिया’ वक्फ की जमीन पर बनाया गया है। उसने यह भ्रम भी फैलाने की कोशिश थी कि वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने के बाद भारत की सभी मस्जिदों पर हिंदू कब्जा कर लेंगे। इस इंटरव्यू के दौरान ही जाकिर नाइक ने पाकिस्तानी सरकार के बुलावे पर पाकिस्तान जाने की इच्छा जताई थी। इस साक्षात्कार के प्रसारण के कुछ घंटे बाद ही जाकिर नाइक को पाकिस्तान सरकार का बुलावा आ गया।
भारत की प्रशंसा की
जाकिर नाइक अपने बेटे शेख फारुक नाइक के साथ अक्तूबर की पहली तारीख को पाकिस्तान पहुंचा था। नाइक और उसका बेटा करीब 1000 किलो सामान के साथ जब पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर पहुंचा तो पीआईए वालों ने उसे इतना ज्यादा सामान लाने पर जुर्माना भरने को कहा। नाइक ने पाकिस्तान एयरलाइन (पीआईए) के लोगों पर धौंस जमाने की कोशिश की कि वह पाकिस्तान सरकार का मेहमान है। बावजूद इसके पीआईए वालों ने उसकी नहीं सुनी और उसे 50 प्रतिशत छूट देकर बाकी 50 प्रतिशत फाइन भरने का आदेश दिया। नाइक ने कहा, ”भारत में कोई गैर मुस्लिम भी मुझे देखेगा तो फ्री में छोड़ेगा। ये है भारत। ये पाकिस्तान है। सरकार का मेहमान हूं। मेरे वीजा पर लिखा है स्टेट गेस्ट। और आपके पीआईए का सीईओ कहता है आपको 50 प्रतिशत छूट दूंगा। मुझे इतना दुख हुआ कि मैं पाकिस्तान में आ रहा हूं। ये है पाकिस्तान का हाल है। जो इज्जत मुझे भारत में मिलती है, कहीं और नहीं मिलती।
युवाओं को बनाता है कट्टरपंथी
जाकिर नाइक अपनी तकरीरों के माध्यम से मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ के बीज बोता है। उसके कार्यक्रमों में हिंदू देवी-देताओं का मजाक उड़ाया जाता है। यही नहीं, वह अपने पीस टीवी के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी करता था। पीस टीवी बांग्लादेश से संचालित हुआ करता था। मगर 2016 में ढाका के बरिस्ता बेकरी धमाके में 24 निर्दाेष लोगों के मारे जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया, बल्कि जांच में बांग्लादेशी युवाओं में इस्लामी कट्टरपंथ भरने का भी खुलासा हुआ था।
इस धमाके के आरोप में पकड़े गए कई लोगों ने खुलासा किया था कि वे जाकिर नाइक के भाषणों से बहुत प्रभावित हैं और उन्हें इसकी प्रेरणा उसी से मिली है। भारत की एजेंसियों ने जब जांच पड़ताल की तो उसके कई कारनामों का पता चला। पता चला कि नाइक मुंबई से मनीलॉर्डिंग, आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम करता था। यह सब पीस टीवी और उनके इस्लामिक रिसर्च सेंटर के माध्यम से किया जा रहा था। इसके बाद इस्लामिक रिसर्च सेंटर पर ताला लगा दिया गया। तब से नाइक और उनका परिवार मलेशिया में निर्वासित जीवन जी रहा है। वहां उसके सार्वजनिक सभा को संबोधित करने पर प्रतिबंध है।
चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट
जाकिर नाइक और उसका बेटा लंबे अरसे बाद पाकिस्तान में सार्वजनिक मंच पर हैं। इससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। जाकिर नाइक के 1000 किलो के सामान में क्या-क्या है? उसके इन कार्यक्रमों के क्या दूरगामी परिणाम निकलने वाले हैं? अमेरिका के एक थिंक टैंक ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में जो निष्कर्ष निकाला है, वह चिंता बढ़ाने वाला है।
जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा विश्लेषण-एक भू-राजनीतिक कदम या एक राजनीतिक शरण? इस रिपोर्ट में गौरव संतोष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान दिलाया है। सवाल है कि क्या यह यात्रा केवल एक मजहबी जुड़ाव है या यह भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए बड़े भू-राजनीतिक परिणाम रखती है? इस रिपोर्ट में इसे बिंदुवार समझाने का प्रयास किया गया है।
1. पाकिस्तान ने जाकिर नाइक को एक मजहबी उस्ताद की हैसियत से बुलाया है या एक राजनीतिक उपकरण के तौर पर? यह कदम पाकिस्तान द्वारा कट्टरपंथी समूहों के बीच समर्थन को मजबूत करने और अपने भारत विरोधी प्रचार को आगे बढ़ाने का एक रणनीतिक प्रयास भी हो सकता है।
2. नाइक का पाकिस्तान जाने का अचानक फैसला मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की हाल ही में भारत यात्रा के बाद आया है, जहां उनके साथ नाइक के प्रत्यर्पण की संभावना पर चर्चा की गई थी। ठोस सबूत मिलने पर सहयोग करने की मलेशिया की इच्छा को देखते हुए, नाइक ऐसे देश में शरण मांग सकता है जिसका भारत में वांछित व्यक्तियों को शरण देने का इतिहास रहा है।
3. पाकिस्तान नाइक की व्यक्तियों को कट्टरपंथी बनाने की क्षमता को अच्छी तरह से जानता है। यहां मोहम्मद मकसूद का मामला एक उदाहरण् के तौर पर लिया जा सकता है। मकसूद को बिहार से अयोध्या मंदिर पर बम विस्फोट की धमकी देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। मकसूद ने नाइक के भाषणों से प्रभावित होने की बात स्वीकार की थी। पाकिस्तान संभावित रूप से नाइक के प्रभाव का इस्तेमाल भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए कर सकता है।
4. भारत विरोधी तत्वों को पनाह देने के पाकिस्तान के इतिहास ने अक्सर भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए वास्तविक खतरों का रूप ले लिया है। नाइक का पाकिस्तान में आना उसी उद्देश्य को पूरा कर सकता है। उसकी चरमपंथी विचारधारा भारत के भीतर सांप्रदायिक कलह को भड़काने के पाकिस्तान के प्रयासों से जुड़ी हैं। नाइक को अपने जहरीले भाषणों को फैलाने के लिए एक मंच प्रदान करके, पाकिस्तान उसके प्रभाव का लाभ उठाकर अधिक व्यक्तियों को कट्टरपंथी बना सकता है।
5. यदि नाइक का पाकिस्तान दौरा सफल रहता है, तो यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक चुनौती पेश करेगा। जबकि भारत नाइक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया पर दबाव बना रहा है। पाकिस्तान में उसकी संभावित शरण से यह अवसर समाप्त हो सकता है।
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