सहारनपुर जिले के चिलकाना क्षेत्र के निवासी शहाबुद्दीन, जिन्होंने लगभग 30 साल पहले इस्लाम अपना लिया था, ने अब वापस अपने मूल सनातन धर्म में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने इस निर्णय के साथ अपना नाम बदलकर अर्जुन भारद्वाज रख लिया है। शुक्रवार को सरसावा के देवकी मंदिर में शुद्धिकरण हवन के बाद शहाबुद्दीन को सनातन धर्म में पुनः शामिल किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने इस धर्म परिवर्तन का नेतृत्व किया।
30 साल बाद घर वापसी
करीब तीन दशक पहले शहाबुद्दीन हिंदू धर्म के अनुयायी थे, लेकिन समय के साथ कुछ परिस्थितियों ने उनके जीवन को बदल दिया। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें बहला-फुसलाकर इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। इस्लाम अपनाने के बाद उन्होंने एक मुस्लिम महिला से विवाह किया, जिससे उन्हें दो बेटे हुए। उनकी पत्नी का निधन हो गया और उनके बेटे उनसे अलग रहने लगे। इस कठिन परिस्थिति में, शहाबुद्दीन ने अपनी जड़ों की ओर लौटने का निर्णय लिया और सनातन धर्म में वापस आ गए। उन्होंने कहा कि अब वे अपने शेष जीवन को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार बिताना चाहते हैं।
शुक्रवार को सरसावा के देवकी मंदिर में शहाबुद्दीन का शुद्धिकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान हवन और पूजा के साथ उनका पुनः स्वागत सनातन धर्म में किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के कई प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद थे, जिनमें विभाग सह संयोजक हरीश कौशिक, जिला मंत्री मनीष योगाचार्य, जिला उपाध्यक्ष रमेश पंकज, धर्म रक्षक अनुज, खंड संयोजक आशुतोष और आयुष शामिल थे। उन्होंने इस वापसी को धर्म प्रचार कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
शहाबुद्दीन ने बताया कि लगभग 30 साल पहले कुछ लोगों ने उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए राजी किया था। अब वह अर्जुन भारद्वाज के नाम से जाने जाएंगे और सनातन धर्म के अनुयायी बनकर अपने जीवन को नए सिरे से जीने का संकल्प ले चुके हैं।
हालांकि, शहाबुद्दीन के दोनों बेटे अब भी इस्लाम का पालन करते हैं । शहाबुद्दीन का कहना है कि उनका निर्णय पूरी तरह से स्वेच्छा से लिया गया है और वह अपने धर्म में लौटने के बाद बेहद संतुष्ट महसूस कर रहे हैं। यह घटना सहारनपुर और आस-पास के क्षेत्रों में काफी चर्चा का विषय बन चुकी है।
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