स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा को आगे बढ़ायेंगे नोएल टाटा
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम बिजनेस

स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा को आगे बढ़ायेंगे नोएल टाटा

नोएल टाटा की छवि रतन की तरह धीर-गंभीर है। वह कोई बहुत खबरों में रहना पसंद नहीं करते। वह एक कर्मयोगी की तरह काम में लगे रहना पसंद करते हैं।

by आर.के. सिन्हा
Oct 13, 2024, 04:08 pm IST
in बिजनेस
नोएल टाटा

नोएल टाटा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

रतन टाटा के निधन के एक दिन बाद ही उनके सौतेले छोटे भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से ही टाटा समूह परोपकारी कामों को करता है। पूरे देश की आशा है कि 76 वर्षीय नोएल टाटा अपने अग्रज के नक्शे कदम पर चलते रहेंगे। वे नवल टाटा, जो रतन के पिता भी थे और सिमोन टाटा के पुत्र हैं। वे टाटा ट्रस्ट सहित कई टाटा कंपनियों के बोर्ड में हैं। वह अब वे टाटा समूह के धर्मार्थ और लोक कल्याणकारी कार्यों का नेतृत्व करेंगे। वह टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष हैं। उनकी छवि रतन की तरह धीर-गंभीर है। वह कोई बहुत खबरों में रहना पसंद नहीं करते। वह एक कर्मयोगी की तरह काम में लगे रहना पसंद करते हैं। रतन टाटा भी तो सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते थे और एक शर्मीले अकेले व्यक्ति की सार्वजनिक छवि पेश करते थे।

रतन की तरह नोएल को भी अपने पिता नवल टाटा से बिजनेस की बारीकियों को जानने का मौका मिला। नवल टाटा भारतीय हॉकी संघ के अध्यक्ष भी रहे। नवल टाटा ने अपने एक निकट संबंधी सुनी टाटा से शादी की, लेकिन जब रतन और उनके छोटे भाई, जिमी, अभी बहुत छोटे थे, तब वे अलग हो गए। नोएल की मां सिमोन हैं। वह रतन टाटा की अंत्येष्टि में मौजूद थीं। उन्होंने सौंदर्य प्रसाधन की कंपनी लैक्मे को स्थापित किया था। सिमोन टाटा मूल रूप से स्विट्जरलैंड से हैं। वह 1953 में जब भारत आईं तो यहां उनकी मुलाकात नवल एच. टाटा से हुई। उसके बाद दोनों ने शादी की। उन्होंने रतन टाटा और नोएल का पालन-पोषण किया।

बहरहाल, नोएल टाटा के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है कि वह रतन टाटा की विरासत को आगे लेकर जाएं। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को दुनिया के बड़े कोरपोरेट हाउस में तब्दील कर दिया था। रतन टाटा अपने ग्रुप के 1991 से 2012 तक अध्यक्ष रहे। इस दौरान टाटा ग्रुप के मुनाफे में 50 गुना वृद्धि हुई, जिसमें अधिकांश राजस्व विदेशों में जगुआर और लैंड रोवर वाहनों और टेटली चाय जैसे पहचाने जाने वाले टाटा उत्पादों की बिक्री से आया। रतन टाटा के नेतृत्व में उनके समूह का भारत में प्रभाव पहले से कहीं अधिक ही हुआ।

दरअसल, रतन टाटा उन मूल्यों को प्रतिबिंबित करते थे जिनमें व्यावसायिकता, उद्यमशीलता और सभी हितधारकों के हितों को आगे बढ़ाने को लेकर एक प्रतिबद्धता का मिला जुला भाव होता है। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने कई चुनौतियों का सामना किया और लाभदायक विकास पर अधिक ध्यान देने के साथ हर बार मजबूत बनकर उभरी। बेशक, वह भारत के कॉरपोरेट जगत के सबसे सफल और सम्मानित नाम रहे।

रतन टाटा ने वक्त रहते टाटा ग्रुप में अपने संभावित उत्तराधिकारियों को तैयार कर शुरू दिया था। यह तो सबको पता है कि हरेक व्यक्ति के सक्रिय करियर की आखिरकार एक उम्र है। उसके बाद तो उसे अपने पद को छोड़ना ही है, खुशी-खुशी छोड़े या मजबूरी में छोड़ना पड़े। इसलिए बेहतर होगा कि किसी कंपनी का प्रमोटर, चेयरमैन या किसी संस्थान का जिम्मेदार पद पर आसीन शख्स अपना एक या एक से अधिक उत्तराधिकारी तैयार कर ले। बेहतर उत्तराधिकारी मिलने से किसी कंपनी या संस्थान की ग्रोथ प्रभावित नहीं होती। सत्ता का हस्तांतरण बिना किसी संकट या व्यवधान के हो जाता है। आप कंपनी को मेंटोर के रूप में शिखर या कहें कि चेयरमैन के पद से हटने के बाद भी सलाह तो दे ही सकते हैं।

एक बात समझनी होगी कि किसी कंपनी या उद्योग समूह की सफलता का माप केवल उसके वित्तीय प्रदर्शन से नहीं होता है। कंपनी का चरित्र, नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व भी उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कंपनी के प्रबंधन को ग्राहकों, कर्मचारियों, या समाज के साथ ईमानदारी बरतनी चाहिए। रतन टाटा की सरपरस्ती में टाटा समूह ने निर्णय लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। रतन टाटा के लिए अपने ग्राहकों को संतुष्ट करना पहली प्राथमिकता रही। उनके चलते उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता और ग्राहक सेवा में उच्च मानक रखे गए। वह अपने ग्राहकों के साथ मजबूत और स्थायी संबंध बनाने में यकीन करते थे। वह ग्राहकों को सुनते और उनकी जरूरतों को समझते थे।

रतन टाटा ने अपने सामाजिक दायित्वों को हमेशा समझा इसीलिए टाटा समूह हर साल बहुत बड़ी रकम खर्च करता है। टाटा समूह सिर्फ एक कॉर्पोरेशन नहीं है, बल्कि एक ऐसा संगठन है जिसके डीएनए में “समाज सेवा” है। जमशेदजी टाटा की दूरदृष्टि से स्थापित इस समूह ने शुरू से ही समाज सेवा को अपने कार्यों का अभिन्न अंग बनाया है। यह अपने धर्मार्थ कार्यो के माध्यम से भारत में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डालता है, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

जमशेदजी को यह प्रेरणा स्वामी विवेकानंद जी से प्राप्त हुई थी। शिकागो के सर्वधर्म सम्मेलन में जाने के पूर्व जब वे दक्षिण भारत का भ्रमण कर रहे थे तो उन्हें यह बात खली कि दक्षिण भारत में विज्ञान की उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाला कोई संस्थान नहीं है। तब उन्होंने विचार किया कि इस काम में टाटा स्टील के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा उपयुक्त व्यक्ति होंगे और उन्होंने शिकागो जाने के पूर्व उन्हें एक पत्र लिखा जो “माई डियर जेआरडी“ के नाम से प्रसिद्ध है। स्वामीजी ने टाटा को लिखा कि “आप बिहार के जमशेदपुर से अच्छा पैसा कमा रहे हैं। मेरी शुभकामना है कि और ज़्यादा धन अर्जित करो और ज़्यादा लोगों को रोज़गार दो। लेकिन, विज्ञान की उच्चतर शिक्षा से वंचित दक्षिण भारत की भी थोड़ी चिंता करो और दक्षिण भारत में कहीं भी विज्ञान की ऊँची पढ़ाई और रिसर्च का कोई बढ़िया संस्थान स्थापित करो। मैं जानता हूँ कि तुम यह कर सकते हो और विश्वास है कि तुम ऐसा ही करोगे।” स्वामी विवेकानंद जी की इस प्रेरक चिट्ठी पढ़ने के बाद जमशेदजी इतने प्रेरित हुए कि उन्होंने बैंगलुरु में तत्काल विज्ञान का एक बढ़िया संस्थान शुरू कर दिया जो आज “इण्डियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस“ के नाम से विश्वविख्यात है और जो प्रतिभाशाली बच्चे वैज्ञानिक बनाना चाहते हैं या रिसर्च या अध्यापन कार्य में अपना करियर बनाना चाहते हैं वे किसी भी आईआईटी में जाने से ज़्यादा आईआईएस में जाना ज़्यादा पसंद करते हैं।

अब नोएल टाटा को टाटा समूह के धर्मार्थ कार्यों पर फोकस करना होगा। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक विकास, आपदा राहत और कला-संस्कृति जैसे क्षेत्रों में काम करना होगा। टाटा समूह समाज सेवा में एक दीर्घकालीन प्रतिबद्धता रखता है। वह कई दशकों से इन कार्यों में लगातार जुड़ा हुआ है और यह प्रतिबद्धता आगे भी जारी रहनी चाहिए। सारे देश को पता है कि टाटा समूह समाज सेवा के माध्यम से सतत विकास में विश्वास रखता है। इसके कार्य न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। टाटा समूह के धर्मार्थ कार्य देश के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान हैं। अब देश को नोएल टाटा से यह आशा है कि वह अपने समाज सेवा से जुड़े कार्यों को जारी रखेगा।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं।)

Topics: स्वामी विवेकानंदरतन टाटानोएल टाटा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भगवान और माता सीता

भारत की राष्ट्रीय देवी हैं सीता माता: स्वामी विवेकानंद

माधव नेत्रालय के शिलान्यास समारोह में  सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और श्री नरेंद्र मोदी के साथ (बाएं से) श्री देवेंद्र फडणवीस, स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरि जी , श्री नितिन गडकरी  व अन्य

‘स्वयंसेवक के लिए सेवा ही जीवन’

‘युद्ध नहीं, शांति के उपासक हैं हम’

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को प्रेरित किया, कहा- राजनीति विकसित भारत का माध्यम बन सकती है

Swami Vivekananda

युवा भारत के स्वप्नद्रष्टा स्वामी विवेकानंद

Swami Vivekananda Virth Aniversary

जयंती विशेष: विभिन्न धर्मों और मान्यताओं पर स्वामी विवेकानंद के दृष्टिकोण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies