ब्रिटेन की पुलिस ने एक ईसाई पादरी को गिरफ्तार कर लिया, उसे 13 घंटे तक पुलिस कस्टडी में रखा गया। आरोप है कि आरोपी पादरी ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के पास एक सड़क पर उपदेश दे रहा था। उसी दौरान आरोपी पादरी ने इस्लाम को लेकर बयानबाजी की थी। इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले दादा दीया मूडली पर एक आदमी ने अटैक कर दिया था।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि ये वारदात उस वक्त हुई, जब ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के बाहर सड़क पर वह ईसाई पादरी क्रिश्चियन पंथ को लेकर उपदेश दे रहा था, उसी दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति ने उससे कुछ सवाल किए, जिसके बाद उस पादरी मूडली ने एक मुस्लिम व्यक्ति के सवाल के जबाव में दोनों पंथों के बीच तुलना की थी। बाद में मूडली ने उपदेश देते हुए इस्लामी और ईसाई ईश्वर के नैतिक मानकों के बीच अंतर पर अपने विचार व्यक्त किए।
उस पादरी ने कहा था कि ईश्वर ने मुनष्य को नर और मादा के तौर पर बनाया है। हालांकि, मूडली के स्पीच के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति में उन्हें सीढ़ी से नीचे धक्का दे दिया, तभी एक अन्य हमलावर ने उनसे उनका प्रतीक छीन लिया। इसके बाद तीन अन्य युवकों ने उसके चिन्ह को रौंद दिया है। इसी के बाद एवन और समरसेट पुलिस ने मूडली को अपराध और अव्यवस्था अधिनियम 1998 की धारा 31 (1) (सी) और सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत हिंसा के के बिना नस्लीय या धार्मिक रूप से भड़काने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
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हालांकि, बाद में पुलिस ने विश्वविद्यालय को मूडली के संकेतों को नष्ट करने का निर्देश दिया था और बाद में उसके लिए माफी भी मांगी। इसको लेकर ब्रिस्टल की पुलिस ने मूडली को एक ईमेल भेजकर उनसे मांगी।
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