देहरादून । उत्तराखंड में हाल ही में खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने इन मामलों की गहन जांच के निर्देश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
त्योहारों के सीजन में सख्ती और शुद्धता पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आने वाले त्योहारों के मौसम में खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और शुद्धता सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव और खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने भी सख्त एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है। इसमें दोषियों पर 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में जूस और अन्य खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट और गंदी वस्तुओं की मिलावट के मामले सामने आए हैं। यह खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे मामलों में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना और उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर जोर
आयुक्त डॉ. राजेश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि खाद्य प्रतिष्ठानों में स्वच्छता और साफ-सफाई का सख्ती से पालन किया जाएगा। खाद्य पदार्थ बनाने और परोसने वाले कर्मचारियों के लिए फेस मास्क, ग्लव्स और हेड गियर का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, खाद्य पदार्थों को तैयार करते समय धूम्रपान, थूकना, या किसी अन्य प्रकार की गंदगी फैलाना सख्त मना होगा।
त्योहारों के दौरान सुरक्षा पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता और असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इसके लिए सरकार ने कई छापेमारी अभियान शुरू कर दिए हैं और सैंपलिंग प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने वाले कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य संरक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी पर एक नजर
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जारी एसओपी में कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख रूप से यह सुनिश्चित किया गया है कि खाद्य पदार्थों को बनाने और परोसने वाले कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए।
कानूनी प्रावधान और जुर्माना
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर दोषियों को 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, बिना लाइसेंस के खाद्य कारोबार करने वाले प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा खाद्य सुरक्षा पर सख्त कदम उठाने से उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार का यह कदम त्योहारों के मौसम में जनता को स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम प्रयास है।
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