आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के तमाम तरह के तामझाम व वायदों-दावों के बावजूद राज्य में पराली धड़ल्ले से जल रही है। लगातार ज्यादा पराली जलने से पंजाब की हवा दूषित होने लगी है। किसान संगठनों से पीडि़त बठिंडा इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में रहा। शुक्रवार को यह 155 और शनिवार को 195 था।
डॉक्टरों के मुताबिक, इस एक्यूआई में बाहर रहने पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अमृतसर का एक्यूआई 104, पटियाला का 106, लुधियाना का 120, खन्ना का 82 और मंडी गोबिंदगढ़ का 80 दर्ज किया गया। 10 अक्तूबर को पंजाब में पराली जलाने के 123, 11 को 143, 12 को 177 मामले आए थे। इन तीनों दिनों में पराली जलाने के मामले बीते दो सालों की तुलना में अधिक दर्ज किए गए थे।
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रविवार शाम तक सबसे अधिक 48 मामले अमृतसर जिले से सामने आए। वहीं, पटियाला जिले में 26, तरनतारन में 38, सीएम भगवंत मान के जिला संगरूर में 16, मालेरकोटला, गुरदासपुर व कपूरथला में 4-4 मामले, फिरोजपुर में 7, मानसा में 5, बठिंडा, फाजिल्का, लुधियाना, मोगा व एसएएस नगर में 1-1 और जिला फतेहगढ़ साहिब में पराली जलाने के 2 मामले रिकॉर्ड किए गए।
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ज्ञात रहे कि पंजाब सरकार ने कहने को तो सारी सरकारी मशीनरी को फील्ड में उतारा हुआ है, किसानों को मशीनें उपलब्ध करवाने के दावे किए जा रहे हैं परन्तु इन सबका परिणाम शून्य के आसपास अटकता दिख रहा है। कुछ किसान मैं ना मानूं-मैं ना मानूं की माला जप रहे हैं और परिणाम आम लोगों, और सर्वाधिक बच्चों तथा बूढ़ों को भुगतना पड़ रहा है।
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