केरल

मुस्लिम तुष्टिकरण पर उतारू केरल की वामपंथी सरकार, वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी

Published by
Kuldeep singh

देश में मनमाने तरीके से जमीनों को हड़पने की वक्फ बोर्ड की चालों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक अधिनियम के खिलाफ देश भर के मुस्लिम संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। केरल की पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली वामपंथी सरकार अब वक्फ बोर्ड के समर्थन में आ गई है। मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए केरल सरकार आज राज्य विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआईएम के नेतृत्व वाली पिनाराई विजयन सरकार मौजूदा विधानसभा सत्र चल रहा है। इसीलिए अब वक्फ बोर्ड का समर्थन करने के लिए केरल सरकार विधानसभा का सहारा लेने जा रही है। खास बात ये है कि कांग्रेस भी वक्फ बोर्ड का समर्थन कर रही है। 8 अगस्त को लोकसभा में विधेयक का विरोध करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ संशोधन विधेयक अधिनियम को संविधान की आत्मा पर हमला करार दिया था। वक्फ बोर्ड द्वारा लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा करने को दरकिनार करते हुए आरोप लगाया था कि ऐसा करके लोगों की आस्था और धर्म पर हमला किया जा रहा है।

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ईसाई पर गांव पर वक्फ बोर्ड के दावे पर साध ली थी चुप्पी

उल्लेखनीय है कि हाल ही में वक्फ बोर्ड ने केरल में 600 की जनसंख्या वाले गांव पर अपना दावा ठोंक दिया था। इसके खिलाफ देश भर में विरोध भी हुआ, लेकिन फिर भी केरल की पिनाराई विजयन सरकार चुप रही। लेकिन, मुसलमानों का समर्थन करने के लिए केरल सरकार अब विधानसभा के जरिए कानून बना रही है।

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क्या कहता है वक्फ संशोधन विधेयक

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के द्वारा मनमाने तरीके से जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किए जाने को रोकने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक लाई है। इसे लोकसभा में पेश किया गया था, हालांकि, बाद में इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। बता दें कि केंद्र सरकार का दावा है कि 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य मस्जिदों और मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्तों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है, विपक्ष और मुस्लिम नेता इसे समुदाय से संपत्ति ‘जब्त’ करने का ‘असंवैधानिक’ प्रयास बताते हैं।

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