15-16 अक्तूबर को राजधानी इस्लामाबाद में एससीओ समिट संपन्न होगा। इन दो दिनों के लिए पीटीआई पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल से छोड़ने की मांग के साथ जबरदस्त प्रदर्शन करने का खाका बना चुकी है, जबकि शाहबाज सरकार इस विरोध को हर हालत में कुचलने की तैयारी कर चुकी है। इस माहौल के पीछे दुनिया के आज शीर्ष देशों में गिने जा रहे पड़ोसी भारत की ओर उंगली उठाकर मंत्री अहसान इकबाल ने दुनिया को दिखाया है कि शाहबाज शरीफ की सरकार के मंत्रियों का बौद्धिक स्तर क्या है।
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर एससीओ समिट में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचने वाले हैं। लेकिन उससे पहले कल वहां के एक मंत्री ने ऐसी बयानबाजी की जिससे उस देश की शैतानी मंशा साफ जाहिर हुई। इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन से माहौल गर्माया हुआ है। इसे लेकर शाहबाज सरकार में योजना मंत्री इकबाल ने कहा इस इमरान की पार्टी के इन प्रदर्शनों के पीछे ‘पड़ोसी देश’ का हाथ है। इकबाल ने भारत का नाम लिए बिना यह बचकाना आरोप जयशंकर के उस देश में पहुंचने से ठीक पहले करके अपनी ‘मेहमाननवाजी’ की मिसाल पेश की।
जयशंकर आज रात प्रधानमंत्री शाहनवाज शरीफ द्वारा एससीओ के लिए आए विदेशी मेहमानों के लिए दिए जाने वाले रात्रि भोज में शामिल होंगे। कल और परसों यानी 15—16 अक्तूबर को राजधानी इस्लामाबाद में एससीओ समिट संपन्न होगा। इन दो दिनों के लिए पीटीआई पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल से छोड़ने की मांग के साथ जबरदस्त प्रदर्शन करने का खाका बना चुकी है, जबकि शाहबाज सरकार इस विरोध को हर हालत में कुचलने की तैयारी कर चुकी है। इस माहौल के पीछे दुनिया के आज शीर्ष देशों में गिने जा रहे पड़ोसी भारत की ओर उंगली उठाकर मंत्री अहसान इकबाल ने दुनिया को दिखाया है कि शाहबाज शरीफ की सरकार के मंत्रियों का बौद्धिक स्तर क्या है।
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पीटीआई कल असेम्बली के सामने विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है। शाहबाज सरकार इसे किसी भी कीमत पर न होने देने की मंशा घोषित कर चुकी है। इस मुद्दे पर भारत की तरफ संकेत करके इकबाल नया विवाद खड़ा करना चाहते हैं कि ‘पीटीआई को भारत से यह अराजकता कराने की शह मिल रही है’। एससीओ सम्मेलन के शामिल होने से पहले ही, जयशंकर साफ कह चुके हैं कि इस दौरे में एजेंडा सिर्फ और सिर्फ एससीओ समिट है, इसके बीच उस पाकिस्तान से कोई द्विपक्षीय वार्ता करने का कोई कार्यक्रम नहीं है जो आतंकवाद का प्रायोजक है।’ इस बात से पाकिस्तान के उक्त मंत्री शायद चिढ़े होंगे और इसलिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की उपस्थिति में भारत पर बेवजह का आरोप मढ़ने में आगे आए होंगे।
शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ समिट के संदर्भ में मंत्री इकबाल ने भारत का नाम भले नहीं लिया है लेकिन पीटीआई के विरोध प्रदर्शन के पीछे ‘पड़ोसी देश की भूमिका’ को लेकर निराधार बयान देने की भी जरूरत नहीं थी। इकबाल ने शैतानी मंशा दिखाते हुए प्रदर्शन को ‘पड़ोसी देश’ तथा ‘पाकिस्तान के विरोधियों का एजेंडा’ बताया।
यह सब इकबाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा। एससीओ समिट से पीटीआई के विरोध प्रदर्शन को जोड़ते हुए वे बोले कि यह पार्टी नहीं चाहती कि दुनिया पाकिस्तान का अच्छा चेहरा देखे। इसके बजाय दुनिया को वे पीटीआई वाले आंसू गैस और विरोध प्रदर्शन का देश दिखाना चाहती है। इकबाल ने सवाल खड़ा किया कि आखिर पीटीआई चल किसके एजेंडे पर रही है। ये एजेंडा पाकिस्तान का है या इसके दुश्मनों का? याा फिर ये एजेंडा हमारे पड़ोसी देश का है? इकबाल के कहे अनुसार तो, ‘भारत इस बात से चिंता में डूबा है कि आखिर पाकिस्तान इतना बड़ा समिट कर कैसे रहा है।’
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बहुत संभव है, पाकिस्तान के योजना मंत्री चीन के वहां पहुंचे प्रधानमंत्री ली कियांग को यह संकेत देना चाहते हों कि भारत उनके यहां अव्यवस्थता फैला रहा है, कि भारत उनके यहां लोकतंत्र को आहत करने की कोशिश में है! सच तो यह है कि पाकिस्तान डूबती नैया की तरह आईएमएफ में तिनके का सहारा ढूंढ रहा है। कंगाल हो चुके देश में अगए एससीओ जैसा कोई सम्मेलन हो भी रहा है तो उसका पैसा पाकिस्तान को चीन ने भीख में दिया होगा।
इकबाल को भारत की तरफ शैतानी इशारा करने का बहाना शायद कुछ दिन पहले पीटीआई के एक नेता के बयान से मिला होगा जिसमें उसने जयशंकर से प्रदर्शन स्थल पर आकर पीटीआई कार्यकर्ताओं को संबोधित करने की अपील की थी। लेकिन बाद में उसकी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने ऐसे किसी बयान को पार्टी का नहीं, उस नेता का अपना मत बताकर खारिज कर दिया था।
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