एक तरफ भारत में कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी इस्लामिक और शरिया कानून को देश में लागू करने के लिए परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर उज्बेकिस्तान ने हाल ही में मुस्लिम शैली की दाढ़ी पर बैन लगाने के लिए नई पॉलिसी को लागू किया है। हालांकि, उज्बेक सरकार के एक्शन से इस्लामिक देश भड़क गए हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई भी मुस्लिम व्यक्ति लंबी दाढ़ी रखता है तो पुरुषों को 400$ तक का जुर्माना भरना पड़ रहा है। इस कदम की आलोचना करते हुए मुस्लिम कट्टरपंथी व्यक्तिगत और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मान रहे हैं। दरअसल, मुसलमान दाढ़ी को अक्सर कई मुस्लिम समुदायों में इस्लामिक आस्था और पहचान का प्रतीक माना जाता है।
क्यों लिया गया यह फैसला
बताया जाता है कि उज्बेकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथ बढ़ता जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथ से निपटने और धर्म निरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। उज्बेक अधिकारियों का कहना है कि धार्मिक संबद्धता के कुछ बाहरी प्रदर्शन, जैसे लंबी दाढ़ी, कट्टरपंथ से जुड़े हो सकते हैं। सरकार का कहना है कि इस प्रतिबंध का उद्देश्य देश की सेक्युलर छवि को बनाए रखने और सभी की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
बताया जाता है कि उज्बेकिस्तान का कट्टरपंथ से निपटने का पुराना इतिहास रहा है। वह लंबे वक्त से संभावित चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है। हालांकि, मुसलमानों का आरोप है कि इस तरह के प्रतिबंध लगाकर उज्बेक सरकार मुसलमानों को टार्गेट करने की कोशिशें कर रही है। मुस्लिमों का कहना है कि उनकी आस्था को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की क्षमता को सीमित करता है। मुस्लिमों का कहना है कि सरकार के इस कदम से देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अलग-थलग पड़ सकता है।
टिप्पणियाँ