विश्व

Britain: पूर्व प्रधानमंत्री Boris हैं Modi के मुरीद, अपनी किताब में की भारत के PM की खुलकर प्रशंसा

Published by
WEB DESK

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने वह वक्त याद किया जब वे पहली बार ​मोदी से मिले थे। उन दिनों बोरिस लंदन के महापौर हुआ करते थे। उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए लिखा है कि ‘मोदी ने मेरा हाथ पकड़ा, मुझे उठाया। वे मुझसे हिंदी में कुछ बोले जो मेरी समझ में नहीं पाया। लेकिन उनके स्पर्श से ऐसा लगा जैसे मेरे पूरे शरीर में कोई दिव्य ऊर्जा दौड़ गई हो।


जुलाई 2019 से सितम्बर 2022 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे बोरिस जॉनसन ने भारत के प्रधानमंत्री को ‘बदलाव का वाहक’ बताते हुए उनकी खुलकर प्रशंसा की है। अपनी नई किताब में बोरिस ने मोदी से अपनी पहली भेंट के संबंध में एक भावपूर्ण घटना का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि वे जब मोदी से मिले तो अपने अंदर एक गजब की ऊर्जा का प्रवाह महसूस किया था। उन्होंने लिखा है कि जब मोदी ने उनका हाथ पकड़कर उठाया तथा हिंदी में कुछ कहा, तो भले उनकी समझ में एक शब्द भी नहीं आया लेकिन उन्हें एक करंट सा लगा और लगा जैसे पूरे शरीर में एक गजब की ऊर्जा प्रवाहित हुई हो।

बोरिस जॉनसन ने बाजार में आई अपनी किताब ‘अनलीश्ड’ पर बोलते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष रूप से उल्लेख किया। अपने संस्मरणों के आधार पर लिखी इस किताब में उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के नाते जो कुछ किया, देखा, सुना उसकी विशद चर्चा की है। उन्होंने लिखा है कि उनका राजनीतिक कैरियर कई उतार—चढ़ावों से गुजरा है। इस कैरियर के दौरान ही भारत के एक विशिष्ट नेता से भेंट उनकी जिंदगी को एक अनोखा अनुभव दे गई है।

‘अनलीश्ड’ पुस्तक ब्रिटेन के प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के यहां गत सप्ताह से मिलनी आरम्भ हो गई है

‘अनलीश्ड’ पुस्तक ब्रिटेन के प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के यहां गत सप्ताह से मिलनी आरम्भ हो गई है। इसी पुस्तक में बोरिस जॉनसन ने एक खास अध्याय ‘ब्रिटेन और भारत’ लिखकर भारत—ब्रिटेन के परंपरागत रिश्तों पर गहनता से प्रकाश डाला है। उन्होंने लिखा है कि भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्ते अन्य किसी भी देश से बने संबंधों में सबसे खास हैं। इस बारे में उन्होंने हिंद-प्रशांत का उल्लेख किया है।

उनका कहना है कि भारत और ब्रिटेन के बीच ठोस संबंध ही हैं जिनके बूते ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता है। इसमें भी उन्होंने अपने कार्यकाल में भारत में​ मोदी के होने को खास तरजीह दी है। उनके अनुसार, मोदी के रहते विश्वास था कि दोनों देश न सिर्फ एक महत्वपूर्ण मुक्त-व्यापार समझौता कर सकते हैं, बल्कि दोस्त की तरह बराबरी की साझेदारी भी गढ़ सकते हैं जो लंबे वक्त तक चलेगी।

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने वह वक्त याद किया जब वे पहली बार ​मोदी से मिले थे। उन दिनों बोरिस लंदन के महापौर हुआ करते थे। उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए लिखा है कि ‘मोदी ने मेरा हाथ पकड़ा, मुझे उठाया। वे मुझसे हिंदी में कुछ बोले जो मेरी समझ में नहीं पाया। लेकिन उनके स्पर्श से ऐसा लगा जैसे मेरे पूरे शरीर में कोई दिव्य ऊर्जा दौड़ गई हो। उसके बाद से मुझे उनका सान्निध्य मिलता रहा है। वे दोनों देशों के बीच ‘बदलाव के वाहक’ हैं।

Share
Leave a Comment